Sunday, May 19, 2024
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छत्तीसगढ़ में दलित युवाओं ने अपने अधिकार के लिए निर्वस्त्र हो किया प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज अनुसूचित जाति, जनजाति समाज के युवाओं ने अपने हक के लिए सड़क पर  निर्वस्त्र प्रदर्शन किया।  राज्य की राजधानी में यह प्रदर्शन विधानसभा के घेराव के लिए किया गया था। यह युवा फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्यवाई की मांग को लेकर […]

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज अनुसूचित जाति, जनजाति समाज के युवाओं ने अपने हक के लिए सड़क पर  निर्वस्त्र प्रदर्शन किया।  राज्य की राजधानी में यह प्रदर्शन विधानसभा के घेराव के लिए किया गया था। यह युवा फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्यवाई की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत थे। रायपुर का विधानसभा सत्र आज से शुरू होने की वजह से युवाओं ने प्रदर्शन के लिए आज का दिन चुना। इन  युवाओं ने अपनी आवाज उठाने का जो तरीका अख़्तियार किया उससे प्रशासन के हाथ-पाँव  फूल गए। निर्वस्त्र युवा, मंत्रियो और विधायकों के  विधानसभा पहुँचने से पहले ही सड़क पर आ गए थे, जिसकी वजह से मंत्रियो एवं विधायकों की गाडियाँ इनके पीछे-पीछे चलती  दिखीं।

पुलिस ने विधानसभा पहुँचने से पहले युवाओं के इस प्रदर्शन रोकने की कार्रवाई करते हुये उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। इस प्रदर्शन को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत भी तेज हो गई है। फिलहाल सरकार ने सड़क पर युवाओं के इस प्रदर्शन के मामले को तूल पकड़ता देख जांच के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन कर दिया है। सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि इस मामले में युवाओं द्वारा उठाए गए मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी।  जिन लोगों ने भी गलत प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी पाई है, उन्हें पद से हटाया जाएगा और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

इस प्रकरण को लेकर भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि यह घटना छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने वाली है। फिलहाल इस प्रकरण पर अभी तक राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे 267 लोग अब भी कर रहे हैं नौकरी

अनुसूचित जाति, जनजाति के युवाओं का कहना है कि तीन साल पहले ही इस मामले की जांच का आदेश हुआ था लेकिन सरकार की तरफ से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। आज भी लगभग 267 लोग फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। तीन साल पहले हुये आदेश के बाद नौकरी कर रहे कुछ लोग कोर्ट पहुँच गए थे। बाद में सरकार ने भी इस प्रकरण पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस मामले को लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति के युवा लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन के बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं की गई तो आक्रोशित युवाओं ने इस तरह के प्रदर्शन का निर्णय लिया। इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे युवा नेता विनय कौशल ने बताया कि हम सरकार के लोगों से लंबे समय से इस मामले के निराकरण को लेकर बातचीत कर रहे थे, पर हमारी मांग को लगातार अनसुना किया जाता रहा। उन्होंने बताया कि हमने अपने निर्वस्त्र प्रदर्शन के बारे में पहले ही सरकार को अवगत करा दिया था पर जब कोई तवज्जो नहीं मिली तो सरकार को नींद से जगाने के लिए हमें यह निर्णय लेना पड़ा।

गाँव के लोग
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