उत्तराखंड। उत्तरकाशी के पुरोल में साम्प्रदायिक तनाव के हिंदूवादी संगठनों द्वारा 15 जून को प्रस्तावित महापंचायत को रोकने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से सुप्रीमकोर्ट द्वारा इंकार करने और हाईकोर्ट जाने की सलाह के बाद याचिकाकर्ताओं ने नैनीताल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अदालत ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए इस मामले पर कल यानी गुरुवार 15 जून को ही सुनवाई की तारीख दी है।
याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की ओर से पेश अधिवक्ता शारुख आलम ने आज दोपहर करीब 1 बजे मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया और तत्काल लिस्टिंग की मांग की।
Uttarakhand High Court To Hear Tomorrow Plea To Stop 'Mahapanchayat' Proposed In Purola Amid Communal Tensions https://t.co/pboQpOkwql
— Live Law (@LiveLawIndia) June 14, 2023
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, अधिवक्ता शारुख आलम ने कहा कि यह इस संबंध में है कि एक निश्चित अल्टीमेटम जो एक विशेष समुदाय को स्थान छोड़ने के लिए दिया गया है और अगर वह अल्टीमेटम पूरा नहीं हुआ, तो कल 15 जून को महापंचायत बुलाई जाएगी। आलम ने कहा कि याचिका दाखिल किए जाने की प्रक्रिया में है और रजिस्ट्री को कल लिस्टिंग सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया। प्रधान न्यायाधीश ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई कल की जाएगी।
इससे पहले सुप्रीमकोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन खंडपीठ ने याचिका पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
इस बीच, भारतीय कमुनिस्ट पार्टी ने भी राज्य के हालात पर काबू पाने के लिए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है।
CPI(M) Uttarakhand State Committee submitted a letter to Governor and CM appealing them to intervene in the communal incidents in Purola where Muslim families are being forced to vacate their houses, shops and leave the area. pic.twitter.com/NKDYRgDIae
— CPI (M) (@cpimspeak) June 14, 2023
इससे पहले 9 जून को भाकपा (माले) ने भी राज्यपाल को ज्ञापन भेज कर पूरे मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे रोकने की मांग की थी।
बता दें कि, भाजपा शासित बाकि राज्यों की तरफ उत्तराखंड में कथित लव जिहाद के नाम पर मुसलमान समुदाय को भयभीत और परेशान करने के लिए उत्तरकाशी के पुरोला शहर में हिन्दू संगठनों द्वारा 15 जून को प्रस्तावित महापंचायत के आयोजन पर रोक लगाने की मांग के साथ पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी को पत्र लिखकर इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर इस महापंचायत पर रोक लगाने की अपील की है।
वहीं, इस महापंचायत के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी ने चीफ जस्टिस को पत्र याचिका भेजी है।
बता दें कि, इस संयुक्त पत्र में प्रोफेसर अपूर्वानंद और कवि-टिप्पणीकार अशोक वाजपेयी ने हमले के तहत लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए न्यायिक हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है। पत्र में कहा गया है, ‘अगर महापंचायत होने दी जाती है, तो यह राज्य में सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा सकता है।’ पत्र में कहा गया है कि वे प्रभावित व्यक्तियों की सुरक्षा और महापंचायत को रोकने के लिए तत्काल उपाय करने का आह्वान करते हैं।
