वाराणसी। स्मार्ट सिटी और महानगर बन जाने के बावजूद वाराणसी के लोग बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं। बीते 11 जून यानी जी-20 सम्मेलन में जहाँ एक तरफ कुछ नेतागण ‘एसी’ वाले हॉल में बैठकर देश के विकास की बात कर रहे थे और रात में वातानुकूलित कमरों में आराम फरमा रहे थे वहीं दूसरी तरफ इसी वाराणसी की जनता, जिसे प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र होने का ‘टैग’ भी मिला है, वह दिन में ट्रिंप्रिग, ब्रेकडाउन, वन फेस कट जैसी समस्याओं से जूझ रही थी एवं रात में पसीने-पसीने होकर करवटें बदल रही थी। यही हालत आज भी है। दिनोंदिन विभागीय स्तर पर इसकी शिकायतें भी हो रही हैं लेकिन बिजली आपूर्ति बहाल होने में भी लोगों को इंतजार करना पड़ता है। 42-45 डिग्री गर्मी के बीच बिजली कटौती कोढ़ में खाज… साबित हो रही है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती ने जहाँ लोगों की परेशानी बढ़ा दी है वहीं लोग रात में भी करवटें बदलने को मजबूर हैं। बिजली कटौती की समस्या रात में भी बरकरार है। कहीं तार टूटकर गिर जा रहा है तो कहीं ट्रांसफार्मर दगा दे रहा है। इन सबके बीच पेयजल की भी दिक्कतें सामने आर्इं लेकिन जलकल विभाग की तरफ से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस बार पानी के टैंकर किसी इलाके में नहीं दिखे।
बीते रविवार यानी 11 जून आधी रात बाद से साउथ ककरमत्ता, न्यू कॉलोनी ककरमत्ता, भगवानपुर, हुकूलगंज, चेतगंज, लोहता, न्यू बेदौली, माँ वैष्णवनगर कॉलोनी, महमूरगंज, शिवपुर, अर्दली बाजार, भोजूबीर, पांडेयपुर, पंचकोशाी, आशापुर, आदमपुर आदि इलाकों में बिजली की आवाजाही जारी रही। रात के अलावा सुबह छह बजे भी बिजली कट जा रही है। लोहता क्षेत्र में बीते सोमवार को गंगापुर फीडर से संचालित होने वाली डेहली विनायक फीडर की बिजली आपूर्ति सुबह 9 से 11 बजे तक बाधित रही। इस कारण उससे सम्बद्ध सुरही, बनकट, सभईपुर, अनंतपुर गाँव के लोग काफी परेशान हुए। पता चला कि ट्रांसफार्मर खराब हो गया है। करीब तीन घंटे बाद ट्रांसफार्मर बना तब आपूर्ति बहाल हुई। वहीं, पांडेयपुर चौराहे के पास लगे ट्रांसफार्मर में पहले थोड़ी चिंगारी निकल रही थी। देखते-देखते चिंगारी की वजह से ट्रांसफार्मर में आग लग गई। सूचना मिलने के बाद उपकेंद्र से बिजली काट दी गई। लमही के वैष्णवपुरी कॉलोनी में सुबह नौ बजे से बिजली गुल रही।
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खराब ट्रांसफॉर्मर, जर्जर केबल और खम्भे भी हैं समस्या
वाराणसी में आज भी कई इलाकों की गलियों में सही तरीके से केबिलिंग नहीं हो पाई है। वर्षों पुराने और जर्जर हो चुके तारों से बिजली सप्लाई की जा रही है। कई इलाकों में लबे रोड मोबाइल ट्रांसफॉर्मर रखकर काम चलाया जा रहा है। लोगों की मानें तो स्थानीय नेताओं से लेकर उपकेंद्रों तक इसकी जानकारी है लेकिन जर्जर तारों और ट्रांसफॉर्मर का न बदला जाना कई सवाल खड़े करता है। बिते रात ही हुकूलगंज इलाके की एक गली में लगभग 15 मिनट तक जर्जर तार ब्लास्ट करते रहे। लाइट कटने पर ब्लास्ट रूका तो लोगों ने राहत की साँस ली। यहीं हाल पांडेयपुर की नई बस्ती और बघवानाला क्षेत्र में भी रहा।
