वाराणसी। करौंदी स्थित वल्लभ भाई पार्क में बृहस्पतिवार को बनारस की ओर से एलजीबीटीक्यूआई प्लस समुदाय के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों के लिए काम कर रही रुबीना ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। इसी प्रेरणा से हम यह आयोजन कर रहे हैं।
अमन ने कहा कि आज के शिविर में यौन बीमारियों की जांच व परामर्श के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी चर्चा की गई। कहा कि एलजीबीटी समुदाय के लोग सामाजिक लोक-लाज, प्रतिबंधों, उपेक्षा के बीच संघर्ष करते रहते हैं। इनकी परेशानी उनके घर-परिवार के लोग भी कई दफा नहीं सुनते। ऐसे में डॉक्टर के पास जाना, उनसे चिकित्सकीय परामर्श लेना और इलाज करा पाना एक जटिल प्रक्रिया हो जाती है।
बनारस प्राइड आयोजन की प्रमुख नीति ने बताया कि हम आज के इस शिविर में एचआईवी, एसटीआई (यौन संचारित संक्रमण) और अन्य परीक्षण भी निःशुल्क करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज के बीच एचआईवी/ एसटीआई के प्रति समाज में गलत वर्जना है। एड्स या एचआईवी का नाम सुनते ही असामान्य हो जाने वाले लोगों को जागरूक करना इस शिविर का प्रमुख उद्देश्य है। सिर दर्द, बुखार, कैंसर, टीबी की तरह ही यौन संक्रमण एक बीमारी है। डॉक्टर इसकी भी जांच करते हैं और दवा देकर इसे ठीक करते हैं।
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दिव्यांक ने कहा, ‘हमारी माँग है कि सरकार यौन बीमारियों और इससे जुड़ी सामाजिक चुप्पियों को ठीक करने के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवा, दवा और प्रारंभिक देखभाल की सुविधा को निःशुल्क करे।’
कहा कि कोविड समय में अन्य वर्गों और समुदायों की तरह यौनकर्मी भी बुरी तरह से प्रभावित हुए। आने वाले समय में स्वास्थ्य का अधिकार एक जरूरी मांग बनकर सामने आने वाला है। हमारी कोशिश है कि स्वास्थ्य सम्बंधी योजनाओं में एलजीबीटी समुदाय के लिए इनकी शारीरिक-मानसिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए व्यापक प्रभाव वाले कार्यक्रम और योजनायें बनाई जाएंगी।
ज्ञातव्य हो कि जुलाई और अगस्त माह में दुनिया भर में एलजीबीटी समुदाय के लिए आयोजित होने वाला प्राइड आयोजन बनारस में भी किया जा रहा है। गीत-संगीत, नृत्य, फ्री-हग, पोस्टर निर्माण, फ्लैश मॉब, टॉक अनप्लग्ड और प्राइड वॉक जैसे अनूठे आयोजनों से माह भर एलजीबीटी समुदाय सार्वजनिक उपस्थिति से अपनी स्वीकार्यता माँग रहा है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से शिवांगी, मिलिंद, सुमित, सुभम, धीरज, पंकज आदि रहे।