Tuesday, August 26, 2025
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बिहार के सीतामढ़ी में जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत, एक की हालत गम्भीर

सीतामढ़ी, बिहार (भाषा)। सीतामढ़ी जिले में शुक्रवार और शनिवार की मध्यरात्रि कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई...

बिहार सरकार ने नवनियुक्त शिक्षकों के संघ बनाए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी

पटना, (भाषा)। बिहार सरकार ने नवनियुक्त शिक्षकों को चेतावनी दी है कि अगर वे कोई ‘संघ’ बनाते हैं या इसका हिस्सा बनते हैं और...

बिहार में खेल के क्षेत्र में सुधार की कवायद

एक समय था जब कहा जाता था, पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे खराब। मगर बदलते समय के साथ इस कहावत के मायने बदल गये...

बकरी पालन से ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं

बिहार सरकार अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ी जाति और सामान्य वर्ग को अलग-अलग दर से अनुदान दिया जाता है। सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत एवं अन्य जातियों को 60 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रावधान है। 20 बकरियों के साथ एक बकरा पालने के लिए लगभग 2 लाख की राशि दी जा रही है। इसके लिए ब्लाॅक व जिला स्तर पर पशुपालन विभाग में फाॅर्म आवेदन करना होता है। आवेदन की जांचोपरांत लाभुक को सब्सिडी राशि बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है। राज्य सरकार प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में देती है। इसके लिए बैंक से ऋण भी मुहैया कराया जाता है। सभी प्रक्रिया पशुपालन विभाग और बैंक के जरिए किसानों, मजदूरों व भूमिहीनों की आजीविका के लिए उपलब्ध कराने का प्रावधान है।

जिम्मेदार नागरिक बनाने का शिल्पकार होता है शिक्षक

शिक्षक दिवस पर विशेष किसी भी राष्ट्र की उन्नति इस बात पर निर्भर करती है कि उसके नागरिक सामाजिक, बौद्धिक व चारित्रिक स्तर पर कितने...

पाठ्यक्रमों में साम्प्रदायिक दृष्टिकोण से बदलाव अनुचित

बनारस के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री को भेजा पत्रक नालंदा में मदरसा अग्निकांड में संलिप्त गुंडों के तत्काल गिरफ्तारी की मांग वाराणसी। इतिहास और साहित्य...

संग्रह से प्रकाशन तक भिखारी ठाकुर का रचना संसार

लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की 86वी जयंती समारोह 25-26 दिसंबर 1976 को बैजनाथ सिंह उच्च विद्यालय कुल्हड़िय में धूमधाम से मनाई गई। जयंती समारोह...

बिहार में राजनीतिक परिवर्तन और उसके मायने

बिहार में नीतीश कुमार की सरकार गिर गयी है और ये लेख लिखे जाने तक अगली सरकार के गठन की रूपरेखा सामने नहीं आयी...

बिहार – अश्क आंखों में कब नहीं आता (डायरी, 10 अगस्त, 2022)

कल फिर बिहार की सियासत पर पूरे देश की नजर रही। इसकी वजह भी थी। अभी एकदम हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित...

सब कुछ तराजू पर नहीं तौला जा सकता (डायरी 7 अगस्त, 2022)  

आजकल पारंपरिक तराजू नजर नहीं आते। लोग वजन तौलने की मशीन रखने लगे हैं। यह अच्छा भी है और बुरा भी। अच्छा इस मायने...

सुप्रीम कोर्ट के अबतक के सबसे दयालु और ईमानदार मुख्य न्यायाधीश के नाम (डायरी, 31 जुलाई, 2022)

 उर्दू बड़ी प्यारी भाषा है और इसके शब्द एकदम से शानदार। हालांकि उर्दू के संबंध में मेरी समझ पहले ऐसी नहीं थी। मुझे तो...

हम बिहार के लोग कहाँ पहुंचे (डायरी 25 जुलाई, 2022) 

गांवों से पलायन अब नियति बनती जा रही है। जिस राज्य से मैं आता हूं, वह बिहार है और वर्तमान में मेरा यह राज्य...

असुरक्षित घर और बेटियों की चुनौती (डायरी 7 जुलाई, 2022) 

बदलाव प्रकृति का नियम है और इस लिहाज से भी सोचें तो हम बदलावों को रोक नहीं सकते। समाज में भी तमाम तरह के...

पटना के राजीव नगर के उन लोगों के नाम, जिनके घर जिला प्रशासन ने ढाह दिये (डायरी, 4 जुलाई, 2022) 

कल का दिन भी बुखार के साथ ही बीता। हालांकि सुबह में इसका असर कम था। ऐसा शायद इस वजह से कि सुबह में...

हमारे यहाँ लड़कियां बारात में नहीं जाती हैं..

अपवाद छोड़ दें तो स्त्रियों को यदि जिम्मेदारीपूर्ण काम दिए जाएँ और किसी निर्णय लेने में शामिल किया जाए तो वे उस काम को बहुत ही बेहतर तरीके से ख़ुशी-ख़ुशी पूरा करती हैं। लेकिन अक्सर घर-परिवार-समाज में उन्हें इंसान का नहीं, बल्कि एक स्त्री का दर्जा दिया जाता है।  हमेशा उन्हें घर के अंदर शारीरिक मेहनत वाले काम ही सौंपे जाते हैं।  बात-बेबात कमअक्ल और बाहर की दुनिया से अनभिज्ञ समझा ही नहीं जाता, बल्कि इस बात का गाहे-बगाहे ताना भी दिया जाता है।

महाराष्ट्र में भाजपा की जीत की कही-अनकही कहानी (डायरी,30 जून, 2022)

कल का दिन सियासत के लिहाज से यादगार दिन रहा। वैसे यह मेरे एक व्यक्तिगत कारण से भी महत्वपूर्ण था, लेकिन सियासती कारण अधिक...

ताकि जकिया जाफरी को मिले ‘न्याय’ (डायरी, 25 जून, 2022)

तानाशाह... तानाशाह ही होता है। हालांकि उसके भी दो हाथ, दो पैर, दो आंखें और बाकी सब अंग भी अन्य इंसानों के जैसे ही...

मुफ्त की चाय कभी पी है आपने? (डायरी 16 जून, 2022)

लोकोक्तियों और मुहावरों का अपना ही महत्व होता है। फिर चाहे वह किसी भी भाषा या बोली के क्यों ना हों। बाजदफा तो ये...

अलबेले लालू प्रसाद (डायरी 10 जून, 2022) 

जो लोग लालू प्रसाद को 'ललुआ' कहकर संबोधित करते हैं और गर्व की अनुभूति करते हैं, उनमें से कुछेक लोग मेरी आलोचना भी करते...

‘ग्वालबाड़े’ का मतलब क्या होता है प्रेमकुमार मणि जी? (डायरी 4 जून, 2022) 

जातिसूचक शब्दों और अपशब्दों को सुनकर अन्य क्या महसूस करते हैं, मैं नहीं जानता। मैं तो अपनी बात कहता हूं। जब कोई व्यक्ति जातिसूचक...

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