Saturday, July 27, 2024
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‘आफत’ की बारिश, गांवों में मंडराया बाढ़ का खतरा, प्रशासन ने दिया समाधान का आश्वासन

हरिद्वार। मानसून की पहली ही बारिश हरिद्वार के लिए आफत बनकर बरसी। बीते रविवार से हो रही मूसलाधार बारिश से शहर के सबसे पॉश इलाके में शामिल मध्य हरिद्वार स्थित भगत सिंह चौक से लेकर न्यू हरिद्वार कालोनी की सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। इस दौरान चारपहिया और दोपहिया वाहन पानी में डूब गए। […]

हरिद्वार। मानसून की पहली ही बारिश हरिद्वार के लिए आफत बनकर बरसी। बीते रविवार से हो रही मूसलाधार बारिश से शहर के सबसे पॉश इलाके में शामिल मध्य हरिद्वार स्थित भगत सिंह चौक से लेकर न्यू हरिद्वार कालोनी की सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। इस दौरान चारपहिया और दोपहिया वाहन पानी में डूब गए। उत्तरी हरिद्वार, कनखल, ज्वालापुर, ऋषिकुल के निकट नाले से सटे आवास, हिमालय डिपो की गलियों में लोगों के घरों में एक से दो फीट तक बारिश का पानी भर गया। जलभराव के कारण लोगों का लाखों का नुकसान हुआ। दुकानों में भी पानी घुस गया।  ऋषिकुल के नालों में आ रहे बारिश के पानी ने एक मकान की दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया। सूचना के बाद एसडीएम पूरण सिंह राणा मौके पर पहुँच गए और बचाव कार्य शुरू करवाया। रविवार को हरिद्वार में 30 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। हरिद्वार में रविवार सुबह करीब पांच बजे मूसलाधार बारिश शुरू हुई, जो आज भी जारी है। तेज बारिश ने जिला प्रशासन और नगर निगम के जलभराव से निपटने के दावों की पोल खोलकर रख दी।

बिशनपुर में तटबंध कई स्थानों से क्षतिग्रस्त

पथरी क्षेत्र के गाँव बिशनपुर कुण्डी में बने तटबंध को खनन में लगे लोगों ने कई स्थानों से क्षतिग्रस्त कर दिया है। जिस कारण गाँवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। मानसून में बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने से गाँवों में पानी आने के आसार बने हुए हैं। सम्बंधित विभाग की लापरवाही से तटबंध की मरम्मत नहीं हो पाई है। बिशनपुर, कुंडी, रानीमाजरा, चांदपुर, कटारपुर, शाहपुर, भोगपुर समेत आदि कई गाँवों में बाढ़ का पानी घुसने का खतरा रहता है। मानसून सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन विभाग अभी भी तटबंध को लेकर संजीदा नजर नहीं आ रहा है। गंगा किनारे बना तटबंध कई स्थानों से क्षतिग्रस्त है। पहाड़ों में लगातार अधिक बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगा किनारे बसे गाँवों को भारी परेशानियाँ झेलनी पड़ सकती हैं। ग्रामीण सुनील कुमार, राजेश कुमार, नीरज कुमार, दीपक चौहान, नितिन चौहान, सुमित सैनी, आदित्य चौहान, अर्जुन चौहान, मनीष चौहान का कहना है कि तटबंध कई जगहों से टूटा हुआ है। हाल ही में गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण कई स्थानों पर तटबंध का कटाव भी हो गया है। एसडीएम पूरण सिंह राणा ने बताया कि गंगा किनारे बनाए गए तटबंध की जांच कर जल्द मरम्मत का कार्य शुरू कराया जाएगा।

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राबर्ट्सगंज नपा क्षेत्र में बने फ्लाईओवर के नीचे बरसात में चलना बना परेशानी का सबब

चंडी देवी के निकट मलबा आने से मार्ग बाधित

तेज बारिश के चलते चंडी देवी मंदिर के नजदीक हाइवे पर पहाड़ों से मलबा सड़क पर आ गया, जिसके चलते लगभग दो घंटे तक यातायात बाधित रहा। मौके पर पहुँचे थानाध्यक्ष श्यामपुर विनोद थपलियाल ने जेसीबी से मलबा हटवाकर यातायात दुरुस्त कराया। वहीं दूसरी ओर, लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बाद लालढांग क्षेत्र के गैंडीखाता खदरी में चार-चार फिट जल भराव हो गया। फोरलेन हाइवे के चलते पानी की निकासी ठप हुई। जल भराव के चलते गैंडीखाता में निर्माणाधीन पेट्रोल पम्प की चार दीवारी जलमग्न हो गई। वहीं, कई घरों में बारिश का पानी घुस गया। दूधला दयालवाला के खेत-खलियानों और सम्पर्क मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गई, जिसमे ग्रामीणों का आवागमन ठप हो गया।

हाइवे को किया वन-वे

हरिद्वार-नजीबाबाद हाइवे पर रसियाबड़ चौराहे के पास सर्विस रोड पर बारिश का पानी आने के चलते हाइवे वन-वे करना पड़ा। वाहनों को नहर पटरी से निकाला गया। निर्माणाधीन फ्लाईओवर के पास पानी निकासी नहीं होने के कारण सर्विस रोड पर दो फिट पानी भर आया। आनन-फानन में हाइवे अधिकारियों ने पानी की निकासी बनाकर यातायात को बहाल किया।

