कुछ समय पहले तक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ओबीसी आरक्षण के सख्त खिलाफ थे और आरक्षण को लेकर लगातार विरोध में बयान दिया करते थे लेकिन चुनाव आते ही उनके सुर बदल गए क्योंकि देश में ओबीसी का बड़ा वोट बैंक हैं।
सावित्री बाई फुले विश्वविद्यालय पुणे,जेएनयू तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ दलित स्टडीज द्वारा 20 राज्यों के 110800 परिवारों को सम्मिलित करते हुए सन 2015 से 2017 के मध्य किए गए अध्ययन के बाद संबंधित अध्ययनकर्ताओं ने अपने निष्कर्ष में बताया कि 22.3 प्रतिशत उच्चतर जातियों के हिंदुओं के पास देश की 41 प्रतिशत संपत्ति है। जबकि 7.8 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की आबादी के पास 3.7 प्रतिशत संपत्ति ही है। हिन्दू अनुसूचित जाति के लोगों के पास केवल 7.6 प्रतिशत संपत्ति ही है। अनुसूचित जाति का कोई श्रमिक सामान्य जाति के अपने समकक्ष श्रमिक की आय का केवल 55 प्रतिशत ही प्राप्त कर पाता है।