इस मसले पर अपूर्वानंद ने गाँव के लोग डॉट कॉम से फोन पर बात करते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से उत्तराखंड में मुख्यमंत्री और बीजेपी के लोग, नेता ये भ्रम फैलाते रहे हैं कि वहां लैंड जिहाद चल रहा है, वहां मज़ार जेहाद चल रहा है, इस तरह से वो एक भय का वातावरण पैदा कर रहे हैं, हिन्दुओं में डर पैदा कर रहे हैं। जबकि मुसलमानों की आबादी वहां नगण्य है। कुछ हजार ही मुसलमान हैं पूरे उत्तराखंड में। लव जिहाद, मज़ार जिहाद जैसे प्रोपेगेन्डा ये लोग पिछले कई वर्षों से कर रहे हैं। और उसका नतीजा यह है कि यह दंगाई ताकतों को एक खुली छूट है। यह मामला केवल आज का नहीं है, पिछले दिनों वहां धर्म संसद हुई। मई के महीने और उससे पहले से ये लोग बहु-बेटियों पर धमकियाँ जारी कर रहे हैं। साथ ही वह यह भी ऐलान करते रहे हैं कि मुसलमानों को यहाँ नहीं रहने देंगे। वह आगे कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि एक प्रतिक्रिया मात्र है, जिस मामले को लेकर अभी तुल दिया जा रहा है, उसमें भी झूठ बोला गया है, एक हिन्दू लड़की, एक हिन्दू लड़के के साथ प्यार में थी, वो उस लड़के के साथ जा रही थी और उनके साथ उस उन दोनों का एक मुसलमान दोस्त भी था। इस मामले में उस मुसलमान लड़के के होने से इसे उन लोगों ने लव जिहाद का मामला बना कर प्रचार किया। लेकिन यह मसला अभी का नहीं है, ऐसे प्रचार बहुत पहले से चल रहे हैं और अभी भी अगर मुख्यमंत्री का बयान देखा होगा, जहां उन्होंने खुद कहा कि यहाँ बाहरी लोग आ रहे हैं और यहाँ खतरा बढ़ रहा है, जिस वक्त एक समुदाय विशेष के प्रति नफ़रत फैलाया जा रहा हो, उनकी संपत्ति और दुकानों को निशान लगाकर चिन्हित किया जा रहा हो, उस वक्त एक मुख्यमंत्री का क्या दायित्व होना चाहिए? लेकिन उस वक्त मुख्यमंत्री स्वयं उस आग में घी डालने का काम कर रहे हैं।
अपूर्वानंद कहते हैं कि जो उत्तराखंड में हम देख रहे हैं, वह मणिपुर जैसा ही होने जा रहा है। इस पूरे मसले पर केंद्र सरकार की भूमिका के सवाल पर अपूर्वानंद कहते हैं कि यहां उत्तराखंड में मुसलमानों के खिलाफ पोस्टर लगाए जा रहे हैं। वहीं, गृहमंत्री गुजरात में जाकर कहते हैं कि यहां कोई भी मालिया-जमालिया घुस जाता है। मतलब कोड वर्ड में आप मुसलमानों को बाहरी बता रहे हैं। इसलिए इस पूरे मामले केंद्र की भूमिका बहुत साफ़ है। जब मणिपुर जल रहा था तब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कर्णाटक में जाकर चुनाव प्रचार कर रहे थे। एक महीने तक उन्होंने मणिपुर को जलने दिया।
गौरतलब है कि इससे पूर्व हिन्दू संगठनों द्वारा राज्य की शांति को भंग करने के उद्देश्य से मुसलमानों के खिलाफ हेट स्पीच और नफ़रत फ़ैलाने पर रोक लगाने के लिए 52 पूर्व नौकरशाहों ने मुख्य सचिव और डीजीपी को एक खुला पत्र लिखा था, जिसमें राज्य में सांप्रदायिक स्थिति पर तत्काल कार्रवाई के लिए अनुरोध किया था। अखिल भारतीय और केंद्रीय सेवाओं के पूर्व नागरिक सेवक रहे इस 52 पूर्व नौकरशाहों के समूह ने चिंता जाहिर की थी। यह पत्र लिखने वाले पूर्व सिविल सर्वेंट कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप (CCG) के सदस्य हैं।
