Tuesday, April 16, 2024
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जइसे कोंहारे क अउवाँ भभकि भभकि जरे हो ए बेटा तइसहीं माई क करेजवा भभकि जरे हो ……

छित्तूपुर गाँव स्थित कुशवाहा भवन में चल रहे बनारस पुस्तक मेले में प्रतिदिन कोई न कोई साहित्यिक और सांस्कृतिक आयोजन हो रहा है। मेले के दूसरे दिन शाम को जानी मानी गायिका मंगला सलोनी का गायन हुआ। मंगला सलोनी के पास मौलिक लोक गीतों का अच्छा खासा खज़ाना है और वे उन्हें अपने सुमधुर कंठ […]

छित्तूपुर गाँव स्थित कुशवाहा भवन में चल रहे बनारस पुस्तक मेले में प्रतिदिन कोई न कोई साहित्यिक और सांस्कृतिक आयोजन हो रहा है। मेले के दूसरे दिन शाम को जानी मानी गायिका मंगला सलोनी का गायन हुआ। मंगला सलोनी के पास मौलिक लोक गीतों का अच्छा खासा खज़ाना है और वे उन्हें अपने सुमधुर कंठ से एक अलग रुतबा दे देती हैं। देश के अनेक हिस्सों में अपने गायन से अलग पहचान बनाने वाली मंगला सलोनी आकाशवाणी और दूरदर्शन की प्रमुख कलाकार हैं।

आज की इस प्रस्तुति की खासियत इस बात में है कि मंगला सलोनी अपने मधुर कंठ से गंगा गीत के साथ जहां एक युवती के नादान पति मिलने की दुखभरी कहानी गा रही हैं वहीं माँ-बेटे के मार्मिक प्रसंग को भी मन को भिंगा देने वाले अंदाज में गाया है। केवल तबले की संगत में एक शानदार खनकती हुई सुरीली आवाज में देखिये और सुनिए उनके द्वारा प्रस्तुत इन मार्मिक गीतों को और बेल आइकॉन दबाकर चैनल के सब्सक्राइब भी करें ताकि हमारा हर वीडियो आप तक बेखटके पहुँच सके।

 

गाँव के लोग
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