Thursday, November 14, 2024
Thursday, November 14, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsFarmers bill

TAG

farmers bill

खेती, किसानी और हमारा रोमांस (डायरी,10 दिसंबर 2021)

कई सारी बातें ऐसी होती हैं, जिनके कारण हर दिन खास ही होता है। धूप-छांव जैसी जिंदगी ऐसे ही चलती रहती है और हम...

सरकार जनता से डरी हुई है इसलिए आंदोलनों को बेरहमी से कुचल देना चाहती है

बनारस में जातिगत जनगणना और किसान आन्दोलन जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर जाने-माने अधिवक्ता और सामाजिक चिंतक प्रेम प्रकाश सिंह यादव बहुत दिनों से...

क्या महत्वपूर्ण मुद्दों पर बैठकें दिशाहीन हो चुकी हैं

पूर्वांचल में किसानों की समस्याएं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों की समस्याओं से कहीं ज्यादा हैं लेकिन उनका कोई मुकम्मल संगठन नहीं होने की वजह से उनका गुस्सा और उनकी तकलीफें उनके और उनके परिवार तक सीमित हो गई हैं। पूर्वांचल में किसान संगठनों के नाम पर राजनीतिक पार्टियों के आनुषांगिक संगठन ही केवल काम कर रहे हैं, इसलिए किसानों का झुकाव भी इन संगठनों के प्रति अपनापन का नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा की पूर्वांचल इकाई की संरचना भी कुछ ऐसी ही दिखाई दे रही है। शायद इस वजह से पूर्वांचल में कोई बड़ा किसान आंदोलन खड़ा नहीं हो पा रहा है। 

राज्य पोषित हिंसा का सबसे खतरानाक नमूना है लखीमपुर खीरी की घटना

लखीमपुर खीरी की घटना एक चेतावनी है- हमारे लोकतंत्र का स्वास्थ्य अच्छा नहीं है। अजय कुमार मिश्र जिनके हिंसा भड़काने वाले बयान एवं गतिविधियां...

देवसत्ता का राजनीतिक अर्थशास्त्र

नए कृषि क़ानून खोटे, घटिया वाणिज्य को मजबूती देने के लिए लाए गए हैं। इसका असर पूरे सिस्टम पर पड़ेगा। यह मन और तन दोनों को विकृत करेगा|।हिंसा में उछाल आएगा। हत्याओं-आत्महत्याओं-मौतों का ग्राफ तेजी से बढ़ेगा। समाज के विभिन्न घटकों में पहले से चला आ रहा टकराव घातक शक्ल अख्तियार करेगा।

किसान आंदोलन देश की टूटती हुई उम्मीदों को बचाने का आंदोलन है

उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच कई दशकों तक काम करने के अनुभवों ने रामजनम की राजनीतिक समझ को अलग ढंग से विकसित किया...

ताज़ा ख़बरें