द्रविड़ मुनेत्र कडगम (डीएमके) नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को मिटाने के मुद्दे को लेकर हो रहे एक सम्मेलन में कहा कि ‘सनातन धर्म मलेरिया डेंगू की तरह है जिसे मिटाना ज़रूरी है। उदयनिधि स्टालिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के बेटे और प्रदेश के युवा मामलों के साथ खेल मंत्री भी हैं। तमिल सिनेमा में उदयनिधि को फ़िल्म लेखक, निर्देशक और अभिनेता के रूप में भी जाना जाता है।
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की सामाजिक विषमताओं को अन्यायपूर्ण गैर बराबरी वाली सोच से भरा मानते हुये कहा कि अब यह स्थिति आ गई है कि हमें केवल सनातन धर्म की अन्यायपूर्ण व्यवस्था का विरोध नहीं करना है बल्कि इसे समूल मिटाना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिनका विरोध करना काफी नहीं होता है। मच्छर, डेंगू बुख़ार, मलेरिया, कोरोना ये ऐसी चीज़ें हैं जिनका हम केवल विरोध नहीं कर सकते, हमें उन्हें समूल मिटाने का प्रयास करना पड़ता है। सनातन भी ऐसा ही है, इसके खतरे और बढ़ें उससे पहले इसे समूल नष्ट करना होगा।
Bring it on. I am ready to face any legal challenge. We will not be cowed down by such usual saffron threats. We, the followers of Periyar, Anna, and Kalaignar, would fight forever to uphold social justice and establish an egalitarian society under the able guidance of our… https://t.co/nSkevWgCdW
— Udhay (@Udhaystalin) September 2, 2023
चेन्नई के थेनमपेट में तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स आर्टिस्ट एसोसिएशन की तरफ से सनातन ओज़िप्पू मानाडू यानी सनातन को समूल ख़त्म करने के लिए सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि मैं आयोजकों को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने मुझे सनातन को खत्म करने के सम्मेलन में बुलाया। मैं उन्हें बधाई देना चाहूँगा कि उन्होंने सम्मेलन का शीर्षक सनातन को ख़त्म करना रखा, न कि सनातन का विरोध करना। उन्होंने कहा कि अगर सही और संपूर्णता में सामाजिक न्याय की और समान भागीदारी और हिस्सेदारी की बात करनी है तो हमारा पहला काम सनातन को हटाना होना चाहिए न कि सिर्फ उसका विरोध करना।
उदयनिधि ने कहा कि सनातन या सनातनम नाम संस्कृत से आया है, सनातनम समानता और सामाजिक न्याय का विरोध करता है। उन्होंने शब्द को व्याखायित करते हुये कहा कि सनातन का मतलब है वो चीज़ जो स्थायी हो, यानी जिसे बदला न जा सके। इस शब्द में प्रगति का निषेध है और रूढ़ियों को बनाए रखने का यत्न है।
I never called for the genocide of people who are following Sanatan Dharma. Sanatan Dharma is a principle that divides people in the name of caste and religion. Uprooting Sanatan Dharma is upholding humanity and human equality.
I stand firmly by every word I have spoken. I spoke… https://t.co/Q31uVNdZVb
— Udhay (@Udhaystalin) September 2, 2023
उदयनिधि की यह बातें दक्षिण पंथी राजनीति को चुभनी ही थी और उदयनिधि का बयान सामने आते ही भाजपा के आईटी सेल से लेकर अन्य नेता भी सक्रिय हो गए। दक्षिण भारत की राजनीति में एम.के.स्टालिन की लोकप्रियता को भाजपा लंबे समय से चुनौती नहीं दे पा रही है। स्टालिन की पार्टी I.N.D.I.A. का हिस्सा बन गई है जिसकी वजह से दक्षिण भारत में विपक्ष को दमदार चुनौती देने की जमीन भाजपा को नहीं मिल पा रही है। कर्नाटक की सियासी जमीन पर भी कांग्रेस कब्जा कर चुकी है। ऐसे में भाजपा अपने पक्ष में धार्मिक ध्रुवीकरण का रास्ता खोजने में लगी हुई है। स्टालिन ने राज्य के मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति को जाति से पृथक कर योग्यता-केन्द्रित कर दिया है। यह स्टालिन द्वारा भारतीय सामाजिक व्यवस्था में क्रान्तिकारी कदम माना जाता है वहीं कट्टर हिंदूवादी (जिन्हें सही अर्थों में महज ब्राह्मणवादी कहा जाना ज्यादा ठीक होगा) संगठनों को यह बात स्वीकार करना आज भी अखर रहा है।
फिलहाल एम.के. स्टालिन की तरफ से जब कोई मौका नहीं मिला, तब भाजपा ने उदयनिधि के सनातन को खत्म करने के बयान को लेकर विरोध करना शुरू कर दिया।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दर्ज कराई जाने लगी भारत सरकार के गृहमंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने उदयनिधि के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा है कि ‘INDI Alliance के नेता वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के लिए हिन्दू धर्म को समाप्त करना चाहते हैं’।
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी अमित शाह के वीडियो के साथ एक्स पर लिखा है I.N.D.I एलायंस के दो प्रमुख दल, शिक्षक और कांग्रेस, सनातन धर्म को समाप्त करना चाहते हैं। हमारी संस्कृति, हमारे इतिहास और सनातन धर्म की राजनीति के लिए अपमान कर रहे हैं।
I.N.D.I एलायंस के दो प्रमुख दल, डीएमके और कांग्रेस, सनातन धर्म को समाप्त करना चाहते है… हमारी संस्कृति, हमारे इतिहास और सनातन धर्म का तुष्टिकरण की राजनीति के लिए अपमान कर रहे हैं। pic.twitter.com/ewZMWjNFrQ
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 3, 2023
मामला महज शाब्दिक विरोध भर का ही नहीं है बल्कि उदयनिधि स्टालिन की गिरफ्तारी को लेकर भी सोशल मीडिया पर कैम्पेन चलाया जा रहा है। भाजपा के नेता इसे जनसंहार वाला बयान बता रहे हैं और इस बयान को लेकर I.N.D.I.A. को घेरने की कोशिश में लगे हुये हैं।
फिलहाल इस मामले में जहां सोशल मीडिया पर उदयनिधि का विरोध हो रहा है तो दूसरी ओर उनके समर्थन में भी आवाजें उठाई जा रही हैं। एक तरह से देखा जाय तो उत्तर प्रदेश में पहले समाजवादी पार्टी महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर भी भाजपा की आई टी सेल के साथ तमाम साधु-संतों ने भी इसी तरह से हमला बोला था। यहाँ तक कि समाजवादी नेता मौर्य के बयान को लेकर न सिर्फ उन पर बल्कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी निजी तौर पर हमला करने का प्रयास किया गया था।
उत्तर से दक्षिण तक भाजपा के धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश के विरोध के चलते धार्मिक विरोध मुखर हो रहा है। 15 प्रतिशत समाज के हित के लिए 85प्रतिशत समाज के हक को धर्म के डंडे से शायद अब ज्यादा दिन नहीं हाँका जा सकेगा। उदयनिध स्टालिन ने भी इस परिप्रेक्षय में कहा है कि सनातन सिर्फ एक विभाजन कारी सिद्धान्त है जिसे अब खत्म करना चाहिए।