Thursday, April 25, 2024
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सिंजाजेविना पहाड़ों और वहां के पशुपालक समुदायों की रक्षा की लड़ाई

  [सिंजाजेविना वन जैव विविधता में समृद्ध हैं, जहाँ चरवाहे और अन्य वनवासी प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य के साथ रहते हैं। लेकिन बढ़ते सैन्यीकरण से न केवल इसके पर्यावरण पर प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि उन समुदायों के जनजीवन पर भी खतरा मंडराने लगा है जो वर्षों से वनों में रह रहे हैं और […]

 

[सिंजाजेविना वन जैव विविधता में समृद्ध हैं, जहाँ चरवाहे और अन्य वनवासी प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य के साथ रहते हैं। लेकिन बढ़ते सैन्यीकरण से न केवल इसके पर्यावरण पर प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि उन समुदायों के जनजीवन पर भी खतरा मंडराने लगा है जो वर्षों से वनों में रह रहे हैं और इसे संरक्षित रखते हैं। यूरोप में युद्ध के बीच जब शक्तिशाली राष्ट्र अपने प्रभुत्व को सुनिश्चित करने के लिए लड़ने के लिए दृढ़संकल्प हैं, तो युद्ध के शोर में अक्सर भुलाई जाने वाली कहानी को सुनना महत्वपूर्ण है। ऐसे समय में हमें उन सभी समुदायों और लोगों के साथ खड़े रहना चाहिए जो पर्यावरण को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। जब हमारे वन संसाधनों पर हमला किया जा रहा है। समुदायों को धमकाया जा रहा है। उन्हें उखाड़ फेंका जा रहा है। अगर वे विरोध करते हैं तो उनका अपराधीकरण किया जा रहा है। सिंजाजेविना की तरह के मुद्दे दुनिया के सभी हिस्सों में मौजूद हैं, जहां ‘विकासात्मक’ प्रतिमान हमारे प्राकृतिक संसाधनों और समुदायों के लिए खतरा हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे स्वदेशी लोगों, पशुपालकों, चरवाहों के साथ खड़े हों जो प्रकृति के साथ रहते हैं और हमारे प्राकृतिक संसाधनों, वन्य संपदा की रक्षा करते हैं।

सिंजाजेविना का खूबसूरत पर्वतीय क्षेत्र

हमारी वर्तमान पीढ़ी के बहुत से लोगों ने मोंटेनेग्रो देश का नाम भी नहीं सुना होगा। यह यूरोप के बाल्कन का हिस्सा है जहाँ इस समय युद्ध के बादल दिखाई देत रहे हैं। मोंटेनेग्रो ने 3 जून, 2006 को एक जनमत संग्रह के बाद सर्बिया से अलग होकर स्वतंत्रता की घोषणा की। लगभग छह लाख बीस हजार की आबादी वाला मोंटेनेग्रो एक समय यूगोस्लाविया का हिस्सा था। 22 अक्टूबर, 2007 से अब इसे मोंटेनेग्रो के नाम से जाना जाता है। जून 2017 में, यह नाटो का सदस्य बन गया, जिसके बारे में बताया जाता है कि देश में विभाजित राय थी। मतलब यह कि देश के बहुत से लोग नाटो के साथ Alliance (मित्रवत) नहीं चाहते। यह संभव है कि बहुत से लोग पुरानी कम्युनिस्ट पार्टियों या समाजवादी विचारधारा से अभी भी जुड़े हों। अमेरिकी नाटो के साथ सम्बंध को अपने देश के लिए ठीक नहीं मानते हों। यह अभी भी यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है, लेकिन मोंटेनेग्रो यह उम्मीद करता है कि वह 2025 तक यूरोपीय संघ का सदस्य बन जाएगा।

अब, नाटो सिंजाजेविना में एक सैन्य अड्डा बनाना चाहता है, जो यूनेस्को के दो विरासत स्थलों के साथ सीमा पर हैं और यहाँ पाँच सौ से अधिक परिवारों के 3000 से अधिक लोग हैं। ये लोग आजीविका के लिए पूरी तरह से सिंजाजेवीना के चरागाहों और उसके जंगलों पर निर्भर हैं। आबादी के अनुसार मोंटेनेग्रो भारत के किसी छोटी नगर पालिका से भी छोटा होगा लेकिन इसका क्षेत्रफल 13812 वर्ग किलोमीटर है और उत्तर पूर्व के राज्यों के तरह ही है।

