14 अप्रैल, 2025 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती का भव्य आयोजन हाशिए पर रहने वाले समुदायों के उत्थान के लिए समर्पित सामुदायिक संगठनों के संयुक्त प्रयासों से किया गया। इतिहास में पहली बार, 76 वर्षों के बाद, विमुक्त घुमंतू नट समुदाय ने वाराणसी के बेलवा नट बस्ती में बाबा साहब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन उड़ान (यूनाइटेड डेवलपमेंट एक्शन फॉर नोमैडिक ट्राइब्स), नट समुदाय संघर्ष समिति बेलवा और समाज उत्थान सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। नट समुदाय संघर्ष समिति के संयोजक प्रेम नट के नेतृत्व में आयोजित इस समारोह में समुदाय के सदस्यों ने एकत्रित होकर संविधान निर्माता की विरासत और भारत में सामाजिक न्याय एवं समानता में उनके अमूल्य योगदान का सम्मान किया।
समारोह में अनूप, दिलमोहद, रूपा, प्रीति, सौरभ, अनिल, सुक्कुर, जीतू, रमेश, चमेली, राजेश, दीपक सहित नट समुदाय के सभी महिलाएँ, पुरुष और बच्चे उत्साहपूर्वक शामिल हुए। कार्यक्रम में डॉ. अंबेडकर के विचारों एवं दर्शन पर प्रकाश डालते हुए भाषण दिया गया, बाबा साहब के सामाजिक न्याय के संघर्ष और उसकी वर्तमान प्रासंगिकता पर गोष्ठी का आयोजन हुआ, नट समुदाय द्वारा पारंपरिक सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। साथ ही विमुक्त एवं घुमंतू जनजातियों के उत्थान और सशक्तिकरण पर विशेष चर्चा की गई।
यह भी पढ़ें –आंबेडकर जयंती के दिन मंडेला के लोगों से प्रेरणा लें : भारत के वंचित समुदाय
उड़ान ट्रस्ट इंडिया के प्रबन्धक प्रेम नट ने कहा, ‘डॉ. अंबेडकर का विजन विमुक्त और घुमंतू समुदायों के साथ हमारे काम का मार्गदर्शन करता है। शिक्षा और संगठन पर उनका जोर आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना उनके जीवनकाल के दौरान था। नट समुदाय के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है जो संविधान के संरक्षक से नई प्रेरणा प्राप्त कर रहा है।‘
समाज उत्थान सेवा समिति के अध्यक्ष ने हाशिए पर रहने वाले समूहों को संबोधित कर सामुदायिक एकजुटता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सभी के लिए समानता और गरिमा को आगे बढ़ाने में संगठन द्वारा किए गए विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला।
नट समुदाय संघर्ष समिति बेलवा के संयोजक प्रेम नट ने कहा, ‘76 वर्षों में यह पहला अवसर है जब हमारा समुदाय बाबा साहब की जयंती मनाया। नट समुदाय दशकों से सामाजिक अन्याय, भेदभाव और हाशिये पर रहने की पीड़ा झेल रहा है। आज हम संविधान के निर्माता के आदर्शों से प्रेरित होकर अपने अधिकारों के लिए एकजुट हो रहे हैं।‘
उन्होंने नट समुदाय द्वारा सामना की जाने वाली विशिष्ट समस्याओं जैसे शिक्षा तक पहुँच, पहचान पत्र, सरकारी योजनाओं का लाभ और सामाजिक कलंक के विरुद्ध संघर्ष पर विस्तार से चर्चा की।
इस अवसर पर, नट समुदाय में कुछ पहल की शुरुआत की गई, जिसमें 1. समुदाय के बच्चों के लिए शैक्षिक सहायता केंद्र की स्थापना 2. नट समुदाय की समस्याओं पर व्यापक अध्ययन और दस्तावेजीकरण 3. सरकारी योजनाओं तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान और समुदाय के युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम।
समारोह का समापन डॉ. अंबेडकर के विजन के न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज को साकार करने की दिशा में काम जारी रखने के संकल्प के साथ हुआ। सभी प्रतिभागियों ने बाबा साहब के आदर्शों पर चलने और समुदाय के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास करने की शपथ ली।