प्रधानमंत्री की सभा (मेंहदीगंज) के लिए काटी गयी कई एकड़ फसल के नहीं मिला मुआवजा, किसानों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

भुवाल यादव,विशेष संवाददाता,गाँव के लोग डॉट कॉम

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अक्टूबर के 25 तारीख को रिंग रोड उद्घाटन कार्यक्रम के लिए मेंहदीगंज में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सभा के लिए लगभग अठारह एकड़ धान की कच्ची फसल काट दी गयी थी। इसके खिलाफ किसानों और स्थानीय नागरिकों के विरोध प्रदर्शन किया तो कुछ किसानों को तत्काल में जिला प्रशासन ने मुआवजा दिया और शेष 51 किसानों को बाद में देने को कहा गया। रिंग रोड का उद्घाटन हुए महिना से ऊपर बीत गया लेकिन शेष किसानों को अबतक बकाया मुआवजा का भुगतान जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया है। जिला प्रशासन के उक्त रवैए को देखते हुए किसानों ने आक्रोश में आकर राजातालाब एसडीएम को मुआवजा के संबंध में बुधवार को ज्ञापन सौंपा और कहा कि यदि सरकार मुआवजा का भुगतान शीघ्र नहीं करती है तो हम सब आन्दोलन करने के लिए बाध्य होंगे। आन्दोलन की सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
देश में जहां किसान अपनी कई मांगों को लेकर पीछले साल भर से आन्दोलन कर रहे हैं। सरकार द्वारा कुछ मांग पूरी होने के बाद भी किसान अपने खेत-खलिहान लौटने को तैयार नहीं हैं; वहीं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मेंहदीगंज में बीते 25 अक्टूबर को मोदी की सभा के लिए काटी गयी कच्ची फसलों का मुआवजा किसानों को न मिलने की वजह से जिला प्रशासन और सरकार दोनों की किरकिरी हो रही है। मजे की बात यह है कि जब जनसभा होने वाली थी, तब सभा के लिए चिह्नित खेतों के मालिकों को मुआवजा नहीं मिलने की सूचना को विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों ने किसानों की खड़ी फसल काटने और उचित मुआवजा नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था, कुछ लोगों ने हरी फसल कटने की वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया था; तब जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मामले को संज्ञान में लेकर किसानों को चेक देते फोटो साझा कर कहा था कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों से सख्ती निपटा जाएगा। लेकिन अब वही प्रशासन घोड़ा बेचकर सोया हुआ है।
रैली हेतु काटी गयी फसल के बाद की तस्वीर
मुआवजा के लिए बुधवार को एसडीएम (राजातालाब) उदयभान सिंह को पत्रक देकर मीडिया के समक्ष अपनी बात रखते हुए पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगीराज सिंह पटेल ने कहा कि मुआवजा की राशि मय ब्याज किसानों को 72 घंटे के अंदर नहीं मिलती है तो हम सब आंदोलन करेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि मोदी सरकार किसान हितों की रक्षा की बड़ी- बड़ी बातें करती है। किसानों के लिए बीजेपी की सरकार में केवल ऋण माफ़ी की बात होती है, तो कभी फसलों को उचित क़ीमत देने की लंबी चौड़ी प्लानिंग होती है। लेकिन सच्चाई इससे उलट है। उन्हें किसानों के हितों की कितनी चिंता है, यह प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देखने को मिल रहा है। पत्रक देने वालों में विमला, होसिला, कल्लू, जगेराम, आशीष, मताबी देवी, डिंगूर, राजबली, लालजी आदि शामिल थे।
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