वे मजदूर थे और सड़क निर्माण में लगे थे। उन्हें पहचानना मुश्किल न था। वे नेपाली मूल के नागरिक थे। भारद्वाज से पूछा तो उनका कहना था कि अब यहां कोई हिमाचली नागरिक श्रम नहीं करता। फिर चाहे वह सड़क बनाने का काम हो, सड़क साफ करने का काम हो या फिर खेती करने का। पहाड़ों पर खेती करना श्रमसाध्य काम है और इस काम में नेपाली मजदूर बड़े कारगर साबित होते हैं।


नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं
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