आस्ट्रेलिया में नई रोशनी (डायरी 2 जून, 2022)
नवल किशोर कुमार
इंदिरा गांधी, जिन्हें पता नहीं किसने ‘आयरन लेडी’ की संज्ञा दी, एक नजीर हैं। मेरे लिहाज से तो वह एक बेहद खूबसूरत विचारों वाली और बेहद बुलंद हौसलेवाली महिला थीं। यदि वह साहसी नहीं होतीं तो सोचिए क्या होता? पहली बात तो यही कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ नहीं होता और प्रिवी पर्स जैसी योजनाएं बदस्तूर जारी रहतीं। सरकारी खजानों से राजे-महाराजे--नवाबों के उत्तराधिकारियों को पेंशन जाती रहती। बैंकों का राष्ट्रीयकरण नहीं होता। इंदिरा गांधी यह जानती थीं कि इस देश को पूंजीपतियों के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता। उनके ऊपर नकेल कसने के लिए ही इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था।

आस्ट्रेलिया के नये प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इतिहास रचा है। उन्होंने आस्ट्रेलिया की विविधता को ध्यान में रखा है और दो खास तबके की महिलाओं को भी अपने मंत्रिपरिषद में जगह दी है। ये दो खास महिलाएं हैं– एद हुसिक और लिडा बर्नी। एद हुसिक आस्ट्रेलिया की पहली मुस्लिम महिला मंत्री हैं। वहीं लिडा बर्नी वहां की मूलनिवासी समुदाय की। भारतीय परिभाषा के हिसाब से आदिवासी।
नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।
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