अब लोग नाटो और मोंटेनेग्रो सरकार द्वारा इस क्षेत्र के सैन्यीकरण का विरोध कर रहे हैं। यह लड़ाई न केवल युद्ध विरोधी है अपितु स्थानीय समुदायों और पर्यावरण के बीच के संतुलन को बनाने की लड़ाई भी है। सैन्यीकरण से यह खूबसूरत क्षेत्र, जहाँ की बायोडाइवर्सिटी पूरे क्षेत्र में विख्यात है, खत्म हो सकता है। देश की सुरक्षा के नाम पर समुदायों और पर्यावरण से खेलने की अनुमति नहीं होनी चाहिये। इसलिए सभी लोग इसका विरोध कर रहे हैं और वे दुनिया के अन्य देशों के लोगों से भी अनुरोध कर रहे हैं कि वे  सिंजाजेविना को बचाने की उनकी मुहिम का समर्थन करें। इस आलेख के अंत में हमने बहुत से लिंक दिए हैं, जिनके ज़रिए आप इस आंदोलन का समर्थन कर सकते हैं।

जोर्डन में सिंजाजेविना पर्यावरण आन्दोलन के प्रतिनिधि और पत्रकार मिलन , जो एक किसान के बेटे हैं।

8 जुलाई से 15 जुलाई तक सेव सिंजाजेविना सॉलिडेरिटी कैंप का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भारी अंतरराष्ट्रीय भागीदारी की उम्मीद है। कार्यकर्ता उन समुदायों के साथ बातचीत करेंगे जो सिंजाजेविना की सुरक्षा के साथ-साथ संसाधनों पर अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। सिंजाजेविना बचाओ अभियान चाहता है कि यूरोपीय संघ इस महत्वपूर्ण चरागाह भूमि को सैन्य अड्डे में परिवर्तित करने के लिए वित्तीय मदद या किसी भी प्रकार का समर्थन देना बंद कर दे।

भारतीय उपमहाद्वीप में कई लोगों ने मोंटेनेग्रो के बारे में नहीं सुना होगा, लेकिन तथ्य यह है कि भारत के उसके साथ मधुर सम्बंध थे, जैसा कि हमारे मित्र मिलन कहते हैं। भारत और यूगोस्लाविया के बीच — विशेष रूप से भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और युगोस्लाविया के तत्कालीन राष्ट्रपति जोसेफ टीटो के बीच मजबूत सम्बंध थे। दोनों नेता  गुटनिरपेक्ष आंदोलन और विकासशील देशों के बीच सौहार्द्र के लिए समर्पित थे। इंदिरा गांधी यहाँ की लोकप्रिय नेता बनीं और आज भी कई लोग अपनी बेटियों का नाम इंदिरा रखते हैं।

ग्लोबल लैंड फोरम 2022, जो डेड सी, जॉर्डन में आयोजित किया गया था और जिसमें दुनिया भर के मानवाधिकार, भूमि अधिकार, वन अधिकार कार्यकर्ता और संस्थान एकत्र हुए थे, वहां पर मेरी मुलाकात सेव द सिंजाविना कैंपेन का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यकर्ता व पत्रकार मिलन से हुई और फिर हमने अपनी बातचीत को ईमेल के जरिए आगे बढ़ाया। हम सभी के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि कैसे समुदाय अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और कैसे सैन्यवाद वास्तव में मूल निवासियों, आदिवासियों, पशुपालकों और चरवाहों को नुकसान पहुंचा रहा है। बत्तीस वर्षीय मिलन सिंजाजेविना के एक किसान के बेटे हैं। उन्होंने राजनीति विज्ञान संकाय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 13 वर्षों से पत्रकार के रूप में काम कर रहे हैं। वे लगभग पाँच वर्षों से पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। वह कहते हैं कि उनके यहाँ अभी भी पूर्णतः लोकतंत्र स्थापित नहीं हुआ है और यह हाइब्रिड ही है। मैंने मिलन से उनके देश से जुड़े विभिन्न मुद्दों और सेव द सिंजाजेविनो कैंपेन पर इंटरव्यू लिया।]

लोग सिंजाजेविना की रक्षा के लिए क्यों लड़ रहे हैं? क्या है पूरा मामला और उसका महत्व?

