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बनारस के गाँव-मुहल्ला और बस्ती में संविधान दिवस के दिन मनाया जाएगा संविधान शक्ति युग

26 नवंबर को घर-घर लोग दीप जलाकर पढ़ेंगे संविधान की प्रस्तावना और लेंगे शपथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के गाँव-मुहल्ले और बस्तियों में संविधान दिवस (26 नवम्बर) को संविधान शक्ति युग मनाकर पीड़ित, पीछड़ा व वंचित समाज के लोग अपने हक की लड़ाई को मजबूती प्रदान करने की योजना को नया रूप देंगे। […]

26 नवंबर को घर-घर लोग दीप जलाकर पढ़ेंगे संविधान की प्रस्तावना और लेंगे शपथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के गाँव-मुहल्ले और बस्तियों में संविधान दिवस (26 नवम्बर) को संविधान शक्ति युग मनाकर पीड़ित, पीछड़ा व वंचित समाज के लोग अपने हक की लड़ाई को मजबूती प्रदान करने की योजना को नया रूप देंगे। जहां 26 नवंबर को देशभर में 72वां संविधान दिवस मनाया जाएगा, वहीं वाराणसी के हज़ारों लोग दीप प्रज्ज्वलित कर सारनाथ, अस्सी घाट, रविदास मंदिर, अम्बेडकर पार्क, सांसद आदर्श गांव सहित कई गाँव-मुहल्ले और बस्तियों में संविधान की प्रस्तावना पढ़ेंगे और शपथ लेंगे। संविधान शक्ति युग मनाने का प्रमुख उदेश्य गाँव गिराव, मुहल्ले और बस्तियों के शोषित, वंचित व पिछड़े लोगों को संविधान की मूल भावना व प्रस्तावना से अवगत कराना है। इसके साथ ही नये युग के निर्माण में डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के योगदान से भारतीय जनमानस का परिचय कराया जायेगा।

26 नवम्बर को संविधान शक्ति दिवस मनाने हेतु संकल्प लेते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात के अहमदाबाद के वरिष्ठ दलित अधिकार कार्यकर्ता व दलित फ़ाउंडेशन के प्रमुख मार्टिन मेकवान के राष्ट्रीय आह्वान पर फ़ाउंडेशन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को परानपुर स्थित नटवा बीर बाबा मंदिर के प्रांगण में संविधान शक्ति युग मनाने की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक किया। बैठक का संचालन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि संविधान में प्रदत्त अधिकारों को प्राप्त करने के लिए जागरूक होना बहुत ज़रूरी है। दलित, शोषित-वंचित और पिछड़ों को उनका अधिकार संविधान से ही मिलेंगे। किसी धर्मशास्त्र से नहीं मिलेंगे। इसके लिए संविधान शक्ति युग मनाकर अपने हक-हकूक, मान-सम्मान अधिकार के लिए जागरूक किया जा रहा है। हमारे लिए संविधान ही ग्रंथ है। संविधान से ही देश चल रहा है। आयोजन की समीक्षा बैठक में गोरखनाथ, अनिल कुमार, रमेश कुमार, ममता, रेनू देवी, अमलेश कुमार, जीरा, साधना गुप्ता, रूपमाला, सुमन और शैलेन्द्र कुमार सहित कई लोग उपस्थित थे।
गाँव के लोग
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