निरहुआ ने कहा था- एयर कंपनियों ने बताया है कि एयरपोर्ट बहुत छोटा है, उड़ान नहीं हो सकती। अब निरहुआ कैसे बयान दे रहे हैं कि मंदिर उद्घाटन से पहले मंदुरी से उड़ान शुरू होगी।
निजामाबाद/पंदहा, आजमगढ़। महापंडित राहुल सांकृत्यायन की विरासत संवर्धन अभियान के तहत राहुल सांकृत्यायन की पाठशाला निजामाबाद और उनके ननिहाल पंदहा में कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुख्य...
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की इसी प्रक्रिया के तहत आजमगढ़ जनपद के फूलपुर तहसील के कई गांवों में जमीनों के पट्टे निरस्त कर दिए गए और उन जमीनों पर प्रशासन द्वारा झंडी लगा दी गई। उन जमीनों पर काबिज किसानों को चेतावनी दी गई है कि झंडी लगी जमीन पर जो हल चलाएगा, वो जेल जाएगा और जुर्माना भरेगा।
खिरिया बाग में पिछले नौ महीने से किसान धरने पर बैठे हैं। प्रशासन ने परियोजना स्थगित करने की बात कही है पर किसान परियोजना रद्द करने का लिखित शासनादेश मांग रहे हैं। वहीं, भाजपा नेता बोल रहे हैं कि सरकार अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माण के लिए तेजी से काम कर रही है।
9 अप्रैल 2023. आजमगढ़ की अन्डिका बाग में उन्नीसवें दिन किसानों मजदूरों का धरना जारी है।
अंडिका, फूलपुर आजमगढ़। पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव वीरेंद्र...
जिलाधिकारी से किसानों ने कहा कि जब आप खुद भी कह चुके हैं कि योजना स्थगित की जाती है। विधायक, सांसद भी कह रहे कि विस्तारीकरण के नाम पर किसानों को परेशान किया जा रहा है। आपके कहे अनुसार उनकी मांग पर परियोजना रद्द हो सकती है तो ऐसे में आप इन परिस्थितियों से शासन को अवगत कराकर हमारी बात पंहुचाए की शासनादेश जारी किया जाए कि हवाई पट्टी विस्तारीकरण की जो परियोजना है उसे रद्द किया जाए।
फूलपुर, आजमगढ़। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से सटे गांवों अंडिका, खुरचंडा, बखरिया, छज्जोपट्टी के किसानों-मजदूरों ने फूलपुर तहसील में विरोध-प्रदर्शन कर पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव...
वर्तमान में मंदुरी, आजमगढ़ में एक प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के खिलाफ किसानों-मजदूरों का आंदोलन चल रहा है। इस परियोजना से आठ...
खिरियाबाग आंदोलन पर हमला जारी रहा जैसे दिल्ली के किसान आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की गई थी। खिरिया बाग किसान-मजदूर आंदोलन को अर्बन नक्सल से जोड़कर अमर उजाला ने एक झूठी खबर प्लांट की। इस खबर का उद्देश्य आंदोलन को बदनाम करके खत्म करना था। ज़ाहिर है यह सरकार के इशारे पर किया गया और इसमें पत्रकार और अखबार के प्रबंधन को भारी भुगतान किया गया था। एक ऐसे संवेदनशील मुद्दे को इतने घातक तरीके से खबर के रूप में प्लांट करना और आंदोलन के समर्थकों को अर्बन नक्सल के रूप संदिग्ध बनाना कितना खतरनाक है यह कोई भी सचेत व्यक्ति समझ सकता है।
संविधान के 73 वें संशोधन के साथ यह प्राविधान किया गया है कि ग्राम सभा और पंचायतें जो सत्ता की सबसे छोटी ईकाई हैं, को अपने क्षेत्र की विकास योजनाएं खुद बनाने का अधिकार है। यह सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए किया गया है। ऐसे में शासन-प्रशासन ग्राम सभा व पंचायतों का संवैधानिक अधिकारों का हनन करते हुए भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ जाकर गैर कानूनी कदम उठाया। आज़मगढ़ में एयरपोर्ट सालों से बना पड़ा है जिससे आज तक एक भी विमान नहीं उड़ा है।
इस पदयात्रा में शामिल होने के लिए मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पाण्डेय और उनके साथियों को कैंट वाराणसी रेलवे स्टेशन पर सिगरा पुलिस ने लखनऊ छपरा एक्सप्रेस ट्रेन से उतरने के बाद सुबह छ: बजे हिरासत में लेकर पुलिस लाइन्स के गेस्ट हाउस में नज़र बंद कर दिया। कारण पूछने पर पुलिसवालों ने कहा कि ऊपर से आर्डर आया है, लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ जाएगा।
आजमगढ़ में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के भूमिग्रहण के खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में प्रस्तावित थी पदयात्रा
किसान पद यात्रा में शामिल होने आ...
गाँव उजाड़े जाने पर चालीस हज़ार की आबादी किस घाट लगेगी इसका कोई खाका अब तक नहीं बना है क्योंकि इसमें सरकार और प्रशासन डंडे के बल पर अब निपटा लेना चाहते हैं। जबकि जनता चाहती है कि बातें आमने-सामने और संविधान के दायरे में हो। इस आन्दोलन ने प्रभावित होने वाली जनता को न केवल जागरूक बनाया है बल्कि प्रशिक्षित भी किया है।
हवाई अड्डे के विरोध में खिरिया बाग में चल रहे धरना-आंदोलन में महिलाओं की उपस्थिति और सहभागिता उल्लेखनीय बनी हुई है। ये वे महिलाएं हैं जो अपने घर के बहाने उन लोगों को भी उजड़ने से बचाने की मुहिम में लगी हुई हैं जो अभी दूर-दूर से नफा-नुकसान देख रहे हैं। बहुत से लोग अच्छे मुआवजे की उम्मीद में भी हैं और वे अपनी बात से लोगों को सहमत कर रहे हैं कि विकास होगा तो फायदा सभी को होगा।
आज अक्टूबर महीने की पाँचवीं तारीख और दिन शनिवार है। दोपहर के दो बजने को हैं। जमुआ हरिराम के प्राइमरी स्कूल के सामने वाला मैदान धीरे-धीरे भर रहा है। जहां भी नज़र जा रही है वहाँ से गाँव के लोग आते दिख रहे हैं, बच्चे, बूढ़े नौजवान और महिलाएँ। महिलाओं ने अपने हाथ से बनाई हुई तख्तियाँ ले रखी है जिन्हें वे दूर से हाथ में झुलाती चली आ रही हैं लेकिन जैसे ही सभा स्थल के करीब पहुंचतीं उन्हें हाथों में ऊंचा उठाकर लहराने लगतीं।