होमवीडियोयूपी चुनाव में बेरोज़गारी और पलायन का मुद्दा ताज़ा ख़बरें मिर्ज़ापुर में शवदाह का ठेका : अब धरकार नहीं, ठाकुर साहब बेचेंगे चिता जलाने की ‘आग’ ग्राउंड रिपोर्ट संतोष देव गिरि - July 26, 2024 बिहार : बेहिसाब परेशानियों को देखकर खेती के प्रति नई पीढ़ी का रुझान घट रहा है अर्थव्यवस्था गीता देवी - July 26, 2024 दुकानों पर नाम प्रकरण : निशाने पर पसमांदा मुसलमान, सुप्रीम कोर्ट ने लोकतन्त्र की हिमायत की राष्ट्रीय राम पुनियानी - July 26, 2024 राजस्थान : रोजगार के अभाव में भटक रहे हैं ग्रामीण, नहीं मिल रहा मनरेगा में काम विविध गाँव के लोग - July 24, 2024 Mirzapur : पत्थर खदान ने सिलकोसिस का मरीज बनाया इलाज टी.बी. का होता रहा ग्राउंड रिपोर्ट गाँव के लोग - July 24, 2024 बजट 2024 : बेरोजगारी और लघु उद्योगों की बरबादी के साये में चल रही मोदी की तीसरी सरकार के बजट में मेहनतकशों के हिस्से... अर्थव्यवस्था अंजनी कुमार - July 24, 2024 संबंधित खबरें Bhadohi : सरकार की अलबेली चाल, न नहर में पानी, न सड़क की व्यवस्था बिहार : बेहिसाब परेशानियों को देखकर खेती के प्रति नई पीढ़ी का रुझान घट रहा है दुकानों पर नाम प्रकरण : निशाने पर पसमांदा मुसलमान, सुप्रीम कोर्ट ने लोकतन्त्र की हिमायत की राजस्थान : शहरी क्षेत्रों के गरीब बस्ती में रहने वाले समुदाय को रोजगार देने की ज़िम्मेदारी किसकी? मिर्ज़ापुर में शवदाह का ठेका : अब धरकार नहीं, ठाकुर साहब बेचेंगे चिता जलाने की ‘आग’ मिर्ज़ापुर में टी बी का इलाज : दवाओं से ज्यादा पाखंड का डोज़ यूपी चुनाव में बेरोज़गारी और पलायन का मुद्दा यूपी चुनाव में बेरोज़गारी और पलायन का मुद्दा जगन्नाथ कुशवाहा डॉ. ओमशंकर रामजी यादव Author: गाँव के लोग January 28, 2022 11:37 AM FacebookTwitterWhatsAppEmail यूपी चुनाव में बेरोज़गारी और पलायन का मुद्दा जगन्नाथ कुशवाहा डॉ. ओमशंकर रामजी यादव Tags#Congress#spbanarasBJPbspakashiupchunava2022varansi Previous article पत्रकारिता, देश और नौजवान (डायरी 28 जनवरी, 2022) Next articleजनता की आवाज़ है… यूपी में का बा .. गाँव के लोगपत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट की यथासंभव मदद करें। LEAVE A REPLY Cancel reply Comment: Please enter your comment! Name:* Please enter your name here Email:* You have entered an incorrect email address! Please enter your email address here Website: Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. लोकप्रिय खबरें साम्प्रदायिक राष्ट्रवाद की ओर बढ़ती भारतीय राजनीति और बुलडोजर से तय होता न्याय मौजूदा फासिस्ट सत्ता के ध्वंस से ही बनेगा भगत सिंह और पाश के सपनों का भारत अंडिका गांव में तीसरे दिन भी किसानों और मजदूरों का धरना बकवास करने का अधिकार केवल ब्राह्मण वर्गों को है (डायरी 21 मई, 2022) पाकिस्तान की वर्तमान बदहाली से भारतवासियों को कितना खुश हो लेना चाहिए?