दो मुल्काें का साझा अतीत, साझा वर्तमान (डायरी 15 अगस्त, 2022)
नवल किशोर कुमार
धर्म हालांकि तब भी महत्वपूर्ण था जब दोनों देश एक थे। गांधी के कांग्रेस के हिंदूवाद का परिणाम जिन्ना का मुस्लिम लीग था। इसके अलावा हिंदू महासभा जैसे संगठन भी सक्रिय हो चुके थे। यह तो 1930 के दशक में ही तय हो गया था कि इस देश को मजहब के आधार पर बांटा जाएगा। हालांकि इस दशक के आरंभ में हुए गोलमेज सम्मेलन के दौरान अंग्रेजों ने इसकी कोशिश जरूर की कि सांप्रदायिक आधार पर शासन-प्रशासन में भागीदारी सुनिश्चित कर धर्म के आधार पर विभाजन को रोका जाय।
जस्थान के जालोर में एक आठ साल के दलित बच्चे की मौत के बाद पूरे देश में सवाल है कि आखिर कब तक पानी के सवाल पर दलितों की हत्या की जाती रहेगी? ऐसा ही एक सवाल बिहार के गया जिले के शेरघाटी की है, जहां बीते शुक्रवार को एक दलित महिला की दो बच्चियों को मोरहर नदी में फेंक दिया गया, जिनसे उनकी मौत हो गई और महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। क्रूरता की पराकाष्ठा यह कि महिला को गर्दन तक बालू में गाड़ दिया गया
अमृत महोत्सव का जश्न और गालियों का समाजशास्त्र (डायरी 14 अगस्त, 2022)
