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ग्राउंड रिपोर्ट

भदोही : सपा विधायक जाहिद बेग, कालीन उद्योग में शामिल आयकर अधिनियम की धारा 43 बी के विरोध के लिए जंतर मंतर पर देंगे धरना 

आयकर की अधिनियम की धारा 43 बी खंड (एच) में कालीन उद्योग को शामिल करने से एक तरफ जहां कालीन के दामों में वृद्धि होगी तो वहीं दूसरी ओर उसकी खरीदारी पर भी असर पडे़गा। कुल मिलाकर इस नियम के लागू होने से इस उद्योग से जुड़े लोगों को भारी नुकसान उठाना पडे़गा।

भदोही। सरकार द्वारा भदोही में बनने वाली कालीन उद्योग को विशेष एमएसएमई के आयकर अधिनियम की धारा 43 बी खंड(एच) में शामिल करने की प्रक्रिया के विरोध में भदोही से समाजवादी पार्टी के विधायक जाहिद बेग आज से दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देंगे।

दिल्ली पुलिस को धरना प्रदर्शन की जानकारी देते हुए बेग ने बताया कि हस्तनिर्मित कालीन उद्योग को विशेष एमएसएमई क्षेत्र पर आयकर अधिनियम की धारा 43 बी खंड (एच) में शामिल करने से भदोही कालीन उद्योग पर बुरा प्रभाव पडे़गा। जिसके कारण कालीन उद्योग समाप्त हो जाएगा। कालीन उद्योग से यहां के लोगों की रोजी रोटी जुड़ी हुई है। लोग भुखों मरने लगेंगे। वैसे भी कालीन नगर भदोही का यह उद्योग बहुत ही बुरी स्थिति में है। सरकार जहां ‘एक जिला एक उद्योग’ का नारा देती है, तो वहीं दूसरी तरफ दो सौ साल पुरानी इस कालीन उद्योग को कानून की इस धारा के तहत लाकर उसे समाप्त करने की कोशिश कर रही है।

क्या है आयकर अधिनियम की धारा 43 बी खण्ड(एच)

आयकर की धारा 43बी केवल पेशेवर या व्यावसायिक आय पर कर कटौती से संबंधित है जो इस शर्त पर कटौती योग्य हो जाती है कि उन्हें भुगतान किया जाता है। वे केवल वहन की गई देनदारियां नहीं हैं जो किसी भी वित्तीय वर्ष में भुगतान नहीं की गई हैं। करदाता को आयकर रिटर्न दाखिल करने से पहले इन खर्चों का भुगतान करने के लिए एक विशिष्ट समय खिड़की प्रदान की जाती है और वित्तीय वर्ष में ऐसी देनदारियों का भुगतान करने का प्रमाण दिखाना चाहिए जिसका दावा किया गया है कि भुगतान किया गया है और न केवल खर्च किया गया है।

 इन धाराओं के लागू हो  जाने पर क्या होगा 

सीधे-सीधे शब्दों में कहा जाय तो इस धारा के लागू होने से कालीन की कीमत बढ़ जाएगी। कीमत बढ़ने की स्थिति में लोग इसे पसंद करेंगे। इससे मजदूरों की रोजी रोटी प्रभावित होगी।

कुल मिलाकर देखा जाय तो आयकर की इस नई धारा के लागू होने से कालीन उद्योग में लगे लोगों के जीवन में और मुसीबतें आएंगी शायद इसी मुसीबत को कम करने के लिए जाहिद बेग ने दिल्ली के जंतर मंतर पर आज से धरना शुरू कर दिया है ।

धरने की बाबत विधायक जाहिद बेग ने बताया कि दिल्ली के जंतर मंतर पर धारा 144 की बात कहकर पांच लोगों को एक साथ धरना देने की अनुमति नहीं दी गई। इसलिए भदोही के लोगों की समस्याओं को उठाने के लिए मैं अकेले ही धरने पर बैठूंगा। जाहिद बेग ने कहा जब तक मेरे अन्दर जान है मैं भदोही की जनता की समस्याओं को लोगों के सामने रखता रहूंगा।

इस बारे में कालीन उद्योग के व्यापारी दीपक यादव एसई बीएएटी एचओएनई पीएआर उन्होंने बताया कि इस नियम के एकाएक लागू हो जाने से कई परेशानियों का सामना कर पड़ेगा। हमारे यहां यह नियम धीरे-धीरे लागू करना चाहिए था। लागू होने की व्यवहारिकता से अनेक समस्याएँ हैं, जैसे कोई व्यक्ति हमारे यहां से 1 लाख का माल ले जाता है तो 45 -60 दिनों के अन्दर अगर माल का पैसा नहीं देता है तो उसे 30 प्रतिशत व्याज के हिसाब 1 लाख 30 हजार रूपया देना होगा। इस प्रकार से देखा जाय तो जो सीमा पहले 40-60 दिनोें की है, उसे छह से सात महीने पहले करना चाहिए था। उसके बाद धीरे-धीरे इस समय को कम करना चाहिए था।
एकाएक इस तरह से लोगों के ऊपर इस नियम को थोप देने से धीरे-धीरे यह कालीन उद्योग बंद हो जाएगा क्योंकि लोगों के पास ना उतनी पूंजी है और ना ही संसाधन।

देखा जाय तो आज देश में हस्तनिर्मित कालीन उद्योग में 20 लाख लोग लगे हुए हैं। जहां तक भदोही जिले की बात है तो यहां पर एक आंकड़े के मुताबिक 63 हजार कारीगर इस काम से जुड़े हुए हैं। भदोही जिले में देखा जाय तो लूमों की संख्या 1 लाख से अधिक है। लेकिन कोरोना के बाद कालीन उद्योग पर बहुत बुरा असर पड़ा है। मजदूरी करने वाले जहां दो वीकेटी की रोटी कमाने के लिए भटक रहे हैं, वहीं अनेक कालीन कारखाने बंद हो चुके हैं। कालीन एक्स्पोर्टर के पैसे भी डूब गए हैं।

ऐसे समय में आयकर अधिनियम की धारा 43 बी खण्ड(एच) लागू होना कालीन उद्योग पर दोहरी मार होगी ।

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