इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में ऐसे नफ़रती व्यक्ति को हरगिज़ प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा, जिसकी भाषा और विचार ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसे असभ्य और विभाजनकारी कथनों से परिपूर्ण हैं, जो विश्वविद्यालय के मूल्यों के विपरीत है। यह बात इलाहाबाद विवि में NSUI प्रदेश महासचिव अजय पाण्डेय बागी ने कही।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर आपात सर्वदलीय बैठक आहूत की गई बैठक में छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर प्रमुखता से आवाज उठाई गई और यह निर्णय लिया गया कि आगामी 27 नवम्बर को विश्वविद्यालय में होने वाले दीक्षांत समारोह मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आगमन हो रहा है।
छात्र-छात्राओं की मांग है कि मुख्यमंत्री सबसे पहले छात्राओं की समस्याओं को सुने तथा छात्रसंघ बहाली का तत्काल घोषणा करे। छात्र नेंता आदर्श भदोरिया व अजय पाण्डेय बागी नें चेतावनी देते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य मुख्यमंत्री का विरोध करना नही है लेकिन यदि बिना छात्रसंघ बहाल किए आगमन होता है तो कोई भी छात्रसंगठन इसे स्वीकार नही करेगा।
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के भानु तथा दिशा संगठन के अविनाश ने कहा कि, ‘भाजपा शैक्षणिक संस्थाओं का लगातार राजनीतिककरण कर रही है। दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री के आने से पहले उन्हें छात्र संघ की घोषणा करनी होगी अन्यथा समस्त छात्र-छात्राएं पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे।’
छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर लगातार समाजवादी छात्र सभा, एनएसयूआई, दिशा छात्र संगठन, आइसा, एसएफआई, इंकलाबी मोर्चा जैसे सभी दलों ने एक मंच से समर्थन करते हुए छात्र संघ बहाली की मांग की।
इस मौके पर समाजवादी छात्र सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजय सम्राट, एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव सत्यम कुशवाहा, विकास स्वरूप, विकास, अनुराग यादव, आशुतोष मौर्या शिवबली, सौरभ सिंह गहरवार उपस्थित थे|
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के बगैर 27 नवंबर को दीक्षांत समारोह होगा क्योंकि इस दीक्षांत समारोह में विशेष राजनीतिक दल के नेता व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जा रहा है, जो ‘बटेंगे तो कटेंगे’ जैसे सांप्रदायिक बयान दे रहे हैं| ऐसे सांप्रदायिक व्यक्ति को दीक्षांत समारोह में मंच पर बुलाना समूचा छात्र समुदाय स्वीकार नहीं करेगा।
कुलपति महोदया आपसे निवेदन है कि पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की गरिमा का ख्याल रखें| परिसर में शांति बनाए रखने और विवि परिसर का राजनीतिकरण, साम्प्रदायीकरण व भगवाकरण होने से रोकें अन्यथा उसके बाद होने वाले समस्त परिणाम की स्वयं जिम्मेदार होंगी।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रांगण में आने पर योगी आदित्यनाथ का समूचा छात्र समुदाय पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे।
इल्ज़ाम चाहे जो लगालो, हम सच कहने के आदी हैं, सच कहना अगर बगावत है तो हां हम बागी हैं।