Friday, November 22, 2024
Friday, November 22, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमसामाजिक न्यायकानपुर : 'बुद्ध कथा' कार्यक्रम में हमले के खिलाफ न्याय के लिए...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

कानपुर : ‘बुद्ध कथा’ कार्यक्रम में हमले के खिलाफ न्याय के लिए तेज हुआ संघर्ष

पुलिस द्वारा जांच के लिए गए संयुक्त कमिश्नर आनंद प्रकाश ने घटना को लेकर ब्राह्मण समाज द्वारा लगाए गए आरोप 'पिछले साल आयोजित कथा में ब्राह्मण की मूर्ति पर कालिख पोतने और उसे जूतों की मामला पहनाने की वजह से ब्राह्मण समाज आक्रोशित था' को पूरी तरह से निराधार बताया है।

कानपुर के पहेवा गाँव में 9 दिनी बुद्ध कथा का आयोजन किया गया था। आयोजन के चौथे दिन यानी 18 दिसंबर को रात में ब्राह्मण समुदाय के लोगों द्वारा आयोजक और अन्य लोगों पर सोते समय कुंद और धारदार हथियारों से हमला किया गया। इस हमले में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल पिंटू कुशवाहा, नितिन पाल और विकास कुशवाहा हैलेट अस्पताल में भर्ती हैं। विकास कुशवाहा गंभीर अवस्था में आईसीयू में हैं जबकि नितिन पाल की हेड इंजरी गंभीर बताई जा रही है। आयोजक राम सजीवन ने बताया कि रात को ढाई बजे तीन-चार गाड़ियों में हथियारों के साथ आए ब्राह्मण समाज के लोगों ने हमला किया जिसमे कई लोग घायल हुये हैं।

उन्होंने बताया कि, ‘हमला बेहद क्रूरतापूर्वक किया गया और मारने के बाद मरा समझकर तखत से ढक दिया गया।’ सामाजिक कार्यकर्त्ता गोविंद से बात करते हुये देवरा गाँव के घायल लोगों ने बताया कि ‘हमलावरों ने हमला करते समय कहा कि तुम लोगों की हिम्मत कैसे हुई सनातन के खिलाफ डीजे और साउंड सिस्टम लगाकर बौद्ध कथा करने की।’ उन लोगों ने कहा कि यह हमला पूरी तरह से जातीय ऊंच-नीच की भावना से किया गया था। हमलावरों ने तंबू के पर्दे भी फाड़ दिए, कुर्सियां तोड़ दीं और अंबेडकर और बुद्ध की तस्वीरें भी फाड़ दीं। कार्यक्रम स्थल पर लगी संत रविदास की प्रतिमा को भी तोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

पुलिस द्वारा जांच के लिए गए संयुक्त कमिश्नर आनंद प्रकाश ने घटना को लेकर ब्राह्मण समाज द्वारा लगाए गए आरोप ‘पिछले साल आयोजित कथा में ब्राह्मण की मूर्ति पर कालिख पोतने और उसे जूतों की मामला पहनाने की वजह से ब्राह्मण समाज आक्रोशित था’ को पूरी तरह से निराधार बताया है। ज्ञात हो कि ब्राह्मण समाज के लोगों ने लिखित रूप से यह आरोप बुद्ध कथा के आयोजकों पर लगाए थे।

ग्रामीणों से बात करते सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि

उक्त घटना को लेकर सामाजिक संगठनों ने सयुंक्त मंच बना कर अपने स्तर पर घटना की जांच की और पाया है कि इस घटना से दलित और पिछड़ी जाति समाज के लोग अब भी दहशत में हैं। संयुक्त मंच ने जिला अधिकारी को दिये गए ज्ञापन में कहा है कि दिनांक 18 दिसंबर सोमवार 2023 को थाना साइ अंतर्गत ग्राम पहेवा, घाटमपुर के अंतर्गत हर वर्ष की तरह बौद्ध कथा कर रहे दलित व पिछड़े समुदाय के लोगों पर निकट गांव के सवर्णों द्वारा क्रूरता पूर्वक जानलेवा हमला किया गया और हवाई फायरिंग की गई।