समस्या गम्भीर होने पर जागता है विभाग
हर साल गर्मियों में ही बिजली सम्बंधित तमाम समस्याएँ आना आम बात है। इसी दौरान विभाग भी सक्रिय हो जाता है। अगर ठंड के मौसम में ही तारों और खम्भों की मरम्मत व नवीनीकरण कर दिया जाए तो गर्मी में ब्रेकडाउन, ट्रांसफार्मर ब्लास्ट, इलेक्ट्रिक शॉट जैसी समस्याओं को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। यह बात विभाग अच्छी तरह जानता है कि गर्मियों में बिजली की लोड बढ़ जाती है बावजूद इसके कोई कार्रवाई न करना शर्मनाक है।
सोशल मीडिया पर निकाली जा रही भड़ास
दूसरी तरफ, जिले के शहर और गाँव में बिजली कटौती पर लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कहीं स्थानीय नेता की खिंचाई की जा रही है ते कहीं बिजली विभाग की। वरिष्ठ पत्रकार रमेश श्रीवास्तव अपने फेसबुक वॉल से लिखते हैं कि ‘बिजली कटौती ने किया बुरा हाल, विद्युत अधिकारी बिजली कटौत के संकट को दूर करने की कबजाए अपने ही सिस्टम को अब कोस रहे हैं। पुराने जर्जर हालत में तारों व खम्भों पर दौड़ रही करंट का झटका अब सीधे आम लोगों के जीवन पर असर डाल रहा है। इसके लिए जिम्मेदार सरकार को जनता ने जवाब देना शुरू कर दिया है। 2024 के चुनाव पर भी इसका असर पड़ सकता है। ऐसे लोगों का मानना है फिलहाल जो भी हो जनता तो विद्युत आपूर्ति के लिए संकट से जूझ रही है।’
वरिष्ठ पत्रकार रमेश चंद्र राय ह्वाट्सएप पर शिकायत करते हैं कि ‘पत्रकारपुरम कॉलोनी में सुबह से बिजली नहीं है। बीच में एक घंटे के लिए आई थी फिर गई तब से अभी तक नहीं आई है और कोई बताने के लिए तैयार भी नहीं है।’ इस शिकायत पर आशीष महर्षि लिखते हैं, ‘नर्क हो गया है। कल रात भर बिजली नहीं थी।’ इन सब शिकायतों के बीच कुछ भाजपा नेता जनता को धैर्य बनाए रखने का आश्वासन दे रहे हैं। वहीं जनता अपने पुराने सभासदों को याद कर रही है।
सुनें विभाग की
बिजली विभाग के वाराणसी चीफ अनूप कुमार वर्मा ने इन समस्याओं के बाबत गाँव के लोग डॉट कॉम को फोनिक वार्ता में बताया कि जिले में जितने भी ब्रेकडाउन हो रहे हैं उसे बनवाने का प्रयास किया जा रहा है। इतनी भीषण गर्मी में उपकेंद्रों के ओवरलोड बढ़ गए हैं। जनसमस्या का समाधान करने के लिए जिले के सभी जेई और एक्सईएन के नम्बर मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक कर दिए गए हैं। ओवरलोड के कारण जो समस्याएँ हो रही हैं, उसे सुलझाया जा रहा है। इसी के कारण हमारे सिस्टम भी कमजोर हो रहे हैं। इसी क्रम में अनूप कुमार वर्मा ने अनुरोध किया कि आमजन जितना हो सके बिजली के भारी उपकरणों का कम उपयोग करे। कुछ देर चलाने के बाद इन उपकरणों को थोड़ी देर के लिए बंद कर दें, जिससे ट्रांसफॉर्मर और तारों पर कम दबाव बनेंगे एवं उसमें ब्लास्ट जैसी समस्याएँ नहीं होंगी।