रेलवे अंडरपास में पानी भरने से मुश्किल बढ़ी

पथरी के गाँव एक्कड़ कला में जाने वाले रास्ते पर रेलवे अंडरपास में पानी भरने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अंडर पास में पानी भरने के कारण दो दिनों से एक्कड़ जाने वाली सड़क बंद है। ग्रामीण कई बार रेलवे अधिकारियों से अंडरपास से पानी की निकासी को लेकर शिकायत कर चुके हैं। लेकिन अभी भी अंडरपास में जलभराव हो रखा है। सड़क बंद की वजह से लोग आठ से दस किमी दूर से होकर दूसरे रास्ते से अपने घर को जा रहे हैं। एक्कड़ कला व एक्कड़ खुर्द से कई गाँव झाबड़ी, अम्बुवाला, धनपुरा, घिससुपूरा, पथरी, सुगरस्सा, बहादरपुर जट, फेरुपुर, चांदपुर, किसनपुर की आवाजाही है। इस रास्ते पर रेलवे द्वारा अंडरपास बनाया गया है। आसपास में खेती व गंगनहर से आने वाले माइनरों का पानी भी रिसाव होने के कारण अंडरपास में भरा रहता है। अंडरपास में पानी भरा होने के चलते ग्रामीणों को ज्वालापुर, सराय से होकर गाँवों में आवाजाही करनी पड़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अंडरपास में बारिश होने के कारण करीब 5-8 फुट पानी भर गया है। किसानों को लाइन पार खेतों में जाने के लिए भी परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने रेलवे अधिकारियों व उपजिलाधिकारी से शिकायत कर अंडरपास से पानी निकासी की मांग की थी, लेकिन स्थिति जस की तस बनी है। ग्रामीण सुनील, रहमान, जीशान, तेलूराम, कुलदीप, सोहन, कुष्म, राजबीर, बबलू, दीपक का कहना है कि अगर रेलवे अधिकारी जल्द समस्या का समाधान नहीं करते है तो आंदोलन किया जाएगा। पूर्व ग्राम प्रधान मोहम्मद हारून ने बताया कि रेलवे अधिकारियों को कई बार अंडरपास में भरे पानी को निकालने के कुछ उपाय करने के सम्बंध में शिकायत दी जा चुकी है।

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312 ग्राम पंचायतों में टैंकरों से पानी की सप्लाई कर बुझाई जा रही प्यास

बिजली कटौती से हुई काफी परेशानी

बारिश से कलियर में तार टूटने से करीब चार घंटे बिजली आपूर्ति प्रभावित रही, जिसके कारण लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी है। यहाँ शनिवार से ही हो रही बारिश और तेज हवाओं के कारण क्षेत्र में विद्युत तार टूट गया। विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण पानी की सप्लाई भी बंद हो गई। लोगों को पानी के लिए हैंडपंप का सहारा लेना पड़ा। ऊर्जा निगम के जेई राहुल गिरी ने बताया कि लाइन फॉल्ट और तार टूट जाने से बिजली सप्लाई बाधित हो गई थी।

बोले डीएम, स्थाई समाधान पर होगा फोकस

शहर में जलभराव के दौरान डीएम धीरज सिंह गर्ब्याल हालात का जायजा लेने सड़क पर उतर गए। डीएम ने अधीनस्थों के साथ जलभराव वाले क्षेत्रों का निरीक्षण कर स्थाई समाधान को लेकर मंथन किया। डीएम का कहना है कि जलभराव के स्थाई समाधान खोजने की आवश्यकता है, जिसके लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया जाएगा। शहर के छोटे-बड़े नालों की सफाई को लेकर भी रिपोर्ट तलब की गई है। डीएम ने चंद्राचार्य चौक, भगतसिंह चौक, बहादराबाद वाल्मीकि बस्ती, लॉटोवाली, कृष्णानगर, कनखल, दीप पब्लिक स्कूल बहादराबाद, भारत माता मंदिर के पास, रानीगली, हरिद्वार बस स्टैण्ड, मॉडल कॉलोनी से लेकर कई क्षेत्रों का निरीक्षण कर आमजन से उनकी पीड़ा सुनी। डीएम ने बताया कि जलभराव से निपटने को लेकर वृहद स्तर पर प्लानिंग की जाएगी। डीएम ने कहा कि अतिक्रमण को भी जलभराव की एक बड़ी वजह बताया जा रहा है, इसके लिए भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नाले कहाँ-कहाँ बंद थे, इसकी भी जानकारी ली जा रही है। जल्द जलभराव को लेकर सभी विभागों की बैठक बुलाई गई है। इस दौरान एडीएम (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल, एडीएम (प्रशासन) पीएल शाह, एसडीएम पूरण सिंह राणा समेत अनेक विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

हिमाचल पर्यटन विभाग की ओर से जारी चेतावनी पत्र

उधर, लगातार हो रही वर्षा के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन से लाखों जन-जीवन प्रभावित हैं। जहां पूर्वोत्तर में असम भयानक बाढ़ के चपेट में है, वहीं उत्तर के हिमाचल में भारी बारिश के चलते चट्टानें गिरने और भूस्खलन की ख़बरें हैं। हिमाचल प्रदेश में राजधानी शिमला के रामपुर तहसील में बदल फटने से अफरातफरी मच गई।

मौसम विभाग ने अगले 24 में बाढ़ का अलर्ट जारी किया है। वहीं, चंपा, कांगड़ा, कुल्ली, मंडी आदि क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। राज्य में लगातार बारिश के चलते यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई है।

गाँव के लोग
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