चुनाव आयोग के नए नियमों ने, हाशिए पर पड़े राजनीतिक संगठनों और कार्यकर्ताओं की अहमियत को बढ़ा दिया है। नए नियम से पहले, चुनावों में स्टार प्रचारकों का ही बोलबाला या दबदबा रहा करता था। पार्टी के अग्रिम संगठन और कार्यकर्ताओं का चुनावी कार्य बड़े-बड़े नेताओं के भाषणों के शोरगुल में दबकर रह जाया करता था। मगर पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग के नए नियमों ने अग्रिम संगठन और आम कार्यकर्ताओं की अहमियत क्या होती है यह बता दिया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी भाजपा के पास मजबूत अग्रिम संगठन मौजूद हैं जो नए नियमों के तहत डोर टू डोर जनसंपर्क करने के लिए पर्याप्त हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक घर-घर जाकर भाजपा के लिए वोट मांगने के लिए पर्याप्त हैं।
[bs-quote quote=”कांग्रेस के पास आरएसएस की तरह मजबूत संगठन अभी नहीं है लेकिन फिर भी कांग्रेस ने कांग्रेस सेवा दल पर भरोसा जताया है। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सेवा दल की टोलियां बनाकर उतारने का फैसला किया है। यदि सेवादल पर भरोसे की बात करें तो, गत दिनों राजस्थान में हुए विधानसभा के उपचुनाव से लेकर पंचायत और निकाय चुनाव में कांग्रेस की जीत में कांग्रेस सेवा दल ने प्रचार के माध्यम से अहम भूमिका निभाई थी।” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]
कांग्रेस के पास आरएसएस की तरह मजबूत संगठन अभी नहीं है लेकिन फिर भी कांग्रेस ने कांग्रेस सेवा दल पर भरोसा जताया है। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सेवा दल की टोलियां बनाकर उतारने का फैसला किया है। यदि सेवादल पर भरोसे की बात करें तो, गत दिनों राजस्थान में हुए विधानसभा के उपचुनाव से लेकर पंचायत और निकाय चुनाव में कांग्रेस की जीत में कांग्रेस सेवा दल ने प्रचार के माध्यम से अहम भूमिका निभाई थी। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष हेम सिंह शेखावत के नेतृत्व में कांग्रेस सेवा दल ने उपचुनाव में यह बड़ा काम किया था। अब पार्टी हाईकमान ने हेम सिंह शेखावत पर एक बार फिर से भरोसा जताते हुए उत्तर प्रदेश के 15 विधानसभा क्षेत्र की कमान उनके हाथों में सौंप दी है। करीब 300 कार्यकर्ताओं के साथ हेम सिंह अपनी टीम को लेकर निर्धारित विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे।
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पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई के लिए भी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है, क्योंकि लालजी देसाई की कार्यप्रणाली और कार्यशैली पर सेवादल के ही कुछ वरिष्ठ लोग अंगुलियां उठा रहे हैं। हालांकि लालजी देसाई ने राजस्थान और हिमाचल के उपचुनाव में सेवादल का बेहतर प्रदर्शन कर इसका जवाब भी दिया है। लेकिन राजस्थान और हिमाचल के चुनाव उपचुनाव थे, अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव है, इस चुनाव में कांग्रेस सेवा दल को अपने आप को जनता के बीच आरएसएस की टक्कर में सिद्ध करना होगा।