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आर्थिक

सामाजिक क्षेत्र में राजनीति से ज्यादा बड़ा योगदान किया जा सकता है

दूसरा भाग- आपने सेण्टर फॉर दलित राइट्स की स्थापना उस वक्त की जब राजस्थान में मानवाधिकारों के प्रश्न पर बहुत कुछ नहीं था बल्कि मानवाधिकारों…
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दलित साहित्य में भूख और भोजन का चित्रण

पहला भाग यह बड़ी विचित्र बात है कि जिस समाज के पास हमेशा भोजन का भयंकर अभाव रहा और इस भयंकर अभाव के चलते उसे अपना और अपनी तमाम भूखी…
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रवीश! तुमसे माइक कोई नहीं छीनेगा!

डियर रवीश कुमार! तुम अपना माइक छीने  जाने को लेकर कुछ परेशां हो, ऐसा यह पोस्ट पढ़कर लगता है। किन्तु, दुसाध आश्वस्त करता है कि अंततः माइक,…
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यूपी का यह चुनाव विपक्षियों से ज्यादा जनता का संघर्ष है

10 फ़रवरी से शुरू हुआ पांच राज्यों का चुनाव 7 मार्च को समाप्त हो रहा है। कहने को तो यह 5 राज्यों का चुनाव रहा, किन्तु पूरे देश की निगाहें देश…
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गुलामी से मुक्ति नहीं बना चुनावी मुद्दा !

2022 में सात चरणों में संपन्न होने वाले पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्ति की ओर अग्रसर है, इस दरम्यान भाजपा ने मंडल उत्तरकाल में मंदिर…
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मेरी लड़ाई जनता की लड़ाई है

आज से 8 साल पहले की बात है जब मैंने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट नई दिल्ली को छोड़कर बीएचयू, वाराणसी में आकर काम करने का निर्णय किया…
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जातिगत जनगणना एक ऐसी चाभी है जो एक साथ कई तालों को खोलेगी

पूरे देश में जातिगत जनगणना की आवाज तेजी से उठने लगी है। बेशक केंद्र सरकार ने ओबीसी की जातिगत जनगणना न कराने की हठधर्मिता दिखाई हो लेकिन इसको…
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जातिगत जनगणना से ख़त्म होंगी जातियों की दीवारें

डॉ. ओमशंकर का नाम अब किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वे फिलहाल सर सुंदरलाल चिकित्सालय के हृदयरोग विभाग के अध्यक्ष हैं और हृदयरोग चिकित्सा के…
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बॉलीवुड में भी डाइवर्सिटी रिपोर्ट प्रकाशित होनी चाहिए

मानव जाति की सबसे बड़ी समस्या आर्थिक और सामजिक गैर-बराबरी है, जिसे सदियों से ही दुनिया के तमाम शासक शक्ति के स्रोतों - आर्थिक, राजनीतिक,…
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