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ग्राउंड रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार की मनरेगा मजदूरी में आंशिक बढ़ोतरी पर विपक्षी नेताओं ने कसा तंज

जहां एक तरफ चुनाव से पहले मनरेगा मजदूरी में आंशिक बढोरती कर सरकार वाहवाही लूट रही है, वहीं इस बार वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार मनरेगा के मद में लगभग 34 फीसदी की कटौती कर चुकी है।

लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना’ के तहत काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी में चार से दस रुपये तक की बढ़ोतरी की है।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मजदूरी दर में सबसे कम तीन फीसदी का इजाफा किया गया है। यानी प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रुपये की बढ़ोतरी की है।

वहीं गोवा में सबसे ज्यादा 10.6 फीसदी मजदूरी दर बढ़ाई गई है। गोवा में प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दर में 34 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।

जहां एक तरफ चुनाव से पहले मनरेगा मजदूरी में आंशिक बढोरती कर सरकार वाहवाही लूट रही है, वहीं इस बार वित्त वर्ष 2023-24 में मनरेगा के मद में लगभग 34 फीसदी की कटौती कर चुकी है। केंद्र सरकार लगातार तीन वर्षों से मनरेगा के मद में कटौती कर रही है।

जबकि कई राज्यों में मनरेगा का भुगतान न होने से केंद्र और राज्य सरकार के बीच तना-तनी की खबरें आती रही हैं।

सरकार के मनरेगा की मजदूरी में आंशिक बढ़ोतरी करने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी की चुटकी ली है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मनरेगा श्रमिकों को बधाई हो कि प्रधानमंत्री ने मजदूरी सात रुपये बढ़ा दी है।

राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘मनरेगा श्रमिकों को बधाई! प्रधानमंत्री ने आपका मेहनताना सात रुपये बढ़ा दिया है। अब शायद वह आपसे पूछे ‘क्या कीजिएगा आप इतनी बड़ी धनराशि का? 700 करोड़ खर्च कर आपके नाम पर ‘धन्यवाद मोदी’ का अभियान भी शुरू कर दें।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘जो मोदी जी की इस अपार उदारता से नाराज़ हैं, वो याद रखें कि ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार पहले दिन हर मज़दूर का मेहनताना बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिदिन करने वाली है।’

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए ‘श्रमिक न्याय’ गारंटी के तहत मनरेगा की मजदूरी को 400 रुपये प्रतिदिन करने का वादा किया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मनरेगा की मजदूरी दर में बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ‘श्रमिक न्याय’ गारंटी के तहत इस योजना के लिए दैनिक मजदूरी 400 रुपये करेगी।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘मोदी सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए मनरेगा मजदूरी दर में संशोधन किया है। नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी। अभी इस मुद्दे को छोड़ दें कि क्या यह आगामी चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है? फ़िर भी सरकार द्वारा सभी राज्यों के लिए घोषित दैनिक मजदूरी की दरें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की श्रमिक न्याय गारंटी के तहत घोषित 400 रुपए प्रति दिन से बेहद कम हैं।’

पश्चिम बंगाल में टीमसी नेता साकेत गोखले ने सरकार के वेतन संशोधन के इस फैसले को शर्मनाक और नफरती बताया है। उन्होंने कहा कि 7000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बकाया मनरेगा मजदूरी रोकने के बाद, बंगाल विरोधी भाजपा ने फिर से पश्चिम बंगाल के लोगों को 5 फीसदी मजदूरी वृद्धि के साथ दंडित करके निशाना बनाने का सहारा लिया है, जबकि भाजपा शाषित राज्यों को 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी मिली है। यह बंगाल के प्रति भाजपा की नफरत का एक और उदाहरण है।

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