शायद आपको 24-25 फरवरी, 2020 का दिन याद हो। नहीं याद हो, तो गुजरात के अहमदाबाद में करोड़ों रुपए बर्बाद कर के आयोजित की गयी रैली को याद करिए, जिसका नाम दिया गया था- ‘नमस्ते ट्रम्प’। अहमदाबाद के इसी रैली में सरदार पटेल स्टेडियम में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मेजबानी की गयी थी। उस समय गुजरात की गरीबी छिपाकर ‘नमस्ते ट्रम्प’ का आयोजन के लिए पहले झुग्गियों के सामने दीवार चुनवाया गया था; बाद में 45 झोपड़ियों को खाली करने की नोटिस भी दी गयी थी। खैर यह तो फरवरी 2020 की बात है, लेकिन जो खबर आज(रविवार) की है; वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सीरगोवर्धन की है।
एक तरफ जहां दिन-प्रतिदिन यूपी में दलित-पिछड़ों की साजिशन हत्याएं हो रही हैं। सरकार के नुमाइंदे घटनाओं को गंभीरता से संज्ञान न लेते हुए प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप हत्यारों को संरक्षण देने का काम कर रहे हैं; तो वहीं सूबे की मुखिया योगी आदित्यनाथ यूपी विधानसभा-2022 के चुनाव के मद्देनजर सीरगोवर्धन स्थिति रविदास मंदिर पर आने वाले हैं। सीरगोवर्धन की जिन सड़कों पर आये दिन धूल उड़ती हैं, उन्हीं सड़कों पर आज जलकल विभाग द्वारा पानी गिराकर नमी युक्त कर दिया गया है ताकि योगी बाबा और प्रशासनिक अधिकारियों के चमकते चेहरा पर धूल के कण न पड़े। रविदास मंदिर की ओर मुड़ते हुए कोने पर बायीं ओर एक सूखा हुआ पोखरा है। उस पोखरा में कूड़ा-करकट का अम्बार लगा हुआ है। मुख्यमंत्री योगी बाबा या उनके साथ आने वाले बाहर के आगंतुकों की नजर पोखरा के अंदर कूड़ा-करकट के लगे अम्बार पर न पड़े, उसके लिए परदा का घेरा बना दिया गया है। यह परदा का घेरा ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की तहत आज तक पानी की तरह बहाई गयी धनराशि की वास्तविकता की पोल भी खोलता है। परदा से बनाये गये घेरा से कई परिवारों के दरवाजे पर जाने की रास्ते भी बंद थे। उन्हें आने-जाने में दिक्कतें हो रही थी।
सड़क के दोनों किनारे की दुकानें बंद रहीं
योगी आदित्यनाथ के आगमन को लेकर पुलिस प्रशासन कड़ी चौकसी बरत रहा था कि कहीं कोई उपद्रव न मचा दे या सत्ताधारी पार्टी भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन न कर दे या काला झंडा न दिखा दे। इसके पहले भी सीरगोवर्धन गांव स्थित रविदास मंदिर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी के आगमन के दौरान काला झंडा दिखाया जा चुका है। चूँकि सीरगोवर्धन गांव सपाइयों का गढ़ माना जाता हैऔरकाशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अधिकतर एससी-एसटी, ओबीसी और माइनर्टी के छात्र सीरगोवर्धन में किराए के मकान में रहते हैं। इसलिए पुलिस प्रशासन ने एहतियातन तौर पर स्थानीय सभी दुकानें बंद करा दी है, ताकि भीड़ से बचते हुए मुख्यमंत्री की काफिला सही-सलामत नियत स्थान पर पहुंच सके।