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ग्राउंड रिपोर्ट

आजमगढ़ : किसान नेता वीरेंद्र यादव पर जानलेवा हमला, दोषियों के खिलाफ एफआईआर नहीं दर्ज़ की गई, तहरीर बदलने का दबाव

जिन राज्यों में भाजपा का शासन है, वहाँ भाजपा से जुड़े लोग खुले आम दबंगई करने में सबसे आगे हैं क्योंकि उन्हें अपने ऊपर किसी भी तरह की कार्रवाई का कोई भय नहीं है। विशेषकर समाज के दबे-पिछड़े, वंचित समुदाय के पक्ष में खड़े होने वाले नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर आए दिन हमले करवाए जा रहे हैं। आजमगढ़ के किसान नेता वीरेंद्र यादव पर भी हमला करवाया गया और हमले करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई। जबकि न्याय की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली यह सरकार गैर भाजपा लोगों पर झूठी कार्रवाई कर उन्हें जेल में डालने से नहीं चुक रही है।

कल देर शाम मिली खबर के अनुसार पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव वीरेंद्र यादव और उनके भाई अरुण यादव पर जानलेवा हमला हुआ है। गंभीर चोटों के चलते वीरेंद्र यादव को पवई स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां से उन्हें सदर अस्पताल, आज़मगढ़ रेफर कर दिया गया।

जब पीड़ित किसान नेता ने हमलावरों के खिलाफ थाने में तहरीर दी तो पवई थानाध्यक्ष ने उनसे तहरीर बदलने को कहा। कल शाम तक हमलावरों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई जबकि वे जिस गाड़ी से आए थे, तहरीर में उसका नंबर लिखा था।

गौरतलब है कि इससे पहले वीरेंद्र यादव की ज़मीन पर गाँव की ही निवासी रंजना गोंड नमक महिला लेखपाल धर्मेन्द्र गौतम के सहयोग से अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रही थी और विवाद बढ़ने पर तहसील प्रशासन ने हस्तक्षेप किया और एसडीएम फूलपुर की देख-रेख में हुई नाप-जोख में यह तथ्य सामने आया कि लेखपाल जिस ज़मीन को दूसरे की बता रहा था, वह वास्तव में वीरेंद्र यादव की है। यह भी उल्लेखनीय है कि रंजना गोंड का भाई भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर के यहाँ काम करता है।

वीरेंद्र यादव ने बताया कि किसानों का सवाल उठाने की वजह से साजिशन भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर की शह पर उनकी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा कराने की कोशिश की गई थी लेकिन एसडीएम फूलपुर ने नापी करवाकर कब्ज़े को अवैध बताते हुए खेत में कब्ज़ा करने से रोकने के लिए स्टे ऑर्डर दिया था।

किसान नेता ने कहा कि भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर लगातार प्रशासन पर दबाव बनाते रहे। 25 सितंबर को सुबह सात बजे के करीब जब फिर से उनकी ज़मीन पर दबंगों द्वारा कब्ज़ा करने की कोशिश की गई तब उन्होंने रोका जिसपर उन्हें रस्सी से बांधकर रॉड से मारा-पीटा गया। उनको मारने वाले बदमाश यूपी 45 एपी 6618 नंबर की गाड़ी से आए थे। वीरेंद्र यादव को  बचाने आए उनके भाई अरुण यादव को भी गंभीर चोटें आईं।

किसान नेता वीरेंद्र यादव ने कहा कि जब वह हमले के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ कराने गए तो थानाध्यक्ष पवई ने कहा कि आप तहरीर बदल दीजिए और हमारे एसआई चंद्रशेखर सिंह से बात कर लीजिए। मैं जब चंद्रशेखर सिंह के पास गया तो उन्होंने कहा कि आपको जो अपहरण कर बंधक बनाया और रॉड से पीटा गया इस संदर्भ को हटा दीजिए इससे सरकार की बदनामी होगी।

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वीरेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर के दबाव के चलते मेरी एफआईआर नहीं दर्ज की गई और मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दिया गया। मेरे साथ जो घटना हुई है उसमे एसओ साहब का कहना है कि आप सामान्य घटना की तहरीर लिखवा दीजिये, हम जानलेवा हमले की तहरीर नहीं लिखेंगे।

वीरेंद्र यादव ने बताया कि जिस महिला रंजना गोंड ने मेरे ऊपर ये हमला करवाया है, उसने मेरे खिलाफ यह तहरीर दर्ज कराई है कि मैंने उसके साथ छेड़खानी की है। मेरे खेत के बगल में इस महिला ने घर बनवाया है। लेखपाल से मिलीभगत के माध्यम से वह मेरे खेत पर कब्ज़ा करना चाहती है।

सुबह वह मेरे खेत पर मिट्टी पाट रही थी तब मैंने उससे पूछा कि यह क्यों कर रही हो? इसी दौरान वहां 2-3 लोग बैठे थे जो मुझे मारने-पीटने लगे। रंजना गौड़ का भाई भाजपा के एमएलसी रामसूरत राजभर के यहाँ रहता हैं। यह सब भाजपा के एमएलसी रामसूरत राजभर का काम है।

वीरेंद्र यादव ने यह भी बताया कि हम लोगों ने नहर और सड़क की जो मांग उठाई थी, उसमें हमें जनता ने समर्थन दिया और भाजपा एमएलसी पर सड़क बनवाने का दबाव बनाया। इससे वह चिढ़ गए और मुझे सबक सिखाने का मौका ढूंढ रहे थे।

किसान नेता वीरेंद्र यादव ने कहा कि उनको जान से मारने की नीयत से किया गया हमला भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर द्वारा जातीय हिंसा भड़काने की कोशिश थी। किसान नेता ने कहा कि ठीक इसी तरह देवरिया ज़िले में प्रेमचंद यादव की हत्या की गई थी। वीरेंद्र यादव ने अपने और अपने परिवार के जान-माल के सुरक्षा की मांग की है।

किसान नेता राजीव यादव, श्याम सुंदर मौर्या, जंगल देव, राज शेखर और अवधेश यादव ने किसान नेता वीरेंद्र यादव से मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाई की मांग की है। आज किसान संगठन का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मिलकर मामला दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा।

गाँव के लोग
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