Thursday, November 7, 2024
Thursday, November 7, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमवीडियोमेरी साहित्यिक और सामाजिक समझ बनाने में मेरे गाँव की बहुत बड़ी...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

मेरी साहित्यिक और सामाजिक समझ बनाने में मेरे गाँव की बहुत बड़ी भूमिका है – वीरेंद्र यादव

हिन्दी के शीर्षस्थ आलोचकों में शुमार वीरेंद्र यादव निरंतर सक्रिय जन-बुद्धिजीवी के रूप में अपने समय के सभी ज्वलंत मुद्दों पर न केवल लिखते हैं बल्कि व्यावहारिक धरातल पर भी अपनी उपस्थिति बनाये रखते हैं। उनकी प्रसिद्ध और बहुचर्चित किताब ‘उपन्यास और वर्चस्व की सत्ता’ हाल के वर्षों में सर्वाधिक पढ़ी जानेवाली किताब के रूप […]

हिन्दी के शीर्षस्थ आलोचकों में शुमार वीरेंद्र यादव निरंतर सक्रिय जन-बुद्धिजीवी के रूप में अपने समय के सभी ज्वलंत मुद्दों पर न केवल लिखते हैं बल्कि व्यावहारिक धरातल पर भी अपनी उपस्थिति बनाये रखते हैं। उनकी प्रसिद्ध और बहुचर्चित किताब ‘उपन्यास और वर्चस्व की सत्ता’ हाल के वर्षों में सर्वाधिक पढ़ी जानेवाली किताब के रूप में समादृत है। पिछले दिनों उनके लखनऊ स्थित आवास पर उनसे एक लंबी बातचीत रिकॉर्ड की गई। प्रस्तुत है उसका पहला भाग।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here