वाई आर यादव एक तेजतर्रार अधिकारी रहे हैं लेकिन महफिल में बैठते हैं तो उनके ठहाके उन्हें बातचीत के केंद्र में ला देते हैं। अब सेवानिवृत्ति के बाद वे समाजसेवा में रम रहे हैं। सभी ज्वलंत मुद्दों पर उनकी अपनी विशिष्ट समझ है। जाति-जनगणना से लेकर सामाजिक-सांस्कृतिक और नैतिक पतन तक उनके सोच के दायरे में है। अपर्णा से बातचीत में उन्होंने अनेक विषयों पर अपने विचार साझा किए हैं। आश्चर्यजनक रूप से वे बिलकुल पास-पड़ोस के मुद्दों पर अलग ढंग से सोचते हैं। देखिये।