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राहुल गांधी के भाषण में दर्द, चिंता और कटाक्ष

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा 2 फरवरी बुधवार को संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दिया गया भाषण इन दिनों खूब चर्चा में है। राहुल गांधी के भाषण में राहुल गांधी का दर्द और उनकी चिंता भी दिखाई दी तो वहीं सत्ताधारी भाजपा सरकार पर कटाक्ष भी दिखाई […]

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा 2 फरवरी बुधवार को संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दिया गया भाषण इन दिनों खूब चर्चा में है। राहुल गांधी के भाषण में राहुल गांधी का दर्द और उनकी चिंता भी दिखाई दी तो वहीं सत्ताधारी भाजपा सरकार पर कटाक्ष भी दिखाई दिया।

गांधी का दर्द यह था कि लंबे समय से भाजपा और भाजपा के नेता देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के संदर्भ में अनर्गल बयान बाजी करते हुए देखे गए, इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरे परदादा पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश के खातिर अपनी जिंदगी के कीमती 15 वर्ष आजादी का आंदोलन करते हुए जेल में बिताए। वहीं राहुल गांधी ने राष्ट्रवाद के आरोप पर कहा कि उनकी दादी और पिता पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी देश के लिए शहीद हुए। राहुल गांधी ने बड़े ही मार्मिक ढंग से अपना दर्द अपने भाषण में बयां किया। शायद राहुल गांधी, अपने परिवार पर लगाए जा रहे अनर्गल बयानों से काफी दुखी और आहत हैं इसीलिए उन्होंने संसद के सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भाषण करते हुए अपने दर्द को बयां किया। क्योंकि शायद देश की नई पीढ़ी को पता नहीं है कि गांधी परिवार ने इस देश के लिए क्या-क्या अच्छे कार्य किए थे। राहुल गांधी ने गरीबी बेरोजगारी और किसानों की समस्या पर चिंता जाहिर की। उनकी चिंता देश के हालात पर भी स्पष्ट दिखाई दी, उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि 70 साल में इस देश ने जो विकास किया था आज वह विकास दिखाई नहीं दे रहा है बल्कि कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा 70 साल में हमारे पूर्वजों ने जो विकास किया था उसे भी बेचा जा रहा है।

[bs-quote quote=”राहुल गांधी का भाषण मौजूदा राजनीति में इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी तक यह देखा और सुना गया है कि विपक्ष और कांग्रेस पर भाजपा नेताओं और मुख्यधारा की मीडिया में यह आरोप सुनाई देता था की विपक्ष और कांग्रेस संसद के सत्र को हंगामा कर चलने नहीं देती है। विपक्ष को जो बात संसद के भीतर रखनी और करनी चाहिए विपक्ष उस बात को संसद के बाहर करता है और संसद में हंगामा करता है। विपक्ष मुद्दों पर बात नहीं करता है बल्कि हंगामा करता है, यह आरोप कांग्रेस और विपक्ष पर अक्सर लगते हुए दिखाई देते हैं। राहुल गांधी भी यह आरोप लगाते हुए दिखाई देते थे कि संसद के भीतर विपक्ष और कांग्रेस के नेताओं को सत्ता पक्ष के लोग बोलने नहीं देते हैं।” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]

देश के सरकारी उपक्रमों को केवल दो लोगों को बेचा जा रहा है, यह राहुल गांधी का दर्द भी था चिंता भी थी और सत्ताधारी भाजपा सरकार पर उनका कटाक्ष भी था।
इन दिनों राहुल गांधी का संसद के भीतर दिया गया भाषण काफी चर्चा में है। देश का अधिकांश बुद्धिजीवी वर्ग राहुल गांधी के भाषण की सराहना कर रहा हैं तो वहीं भाजपा के नेता और केंद्र सरकार के मंत्री उनके भाषण की बुराई करते हुए देखे जा रहे हैं।
देश के ज्यादातर लोग राहुल गांधी के भाषण को अब तक के दिये भाषणों से सर्वश्रेष्ठ बता रहे हैं। राहुल गांधी का भाषण मौजूदा राजनीति में इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी तक यह देखा और सुना गया है कि विपक्ष और कांग्रेस पर भाजपा नेताओं और मुख्यधारा की मीडिया में यह आरोप सुनाई देता था की विपक्ष और कांग्रेस संसद के सत्र को हंगामा कर चलने नहीं देती है। विपक्ष को जो बात संसद के भीतर रखनी और करनी चाहिए विपक्ष उस बात को संसद के बाहर करता है और संसद में हंगामा करता है। विपक्ष मुद्दों पर बात नहीं करता है बल्कि हंगामा करता है, यह आरोप कांग्रेस और विपक्ष पर अक्सर लगते हुए दिखाई देते हैं। राहुल गांधी भी यह आरोप लगाते हुए दिखाई देते थे कि संसद के भीतर विपक्ष और कांग्रेस के नेताओं को सत्ता पक्ष के लोग बोलने नहीं देते हैं।
2 फरवरी बुधवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी बोले भी और सत्तापक्ष ने राहुल गांधी को सुना भी। अब सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस ने संसद के भीतर ही अपनी बात को और अपने मुद्दे को उठाने का मन बनाया है? क्या कांग्रेस भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध संसद के भीतर स्थित गांधी प्रतिमा के सामने बैठ कर विरोध करने की जगह संसद के भीतर खड़े होकर सरकार से सवाल और जवाब करेगा?
जो भी हो इन दिनों राहुल गांधी का भाषण देश में चर्चा का विषय बना हुआ है और इंतजार है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का जो उन्हें राष्ट्रपति के अभिभाषण पर देना है। राहुल गांधी के दर्द चिंता और कटाक्ष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब क्या होगा इसका सभी को शायद इंतजार होगा।

देवेंद्र यादव कोटा स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं।

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