सिंजाजेविना मोंटेनेग्रो का सबसे बड़ा पर्वत है, जो देश के केंद्र में स्थित है और इसे मोंटेनेग्रो का दिल कहा जा सकता है। सिंजाजेविना एक पहाड़ है या यूँ कहिए के पहाड़ी चारागाह, जहां लोग गर्मी के महीनों में रहते हैं। सर्दियों में वे अपने परिवार और अपनी भेड़-बकरियों, घोड़ों जैसे मवेशियों के साथ लो लेंड क्षेत्र में अपने गांव लौट जाते हैं। सिंजाजेविना में, जैसा कि सभी मोंटेनेग्रो पहाड़ों में है, ऐसी बस्तियां हैं जिन्हें हम कटुनी कहते हैं, जिसमें आज जीवन का तरीका बिल्कुल वही है जो 100 साल पहले था। प्रकृति, मानव और घरेलू पशुओं के सह-अस्तित्व ने सिंजाजेविना पर एक अनूठा पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है, जो पूरे यूरोप के लिए महत्वपूर्ण है। हम यूरोप के सबसे बड़े पहाड़ी चरागाह हैं। कटुनी सिंजाजेविना, एक मौसमी पर्वतीय सैरगाह है, जिसका उपयोग अभी भी कई सौ पशुधन परिवारों और हजारों लोगों द्वारा किया जाता है। यह जीवन का एक तरीका है, जो यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र सहित अन्य महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा अपने प्राकृतिक और सांस्कृतिक मूल्य के लिए अत्यधिक टिकाऊ और मजबूत है। अन्य यूरोपीय देशों की तरह, कटुनी जीवन शैली, अद्वितीय जैव विविधता, महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और असाधारण गुणवत्ता वाले उत्पादों और शानदार पर्यावरण-पर्यटन क्षमता के साथ असाधारण सांस्कृतिक परिदृश्य के निर्माण और संरक्षण में योगदान करती है।

झीलों, चरागाहों और पर्वतों से समृद्ध सिंजाजेविना

सिंजाजेविना के लोग अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं, क्योंकि वे इस खूबसूरत और उपजाऊ क्षेत्र के पहले संरक्षक हैं। हालांकि सिंजाजेविना में पशुपालक और पहाड़ी समुदाय के लोग रहते हैं फिर भी राजनेता इसे यह बता कर बेचना चाहते हैं कि यहाँ कोई बसाहट नहीं है। जबकि सिंजाजेविना में समुदाय सदियों पूर्व, या मैं कह सकता हूँ, हज़ारों वर्ष पूर्व से बस रहे हैं और आज भी रह रहे हैं। यह समस्या आधिकारिक तौर पर 2019 में उठी, जब मोंटेनेग्रो की सरकार ने इस अब तक अछूते प्राकृतिक क्षेत्र में तोपखाने की आग के लिए एक सैन्य रेंज स्थापित करने का निर्णय लिया।

