Friday, December 27, 2024
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

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गांधीवादी अमरनाथ भाई के गांव में लगा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में आक्सीजन की किल्लत एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई थी. जिससे लोग काफी असहाय महसूस कर...

दिलीप साहब में बड़ा क्रिकेटर बनने की भी सम्भावना थी!

दिलीप साहब को दुनिया छोड़ने के बाद उनके कद्रदानों ने तरह से याद किया. बतौर अभिनेता उनकी खूबियाँ तो हर किसी ने बताई ;...

क्या कविता का मतलब बाल की खाल निकालना है ?

सिर्फ प्रतिभा नहीं, कविता एक क्राफ्ट भी है जिसका ताल्लुक सीखने और अभ्यास से है और जिसके सहारे ही कविता आस्वाद से जुड़ती है।...

आम और आदमी या आम आदमी या फिर कोई और? (11 जुलाई, 2021 की डायरी)

दो शब्द हैं - आम आदमी। दोनों शब्दों के बीच कोई मेल नहीं। मतलब यह कि आम एक फल है और आदमी आदमी। लेकिन...

सामान्य और असामान्य की कौन-सी परिभाषा है आपके पास? (10 जुलाई, 2021 की डायरी )

घटना मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की है। इस घटना को देखने और समझने के कई तरीके हो सकते हैं जो कि सामान्य तौर...

दलित पैंथर और आज के बहुजन लेखकों की भूमिका!   

 दलित पैंथर ने ईंट का जवाब पत्थर से देने की मानसिकता पैदा किया आज 9 जुलाई है :‘दलित पैंथर’ का स्थापना दिवस! आज से 49...

भाषा और समाज से गहराई से जुड़े बुद्धिजीवी ही हिन्दुत्ववादियों के निशाने पर हैं

पुरुषोत्तम अग्रवाल अपने कबीर सम्बंधी अध्ययन में जाति प्रश्न को अंग्रेजी शासन की देन बताते हुए इसे औपनिवेशिक ज्ञानकांड तक सीमित कर देते हैं,...

एक मिनट का मौन

एमानुएल ओर्तीज़ (17 मई 1974) मेक्सिको-पुएर्तो रीको मूल के युवा अमरीकी कवि हैं। वह एक कवि-संगठनकर्ता हैं और आदि-अमरीकी बाशिन्दों, विभिन्न प्रवासी समुदायों और...

वेद और लोक का द्वंद्व: तुलसी बनाम कबीर  

अपनी आलोचनात्मक पुस्तक ‘कबीर के आलोचक’ के द्वारा डॉ. धर्मवीर ने हिंदी आलोचना की एक नयी ज़मीन तोड़ी थी। अपनी इस पुस्तक में उन्होंने...

पंडित नेहरू और शेख अब्दुल्ला के कारण ही कश्मीर बन सका भारत का हिस्सा

भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई व्यक्ति व संगठन जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर समस्या के लिए जिम्मेदार मानते हैं। परंतु इसके...

इतिहास ने दलितों को जो मौका दिया वे उसका फायदा नहीं उठा पाए…

  दलित साहित्य में आत्मकथा एक बुनियादी विधा है। अनेक दलित लेखकों ने अपनी आत्मकथाएं लिखी हैं। अधिकांश दलित लेखकों की आत्मकथाएं तो इतनी चर्चित...

लोकतंत्र की पुनर्स्थापना : जनता के सामने विकल्प

आज के भारत की तुलना एक दशक पहले के भारत से करने पर हैरानी होती है। लोकसभा (2014) में भाजपा के बहुमत हासिल करने...

फ़िलिस्तीन और इज़राइल संघर्ष

फ़िलिस्तीन और इज़राइल को समझने और लिखने में जितना समय व उर्जा लेखकों ने लगाया है शायद पूरे मध्यपूर्व को समझने में नहीं लगा...

क्या सार्वजनिक वितरण प्रणाली में नगद हस्तानान्तरण योजना गैरजरूरी है?

सार्वजनिक वितरण प्रणाली का नाम आने पर अक्सर लोगों के आँखों के सामने एक नकारा, भ्रष्ट तंत्र की तस्वीर उभरती है, जिसकी नुमाइंदगी उचित...

सिनेमा में लोकतत्व की बाजारू नुमाइश

सिनेमा के आगमन से पहले लोगों के मनोरंजन का मुख्य साधन लोककलाएँ थीं। लोककला में नाटक, गीत-संगीत, नृत्य, अभिनय और अन्य प्रदर्शनकारी कलाएं शामिल...

क्या मुसलमान भारत में बहुसंख्यक बनेंगे?

हिन्दू आबादी में कमी और मुस्लिम आबादी में तेजी से बढ़ोत्तरी का हौव्वा एक बार फिर खड़ा किया जा रहा है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार, आबादी में मुसलमानों का प्रतिशत 14.2 और हिन्दुओं का 79.8 था। सामान्य समझ के विपरीत, मुसलमानों द्वारा परिवार नियोजन कार्यक्रमों का लाभ ज्यादा उठाया जा रहा है। 

कबीर दास की लाइब्रेरी

(कबीर को याद करने के सबके अपने तरीके हैं । कवि-चिंतक देवेंद्र आर्य ने एक मिथक के बहाने कबीर के ज्ञान संसार की एक...

बुद्ध से साक्षात्कार

बनारस की सुबह यह मार्च महीने के आखिरी दिन की सुबह है और हम वाराणसी के स्टेशन पहुँच गए हैं। वाराणसी में एक बार पहले...

खतरनाक लोगों के साथ पहाड़ में सफर

  इधर क्योंकि घूमना-फिरना काफी बढ़ गया है इसलिए बहुत कुछ शेयर करने लायक इकट्ठा हो जाता है। कई जगह से घूम-घाम कर कुछ दिन...

उन्हें अपने से अधिक समाज की चिंता थी

कमलेश यादव डॉक्टर मनराज शास्त्री के न रहने की खबर स्तब्धकारी थी और वह भी कोरोना से । इलाज के लिए वे जौनपुर के...

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