दिल्ली से प्रकाशित जनसत्ता ने शीर्षक भी बड़ा दमदार लगाया है– आरोप लगाने वालों को मोदी से माफी मांगनी चाहिए : शाह। अपने इस बयान में शाह ने कहा है– हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18-19 साल की लड़ाई में एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर, हर वेदना को सहन करते रहे।
जजों का काम अलग होता है। उन्हें फैसला सुनाना होता है। उसके पहले तथ्यों का अध्ययन करना पड़ता है। दलीलें सुननी होती हैं। सच और झूठ के अंबार से सबसे आवश्यक 'सच' को बाहर निकालना पड़ता है। यह काम इतना आसान नहीं होता है।

नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।
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