संयुक्त मंच ने कहा है कि ‘बुद्ध कथा के आयोजकों का सवर्णों द्वारा शारीरिक व मानसिक उत्पीडन एक वर्ष से किया जा रहा है। सरकारी राशन वितरक कोटेदार ने राशन कार्ड निरस्त कर दिए हैं और कहा है कि ‘जाओ अब अंबेडकर राशन देंगे।’ कथा आयोजन को लेकर सवर्ण समाज के लोगों ने थाना प्रभारी, एसीपी, और एसडीएम घाटमपुर को लिखित झूठा आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया कि वर्ष 2022 में बुद्ध कथा आयोजन के समय सवर्ण की एक प्रतिमा बनाकर दलितो ने कालिख पोती और जूते की माला पहनाई सवर्णों द्वारा उक्त आरोप की जांच व घटना की जांच कर रहे जॉइंट कमिश्नर कानपुर नगर के आनंद प्रकाश तिवारी जी ने बताया कि कोई भी समाज विरोधी गतिविधि कथा के दौरान नहीं की गई थी सवर्णों द्वारा लगाया गया आरोप गलत व निराधार है। दलित बस्ती के लोगों ने बताया कि गांव में पानी की किल्लत दूर करने के लिए ट्यूबवेल पास हुआ था किंतु रातों-रात सवर्णों की साजिश से दूसरी जगह लगवा दिया गया पानी न मिलने से खेती सूख जाने की समस्या बनी रहती है।

सामाजिक संगठनों द्वारा जिला अधिकारी को दिया गया ज्ञापन

संयुक्त मंच ने कहा है कि दलित लोगों के सवर्णों के खेत से निकलने पर और किसी काम को करने के लिए उनके घर पर जाने पर जाति सूचक भद्दी-भद्दी गलियां दी जाती हैं, शराब पीकर गांव में मारपीट की जाती है और शिकायत करने पर प्रशासन व विधायक द्वारा कोई सुनवाई नहीं होती है। ऐसी स्थिति में हमारा सामाजिक संगठनों का संयुक्त मंच आपसे निम्न मांग करता है-

1-आरोपियों पर दर्ज एफआईआर में 307 व कड़ी धाराएं दर्ज की जाए।

2- जेल भेजे गए आरोपियों में बाकी के हमलावरों को शीघ्र जेल भेजा जाए।

3- सवर्णों द्वारा दिया गया झूठ शिकायत पत्र जिसमें सवर्ण प्रतिमा बनाकर कालिख पोतना व जूतों की माला पहनना लिखित में दिया गया है, शिकायत पत्र देने वालों के खिलाफ जाति उन्माद फैलाने की साजिश करने की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाए।

4- हमले में इस्तेमाल की गई गाड़ियों को सीज़ किया जाए, हमले में इस्तेमाल असलाहों को जब्त किया जाए, उनके लाइसेंस निरस्त किए जाएं।

5- भेदभाव करने वाले सरकारी राशन वितरण कोटेदार की दुकान निरस्त की जाए, शीघ्र नया कोटेदार को दुकान आवंटित कर सभी को राशन मिलना सुनिश्चित किया जाए।

6-गांव के लिए पास ट्यूबवेल जो दूसरे स्थान पर लगा दिया गया है, एक ट्यूबवेल शीघ्र पास कराकर गांव में लगाने की व्यवस्था कराई जाए।

7- दलित बस्ती में गांव के शारीरिक व मानसिक विकास हेतु एक अंबेडकर पार्क, अंबेडकर पुस्तकालय, अंबेडकर विद्यालय की व्यवस्था कराई जाए।

8- शासन-प्रशासन द्वारा गांव में डर तनाव को दूर कर सामान्य स्थिति को बहाल किया जाए, भविष्य में दलित पिछड़ों के साथ जाति भेदभाव, उत्पीड़न, अत्याचार न हो यह सुनिश्चित किया जाए।

उक्त घटना को लेकर एडिशनल डीसीपी अंकिता शर्मा के अनुसार नौ नामजद लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमें बनाई गई हैं। एफआईआर में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।

सामाजिक संगठनो ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा है कि उचित न्याय मिलने तक वह लोग लड़ाई लड़ेंगे। इस क्रम में आज भी सामाजिक संगठन अपना विरोध प्रदर्शित कर रहे हैं।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here