प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में भ्रष्टाचार और कोटेदारों की मनमानी आज भी जारी है। प्रधानमंत्री द्वारा गोद लिए गए गांव जयापुर की भी यही कहानी है, गरीबों की थाली से लूट जारी है।
जहां एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार पीएम आवास योजना के तहत 3 करोड़ आवास बनाने का दावा ठोंक रही है वहीं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गोद लिए गांव 'जयापुर' में अभी भी कई परिवार झोंपड़पट्टी में रहने को मजबूर हैं।
पूर्व नौकरशाह ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधु का निर्वाचन आयुक्त के रूप में चयन किया गया। समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल थे।
उलगुलान के महानायक बिरसा मुंडा करोड़ों आदिवासियों के लिए गौरव और गुमान के प्रतीक हैं। साथ ही उनका बलिदान आदिवासियों के सपनों की बुनियाद के साथ सियासत की धुरी भी है। लेकिन बिरसा की धरती पर ही उनके अनुयायी ‘बिरसाइत’ परिवारों की जिंदगी मुश्किलों में गुजर रही। विकास का पहिया इनके गांवों में पहुंचने से पहले क्यों ठहर जाता है, पड़ताल करती एक रिपोर्ट..
चिट्ठी में एसकेएम ने सी2+50 (पूंजी की इनपुट लागत+50%) के स्वामीनाथन फार्मूले के आधार पर सभी फसलों के लिए एमएसपी, खरीद की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं और स्मार्ट मीटर नहीं लगाने सहित अपनी मांगों का जिक्र किया है।
वाराणसी। बढ़ती बेरोज़गारी के बावजूद राजातालाब के ठेला-पटरी व्यवसायियों को उजाड़ा जा रहा हैं। राजमार्ग के ओवरब्रिज के नीचे और दोनों किनारे दुकानें लगाकर...