शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, खेत और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर जन दबाव बनाना जरूरी
शांति सद्भावना यात्रा के पांचवे दिन पिंडरा विकासखंड के गांवों में हुआ भ्रमण
नफरत और बांटने की राजनीति का बहिष्कार करना आज की आवश्यकता है : वीरेंद्र यादव
वाराणसी। समाज मे शांति, सद्भावना, प्रेम, सौहार्द्र और भाईचारे के सन्देश का प्रसार करने के लिए आयोजित नौ दिवसीय शांति एवं सद्भावना यात्रा का मंगलवार को वाराणसी के पिंडरा विकासखंड के चिउरापुर, हरिशंकरपुर, नेहिया, पुवारी कला आदि गांवों में शानदार अभिनन्दन हुआ। ज्ञातव्य है कि उक्त पदयात्रा का आयोजन साझा संस्कृति मंच वाराणसी एवं जन आंदोलनो के राष्ट्रीय समन्वय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है। यात्रा दिनों में वाराणसी जिले के सभी विकास खंडों से होती हुयी पांच नवम्बर को सारनाथ में सम्पन्न होगी।

इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव वीरेंद्र यादव ने कहा कि भारत की खासियत विविधता में एकता है। विभिन्न धर्मों, जातियों और पंथों के लोग यहाँ एक साथ रहते हैं। भारत का संविधान अपने नागरिकों को समानता और स्वतंत्रता की गारंटी देता है। शांति और सद्भाव सुनिश्चित रहें, इसके लिए कई कानून बनाए गए हैं। बनारस की बात करें, तो सैकड़ों सालों से अलग-अलग तरीकों से पूजा-पाठ शादी-ब्याह से लेकर अंतिम कर्म करने वाले लोग बहुत प्यार से एक ही गाँव मुहल्ले में रहते आएं हैं। सभी तरह के धर्म, जाति, विचारों से भरा पूरा छोटा-सा अलमस्त शहर बनारस, दुनिया भर के लोगों को कैसे जुटा के रखता है, ये एक आश्चर्य और कौतुहल का विषय है, नफरत और बांटने की राजनीति को बनारस को नकारना ही होगा तभी यहाँ की गंगा-जमुनी तहजीब की परम्परा बची रहेगी। पदयात्रा के संयोजक नंदलाल मास्टर ने कहा कि शांति और सद्भाव आदमी की बुनियादी जरूरत है। देश के नागरिक खुद को समृद्ध और सुरक्षित तभी महसूस कर सकते हैं जब उनके आसपास शांति हो, सद्भावना हो. यह यात्रा समाज में प्रेम सौहार्द्र और मेलजोल बनाये रखने के इसी प्रयास की एक कड़ी है।