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बता दें कि, बीते 26 मई को पुरोला में एक नाबालिक लड़की का दो लड़कों, जिनमें एक लड़का हिन्दू और दूसरा मुस्लिम द्वारा कथित अपहरण के नाम पर हिन्दू संगठनों ने हंगामा मचाया। क्षेत्र के मुसलमानों के खिलाफ प्रचार किया, उनके दुकानों को चिन्हित कर उन पर हमले किये गये। तब से वहां हालात गंभीर हो गया है और मुस्लिम समुदाय में भय का माहौल बन गया है। इतना ही नहीं इसके लिए हिन्दू संगठनों ने 15 जून को महापंचायत की घोषणा कर दी।
15 जून को महापंचायत से पहले परिसर खाली करने या गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते हुए मुस्लिम व्यापारियों की दुकानों के शटर पर देवभूमि रक्षा संगठन के नाम से नोटिस चिपका दिया गया। यह भी दावा किया गया कि ‘विश्व हिंदू परिषद’ ने टिहरी-गढ़वाल प्रशासन को पत्र भी लिखा है। पत्र के अनुसार, विहिप ने जिला प्रशासन को 10 दिनों के भीतर राज्य से ‘एक विशेष समुदाय (मुस्लिम)’ को निष्कासित करने की धमकी दी है। अनुपालन करने में विफलता के परिणामस्वरूप विहिप, हिंदू युवा वाहिनी और टिहरी-गढ़वाल के ट्रेड यूनियन के सहयोग से 20 जून को राजमार्ग को अवरुद्ध कर देगी।
क्षेत्र के कई मुस्लिम परिवारों ने अपनी सुरक्षा के डर से उनके खिलाफ नफरत फैलाने वाले अभियान के बाद शहर छोड़ दिया।
यह मामला आज का नहीं है। खुद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 7 अप्रैल को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘राज्य में सभी अवैध ‘मज़ारों’ को ध्वस्त कर दिया जाएगा। ये नया उत्तराखण्ड है, यहां अतिक्रमण करना तो दूर इसके बारे में अब कोई सोचे भी ना।,
देवभूमि उत्तराखंड में करेंगे अवैध मजारों को ध्वस्त।
ये नया उत्तराखण्ड है यहां अतिक्रमण करना तो दूर इसके बारे में अब कोई सोचे भी ना।@narendramodi@JPNadda@AmitShah @rajnathsingh@dushyanttgautam@BJP4India pic.twitter.com/jRe6VrD6dP
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) April 7, 2023
इस वीडियो में मुख्यमंत्री यह दावा करते हैं कि, ‘प्रदेश के अंदर 1,000 से ज्यादा स्थान ऐसे निकले हैं, जो अभी हमने चिह्नित किया है, कहीं पर मज़ार बना दिया गया है, कहीं पर कुछ और बना दिया गया है, लेकिन उसके नीचे खोजा जा रहा है तो कोई अवशेष नहीं मिल रहा है। हमने कहा है कि हम किसी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम यहां जबरन कहीं पर कब्जा भी नहीं होने देंगे।’
हमारी सरकार ने पिछले एक साल में अनेक जनकल्याणकारी निर्णय लिये हैं। जल्द ही हम समान नागरिक संहिता को लागू करेंगे। pic.twitter.com/I9hgZaUbgd
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) April 7, 2023
बीते 7 अप्रैल को ही एक अन्य वीडियो ट्विट में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि, समान नागरिक सहिंता कानून के लिए हमने जो कमेटी बनाई थी, उसने भी अपना काम पूरा कर लिया है। समान नागरिक सहिंता जो पूरे देश की मांग है, उसे भी हम कुछ महीने बाद लागू करेंगे। हम ऐसा करने वाले हिंदुस्तान के पहले राज्य बन जाएंगे और अपेक्षा करेंगे की अन्य राज्य भी इसे लागू करें।’
नित्यानंद गायेन गाँव के लोग डॉट कॉम के संवाददाता हैं।
बहुत ही तत्परता से पाखंडियों को जवाब देने के लिए साहसिक कदम और उसकी बेहतरीन रिपोर्टिंग, तहेदिल से शुक्रिया धन्यवाद एवं अग्रिम सफलता के लिए शुभकामनाएं.