आयुक्त ने बताया, ‘हमें मुहैया कराई गई जानकारी के मुताबिक प्रयोगशाला का सफाई कर्मी टैंक की सफाई करने के लिए उसमें उतरा था और वह किसी जहरीली गैस की चपेट में आ गया। उसे सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हमारा कर्मी (वेगाड) टैंक में उतरा। वह उस कर्मचारी को बचाने में सफल रहा लेकिन स्वयं उसकी दम घुटने से मौत हो गई।’ उन्होंने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।मृतक के छोटे भाई दीपक वेगाड ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मौत को लेकर सवाल उठाया और पूछा कि जब घटनास्थल पर जेटिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा था तब क्यों पर्यवेक्षक ने उनके भाई को टैंक में उतरने दिया। उन्होंने कहा, ‘हमें अधिकारियों से जवाब चाहिए कि मशीन होने के बावजूद उनके भाई को टैंक में क्यों उतरने दिया गया। वह हमारे परिवार में कमाने वाले एकमात्र सदस्य थे। नगर निगम को उनके परिवार को वित्तीय मुआवजा सुनिश्चित करना चाहिए और उनके बेटे को नौकरी देनी चाहिए।’
इससे पूर्व जून 2019 में भी गुजरात में इस प्रकार की एक घटना घटित हुई थी। गुजरात के वडोदरा के फरटिकुई गाँव में एक होटल के सेप्टिक टैंक को साफ करने उतरे 7 सफाई कर्मचारियों की दम घुटने से मौत हो गयी थी। इस मामले में होटल के मालिक हसन अब्बास भोरानिया वाला के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था।
भावनगर (भाषा)। गुजरात के भावनगर में एक सरकारी प्रयोगशाला के परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान एक सफाई कर्मी की मौत हो गई जबकि एक अन्य बीमार हो गया। भावनर नगर निगम (बीएमसी) के आयुक्त एनवी उपाध्याय ने शनिवार को बताया कि यह घटना शुक्रवार को तब हुई जब निगम के कुछ सफाई कर्मी केंद्रीय नमक एवं समुद्री रसायन अनुसंधान संस्थान के परिसर में जेटिंग मशीन की मदद से सेप्टिक टैंक की सफाई कर रहे थे। मृतक की पहचान बीएमसी कर्मी राजेश वेगाड (45) के तौर पर की गई है।