सेना ने आधे से अधिक पहाड़ को अपने लिए विनियोजित कर लिया है और सरकार ने स्थानीय समुदाय के साथ सार्वजनिक परामर्श करने के बजाय चुपचाप जनता को धोखा दिया है। असली सच्चाई यह है कि उन्होंने पहाड़ पर रहने वाले लोगों से कोई सलाह ही नहीं ली। हम वर्षों से विरोध के साथ पहाड़ की रक्षा कर रहे हैं और 2020 में हमारा विरोध 51 दिनों तक चला था। पहाड़ों की कठिन परिस्थितियों में भी हम प्रेमपूर्वक रहे हैं। यह नियोजित सैन्य प्रशिक्षण मैदान बायोस्फीयर रिजर्व तारा नदी घाटी के संक्रमण क्षेत्र के भीतर स्थित है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूनेस्को द्वारा संरक्षित है। इस क्षेत्र के सम्बंध में महत्वपूर्ण तथ्य और मानदंड हैं, जिनका सम्मान किया जाना चाहिए। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि संक्रमण क्षेत्र, बायोस्फीयर रिजर्व का क्षेत्र, एक ऐसे क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें समुदाय सामाजिक-सांस्कृतिक और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ आर्थिक और मानवीय गतिविधियों का पोषण करते हैं। आईपीए परियोजना के भीतर मोंटेनेग्रो में नेचुरा 2000 की स्थापना, जिसे तीन मिलियन यूरो के साथ यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। सिंजाजेविना का क्षेत्र प्रकृति संरक्षण के क्षेत्र में यूरोपीय संघ के मानकों पर आधारित है। (संरक्षण पर यूरोपीय संघ के निर्देश, जंगली पक्षियों का – निर्देश 2009/147/ यूरोपीय संसद का चुनाव आयोग और जंगली पक्षियों के संरक्षण पर 30 नवंबर, 2009 की परिषद) को पक्षियों के लिए विशेष रुचि के संभावित क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है- एसपीए के क्षेत्र के साथ 39,240 हेक्टेयर। मोंटेनेग्रो में 2016 में एक यूरोपियन यूनियन द्वारा अध्ययन के लिए फंड दिया गया था। इस अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला कि सिंजाजेविना एक संरक्षित क्षेत्र होने के लिए सभी शर्तों को पूरा करता है। लेकिन कुछ साल बाद, सरकार ने या संक्षेप में कहिए के मोंटेनेग्रो के नाटो में शामिल होने के बाद उस अध्ययन को अपने पैरों के नीचे फेंक दिया। और 2017 में यहाँ पर सैन्य प्रशिक्षण स्थल बनाने की घोषणा कर दी।

हमारा संगठन (सिंजाजेविना बचाओ) दो मांगों पर जोर देता है : 1- सिंजाजेविना में सैन्य प्रशिक्षण मैदान का उन्मूलन।

2. एक संरक्षित क्षेत्र की स्थापना जिसके प्रबंधन में स्थानीय समुदाय सक्रिय रूप से भाग लेगा।

सिंजाजेविना में रहने वाले पर्वतीय समुदाय कौन हैं? उनकी आबादी क्या है? क्या सरकार ने कभी उनसे बात की है?

मोंटेनेग्रो में छह शहरों (नगर पालिकाओं) की सात जनजातियों द्वारा सिंजाजेविना का उपयोग किया जाता है, अर्थात कोलासिन, मोजकोवैक, सावनिक ज़ब्लजैक, डैनिलोवग्राद और बिजेलो पोल्जे। अब हमारे पास सिंजाजेविना में लगभग 250 परिवार हैं, जिनकी संख्या में 50 या 80 वर्ष पूर्व द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद औद्योगीकरण की तुलना में भारी कमी आई है लेकिन फिर भी यह मोंटेनेग्रो का सबसे कार्यकारी माउंटेन पैस्चर है। दरअसल, इतने वर्षों में बड़ी संख्या में लोग शहरों में चले गए, जिसका परिणाम गांवों और पहाड़ों पर पड़ा। सेना ने स्थानीय समुदायों से कभी बात नहीं की। इसके अलावा, उन्होंने कभी भी सिंजाजेविना के बाहरी इलाके में स्थित शहरों की आबादी से बात नहीं की, अर्थात मोजकोवैक, कोलासिन, ज़ावनिक और ज़ब्लजक, जो सिंजाजेविना से पानी प्राप्त करते हैं। हमारा मानना है कि सैन्य गतिविधियां पानी और हमारे पहाड़ों को प्रदूषित करेंगी, जो पूरे देश के लिए एक बड़ी समस्या पैदा करेगी। सिंजाजेविना का पानी पूरे देश में बहता है।

