किसी भी देश का तंत्र(सिस्टम) कैसा है, जानने के लिए वहाँ की राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति से पता किया जा सकता है। यदि सिस्टम भ्रष्ट है तो वहाँ रहने वाले लोग भी भ्रष्ट होंगे। हमारे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने वाले संगठन, दल, गैर सरकारी संस्थाएं और समाज के लोग खुद ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लिप्त हैं। पढ़िये तेजपाल सिंह 'तेज' का यह लेख
केंद्र की मोदी सरकार के पिछले दो कार्यकाल संसद में विपक्ष के नेता के बिना ही चला और बीजेपी सरकार ने खूब मनमानी की। लेकिन अठारहवीं लोकसभा के चुनाव के बाद इस बार संसद में विपक्ष के नेता की बागडोर राहुल गांधी के जिम्मे है, और वे इस ज़िम्मेदारी को अच्छी तरह निभा रहे हैं। इसे उन्होंने संसद के पहले सत्र में ही दिखा दिया। इस बार सत्ता पक्ष को संसद में उन सवालों से दो-चार होना ही पड़ेगा, जिनसे वह बचता आया था।
खिरिया बाग और अंडिका बाग आंदोलनों ने संघर्ष की जो जमीन तैयार की है उसमें अब कीचड़ नहीं है, जो कमल खिल पाएगा। जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) के राष्ट्रीय समन्वयक किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि आजमगढ़ के सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट को नाक का सवाल न बनाएं। किसान निरहुआ समेत भाजपा को 2024 में करारा जवाब देगा।
गाँव उजाड़े जाने पर चालीस हज़ार की आबादी किस घाट लगेगी इसका कोई खाका अब तक नहीं बना है क्योंकि इसमें सरकार और प्रशासन डंडे के बल पर अब निपटा लेना चाहते हैं। जबकि जनता चाहती है कि बातें आमने-सामने और संविधान के दायरे में हो। इस आन्दोलन ने प्रभावित होने वाली जनता को न केवल जागरूक बनाया है बल्कि प्रशिक्षित भी किया है।