नाटो सैन्यीकरण के विरोध में

हकीकत यह है कि पर्यावरण, स्वास्थ्य आदि से संबंधित कोई भी अध्ययन पब्लिक डोमेन में नहीं है, न ही प्रभावित घुमंतू समुदायों के साथ बातचीत की कोई पेशकश। सरकार का यह कदम स्थानीय समुदायों के पारंपरिक अधिकारों का उल्लंघन है। कोई भी चरागाह वहाँ रहने वाले लोगों की उपस्थिति और उपयोग से और भी फलता-फूलता है। ये वे लोग हैं जो सदियों से वहाँ रहते हैं और इस स्थान के सामाजिक-पर्यावरणीय परिस्थितियों में पूरी तरह से घुल-मिल चुके हैं या यूँ कहिए कि उसे पूरी तरह से अपने जीवन का मंत्र बना चुके हैं। यह बताना ही मुश्किल हो रहा है कि इस क्षेत्र में सैन्य अड्डा बनने से कितनी बड़ी परेशानी होगी और इसका कितना भयावह असर होगा। इसका मतलब यह कि इस क्षेत्र में पशुओं के चरने की प्राकृतिक जगह, इसको चलाने के प्राकृतिक तरीके, इसको बचाने के सभी कार्य अब समाप्त हो जाएंगे। दस लाख वर्ष से जो प्राकृतिक क्षेत्र इतनी खूबसूरती से बना और हमारी संस्कृति, पर्यावरण, जैव विविधिता आदि का प्रतीक रहा है वह जल्दी ही खत्म हो जाएगा और उसके बाद उसे दोबारा रिकवर करना बहुत मुश्किल होगा।

कृपया हमारे साथ अपने देश की राजनीतिक व्यवस्था के बारे में जानकारी साझा करें। सरकार ने नाटो बलों को वहाँ आधार बनाने की अनुमति क्यों दी?

औपचारिक रूप से, हम 1990, लेकिन हकीकत में 1945 से 2020 तक संसदीय लोकतंत्र हैं, हमारे पास मूल रूप से कम्युनिस्ट पार्टी थी। कम्युनिस्टों ने केवल 1990 में अपना नाम बदला, लेकिन उन्होंने 2020 तक शासन करना जारी रखा। हालाँकि, उस पार्टी में आंतरिक परिवर्तन हुए, इसलिए उन्होंने समाजवाद को छोड़ दिया और नवउदारवादी पूँजीवाद की ओर रुख किया। 1990 से आज तक, मोंटेनेग्रो में सभी कारखाने नष्ट हो गए हैं, अर्थव्यवस्था नष्ट हो गई है और बिक गई है। हमारे पास अमीरों का एक छोटा समूह और बड़ी संख्या में गरीब हैं। आर्थिक संसाधनों के बिक जाने के बाद प्रकृति की बारी थी और उसे भी बेचने की तैयारी है। जो नागरिक प्रतिरोध कर रहे हैं, पर्यावरण की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं, उन्हें भी खत्म करने की कोशिशें की जा रही हैं।

हम 2017 से  नाटो सदस्य हैं और सदस्यता पर निर्णय जनमत संग्रह के बिना किया गया था। नागरिकों से नहीं पूछा गया था, लेकिन संसद ने दशकों से सत्ता पर काबिज पार्टी के प्रभाव में आकर इस सदस्यता के निर्णय पर मतदान किया था।

क्या यूरोपीय संघ या पश्चिमी दुनिया ने वन समुदायों के रोकने और क्षेत्र के सैन्यीकरण के खिलाफ उनके विरोध पर ध्यान दिया है?

पर्यावरण और मानवाधिकारों के लिए कार्य कर रहे स्थानीय और अन्तराष्ट्रीय संगठनों ने सिंजाजेविना बचाओ अभियान का समर्थन किया है। सभी ने कहा है कि सिंजाजेवीना में सैन्य प्रशिक्षण केंद्र बनाने से रोकने और इस क्षेत्र को पारंपरिक पशुपालकों के लिए छोड़ देने और क्षेत्र में किसी भी विकास कार्य में स्थानीय पशुपालकों से बिना सलाह लिए कोई काम न करने की शर्तों को पूरा करने पर ही मोंटेनेग्रो को यूरोपियन यूनियन की सदस्यता प्रदान की जाए।

 

12 जुलाई का दिन, सेंट पीटर्स डे, सिंजाजेविना के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जब दुनिया भर के सामाजिक कार्यकर्ता, मानवाधिकारों के लिए संघर्षरत लोग सिंजाजेविना के बचाने की लड़ाई में अपनी आवाज मिलाएंगे और वहाँ सैन्य अड्डा बनाने की प्रक्रिया को रद्द करने के लिए कहेंगे, जिसके लिए एक अंतर्राष्ट्रीय पिटीशन और एक अंतराष्ट्रीय सालिडैरिटी ग्रुप भी बनाया गया है।

अभी तक विश्व के 100 से अधिक संगठनों ने मोंटेनेग्रो सरकार और यूरोपियन यूनियन से सिंजाजेविना के इस मिलेट्रीकरण प्रोजेक्ट को खत्म करने की बात कही है। उन्होंने दोनों से यह भी कहा है कि स्थानीय समुदाय की बातों को सुना जाए। लैंड राइट्स नाऊ की इस पिटीशन को आप पढ़ सकते है।

Save Sinjajevina Now – statement in solidarity with traditional communities and protection of nature in Montenegro

दुखद यह है तीन साल बाद भी मोंटेनेग्रो सरकार ने अभी तक सैन्य अड्डे को खत्म नहीं किया है। मेरा मानना है कि यूरोपीय संघ में हमारा एक सहयोगी है, क्योंकि यूरोपीय संघ पर्यावरण संरक्षण का पोषण करता है। सात साल पहले, यूरोपीय संघ ने एक अध्ययन को वित्त पोषित किया था, जिसमें दिखाया गया था कि सिंजाजेविना एक संरक्षित क्षेत्र की स्थिति के योग्य है। बहुत लोगों ने अपने एकता संदेश हमें भेजे हैं। 2019 में यूरोपियन संसद ने हमारे प्रश्न को सुना। फरवरी 2020 मे यूरोपियन संघ के लोगों ने मोंटेनेग्रो का दौरा किया। यूरोप के पर्यावरण संगठनों ने भी हमारा बहुत समर्थन किया है। हम मानते हैं कि EU चुपचाप उस क्षेत्र के विनाश का होते नहीं देखेगा। सन 2020 में विरोध के दौरान, हमने मोंटेनेग्रो में यूरोपीय संघ के राजदूत के साथ बैठक की, जिन्होंने बेहद गर्मजोशी से हमें सुना और हमें विश्वास है कि हम भविष्य में उपयोगी सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं।

चरवाहों की आवाज

हम यूरोपीय संघ के सदस्य बनना चाहते हैं और हम इसकी सदस्यता के लिए लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं इसलिए हमारा मानना ​​है कि यूरोपीय संघ को कुछ मूल्यवान करना चाहिए और किसी के जीवन के क्षेत्र को मौत और बर्बादी में नहीं बदलना चाहिए। सिंजाजेविना एक संरक्षित रहवास है जहाँ पशुपालक प्रकृति के साथ बेहतर तालमेल के साथ जिंदगी जीते हैं। यह मोंटेनेग्रो और यूरोप को उच्चतम गुणवत्ता वाले पनीर और मांस खिलाता है। कोई भी बारूद के साथ ‘मसालेदार’ पनीर या मांस  नहीं चाहता। हमारे उत्पाद बहुत उच्च गुणवत्ता वाले और वास्तव में जैविक हैं।

आपके देश की आबादी क्या है? क्या देश में लोग सिंजाजेविना के आंदोलन का समर्थन करते हैं?

मोंटेनेग्रो की आबादी 620,000 हैं। अधिकतर नागरिक सिंजाजेविना के संरक्षण का समर्थन करते हैं। अब राजनेताओं को सुनना चाहिए लेकिन शायद वे इसलिए नहीं सुन पाते या सुन रहे क्योंकि बड़ी ताकतवर राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय ताकतें उन पर दबाब बना रही हैं कि मिलेट्री बेस को बंद न करें। यदि वे हमारी बात नहीं सुनेंगे तो हम उन्हें सुनने के लिए मजबूर कर देंगे।

आपकी सरकार राजनीतिक असंतुष्टों और मानवाधिकार रक्षकों से कैसे निपटती है? क्या वह उनके अधिकारों का उल्लंघन भी करती है?

हमारी वर्तमान सरकार विभिन्न दलों और विचारधाराओं को एक साथ लेकर चलती है। चूँकि एक दल बहुत समय से सत्ता में है इसलिए शायद कम हिंसक है। लेकिन पिछली सरकारों के समय हमारे विरुद्ध अत्यंत ही हिंसक शब्दावली का प्रयोग किया गया। हमें देश का दुश्मन, आतंकवादी, दूसरे देशों का जासूस, विदेशी शक्तियों के इशारे पर खेलनेवाला आदि सबकुछ कह दिया गया। अतीत में, असंतुष्टों को सताया गया है और अक्सर सरकारी संस्थानों द्वारा हमला किया जाता है। हमें विश्वास है कि वे दिन हमारे अतीत हैं। हम बेहतरी के लिए बदलाव की उम्मीद करते हैं। लेकिन लोगों की आवाज का अब तक सम्मान नहीं किया गया है, और हम मानते हैं कि इसे बदलने का समय आ गया है।

आप एक पत्रकार हैं और इस समय उन पर अधिकारियों और ‘राष्ट्रवादियों’ दोनों का बहुत दबाव है, जो हर जगह चिंता का विषय है। आपके देश में कितनी धार्मिक और जातीय विविधता है? क्या उनके बीच कोई विवाद है या सभी लोग शांति से रहते हैं? क्या उनके बीच कोई संघर्ष है?

हम एक बहु-जातीय और बहु-सांस्कृतिक देश हैं। हमारे यहाँ घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन वे बढ़ी नहीं हैं। हमें मौखिक द्वंद्व की समस्या है, अक्सर अभद्र भाषा, जिसे अक्सर राजनेताओं द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है, का उपयोग होता है।  हालांकि, सामान्य तौर पर, शारीरिक संघर्ष नहीं होते हैं और हम शांति से रहते हैं। सिंजाजेविना के लोग जो झेल रहे हैं वह गहन अन्याय है। यह लोकतंत्र का भी अपमान है और उन सभी यूरोपियन संस्थाओ का भी, जो स्वस्थ और मजबूत मोंटेनेग्रो चाहते हैं।

आप दूसरे देशों के कार्यकर्ताओं, लेखकों, पत्रकारों से क्या संदेश कहना चाहते हैं?

हमें उन मूल्यों के लिए लड़ना चाहिए जिन पर हम विश्वास करते हैं। कोई भी हमारे युद्ध नहीं लड़ेगा और न हमारी लड़ाई जीतेगा। जब हम किसी चीज में विश्वास करते हैं, तो हम उसके लिए पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लड़ते हैं। सिंजाजेविना हमेशा से ऐसे ही रहा है। यह हमारे लिए मानवाधिकारों का प्रश्न है और इस पर और मानवाधिकार अनिवार्य हैं। उन पर समझौता करने की कोई गुंजाइश नहीं है। प्रत्येक मनुष्य समान रूप से मूल्यवान है। सभी को एक आशावान भविष्य का, स्वस्थ और स्वच्छ रहने का अधिकार है और सभी को जिंदगी जीने के लिए एक जगह का अधिकार है।

हमारे द्वारा तैयार किया गया पूरा विश्लेषण आपके लिए नीचे दिए गए लिंक्स में है। आप अपने जानने वालों को ज्यादा से ज्यादा फॉरवर्ड करें और हमें सद्भावना और समर्थन के पत्र भेंजे। हम 11 और 12 जुलाई को अधिक से अधिक लोगों को सिंजाजेविना बुलाना चाहते हैं।

Registration to the Sinjajevina solidarity camp in July in Montenegro

https://worldbeyondwar.org/come-to-montenegro-in-july-2022-to-help-us-stop-this-military-base-for-good/

यदि आप सिंजाजेविना बचाओ अभियान का समर्थन करते हैं तो कृपया इस पेटीशन पर हस्ताक्षर करें :

Petition

https://actionnetwork.org/petitions/save-sinjajevinas-nature-and-local-ccommunities/

vidhya vhushan

विद्या भूषण रावत जाने-माने लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

गाँव के लोग
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पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट की यथासंभव मदद करें।

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