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बरेली में छापेमारी के दौरान युवक की मौत मामले में पुलिसकर्मियों समेत 10 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
बरेली (भाषा)। बरेली जिले के सरदारनगर पुलिस चौकी इलाके में जुआ खेले जाने की सूचना पर पहुंचे चौकी प्रभारी पुलिस उपनिरीक्षक समेत सात पुलिसकर्मियों...
वर्षों से जाति प्रमाण पत्र के अभाव में नौकरी के मौके गँवाते दलितों को राजस्व विभाग नहीं मानता दलित
जौनपुर। मेरा सवाल सुनकर कमैता के चेहरे का भाव उड़ गया। मासूम- सा दिख रहा यह चेहरा अब लाल सुर्ख हो गया। अभी तक...
बकरी पालन से ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं
बिहार सरकार अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ी जाति और सामान्य वर्ग को अलग-अलग दर से अनुदान दिया जाता है। सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत एवं अन्य जातियों को 60 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रावधान है। 20 बकरियों के साथ एक बकरा पालने के लिए लगभग 2 लाख की राशि दी जा रही है। इसके लिए ब्लाॅक व जिला स्तर पर पशुपालन विभाग में फाॅर्म आवेदन करना होता है। आवेदन की जांचोपरांत लाभुक को सब्सिडी राशि बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है। राज्य सरकार प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में देती है। इसके लिए बैंक से ऋण भी मुहैया कराया जाता है। सभी प्रक्रिया पशुपालन विभाग और बैंक के जरिए किसानों, मजदूरों व भूमिहीनों की आजीविका के लिए उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
बनारस में भी साइक्लोन बिपरजॉय का असर, हल्की बूंदाबांदी के साथ बादलों ने दी दस्तक
साइक्लोन बिपरजॉय के कारण अच्छा बना रहेगा मौसम, तब तक 25-26 तक मानसून भी जाएगा : एसएन पांडेय
वाराणसी/ लखनऊ। अरब सागर से बीते छह...
न्यायालय के हस्तक्षेप से दो साल बाद जीत में बदली हार, बेपर्दा हुई मतगणना की धांधली
संत रविदास नगर। आधुनिक तकनीकि के इस्तेमाल के बावजूद चुनावी मतगणना में किस कदर धांधली होती है, और किस तरह लोकतंत्र को नकारा जाता...
मऊ का मुख्तार : पर्वाञ्चल के ठाकुर और भूमिहार माफिया के खिलाफ खड़ा माफिया
उत्तर प्रदेश के बाहुबली -3
पिता के अहम पर आंच तो आई तो हथियार उठाया, गुरुदक्षिणा में हत्या की और बन गया उत्तर प्रदेश का...
मिट्टी में मिला देने के दंभनाद के समानांतर हत्या, हथियार और अपराध के भय में थराथराता उत्तर प्रदेश
पुलिस की हिरासत में पूर्व सांसद और पूर्व विधायक की हत्या से उत्तर प्रदेश में अपराध की सच्चाई और सुरक्षा के दावे बेनकाब
उत्तर प्रदेश...
राजातालाब तहसील में लटकाया जा रहा है सैकड़ों आय, निवास और जाति प्रमाणपत्र
अपने हक की जानकारी न होने के कारण ही लोग तहसील में शिकायतों की अर्जियां लेकर भटकते नजर आते हैं। जनहित गारंटी अधिनियम के तहत हर काम का समय तय है। आप सात दिन में शैक्षणिक कार्य हेतु जाति आय निवास प्रमाण जारी करवा सकते हैं। इसमें देरी होती है तो आप अपील कर मुआवजा लेने के लिए क्लेम कर सकते हैं।
56 यादव एसडीएम की सूची पेश कर देंगे तो मुख्यमंत्री आवास पर स्वीपर का काम करूँगा
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भर्ती परीक्षा-2011 के तहत 14 अगस्त, 2013 को उत्तर प्रदेश संयुक्त राज्य/ अधीनस्थ सेवा (मुख्य) परीक्षा-2011 का परिणाम घोषित किया गया। जिसके तहत कुल 389 पदों में सिर्फ 30 पद एसडीएम व 26 पद पीपीएस/ डीएसपी के थे।उन्होंने कहा कि एसडीएम पद के 86 स्थान ही विज्ञापित नहीं थे तो 86 में 56 यादव एसडीएम कहाँ से हो गए? उन्होंने कहा कि 1951 से 2017 तक कभी एसडीएम के 86 पदों की भर्ती ही नहीं हुई तो 86 में 56 यादव कैसे? उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री 86 में 56 यादव एसडीएम की सूची सार्वजनिक कर देंगे तो हम 5 कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर स्वीपर का काम करूँगा।
उत्तर प्रदेश में दलितों के विरुद्ध शर्मनाक घटनाएं
उत्तर प्रदेश में दलितों के अपमान की दो अत्यधिक घृणित घटनाएं घटी हैं। इस तरह की एक घटना में 19 साल के एक युवक को केवल इसलिए पीटा गया क्योंकि उसने उच्च जाति के एक व्यक्ति की प्लेट को छू लिया था। यह घटना एक विवाह समारोह में हुई।
फासिस्ट और बुलडोजरवादी सरकार में दलित की जान की कीमत
बीते 18 जून की रात 12:30 बजे के करीब शिव कुमार रावत (उम्र करीब 18 वर्ष) अपने घर के बाहर चारपाई पर सो रहे थे। उसी वक्त ठाकुर जाति के लोग आये और युवक की चरपाई के नीचे बम लगाकर उड़ा दिया। हमला इतना खतरनाक था कि तमाम कोशिशों के बाद भी उस युवक को बचाया नहीं जा सका।
तानाशाही और इंसाफ (डायरी 17 जून, 2022)
संविधान और कानूनों की व्यवस्था किसी भी मुल्क के लिए सबसे अधिक जरूरी है। इसके जरिए न केवल आंतरिक सुरक्षा व सामाजिक सामंजस्य बनाए...
खबरों में शीर्षकों का खेल कितना समझते हैं आप? (डायरी 16 मई, 2022)
खबरों के लेखन के संबंध में एक नियम है हम पत्रकारों के लिए कि हमें भावुक नहीं होना चाहिए। खबरें चाहे जैसी भी हों,...
सत्ता ने पत्रकारों के खिलाफ पूरी घेरेबंदी कर ली है
उत्तर प्रदेश में पूरब से लेकर पश्चिम तक 2019 में आजमायी जा रही थी। खबर दिखाने का मतलब प्रशासन को बदनाम करना स्थापित किया जा रहा था जो देश को बदनाम करने और अंतत: मुख्यमंत्री को बदनाम करने तक आ चुका था। कुल मिलाकर संदेश यह दिया जा रहा था कि नियमित पत्रकारिता का कर्म दरअसल देशद्रोह की श्रेणी में आ सकता है; देश का मतलब है मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री का मतलब है स्थानीय प्रशासन।
वैचारिकी तिरोहित होती गई और प्रतिनिधित्व का सवाल प्रमुख बनता गया — वीरेंद्र यादव
https://www.youtube.com/watch?v=0e7bZiyCTDE&t=502sसुप्रसिद्ध आलोचक वीरेंद्र यादव समाज में होनेवाली घटनाओं-परिघटनाओं पर अपनी पैनी नज़र रखते हैं। वर्तमान भारत के संक्रमणकालीन और परिवर्तनकामी राजनीति के बदलते केन्द्रकों...
कॉम्पटीशन नंबर का प्रेशर बच्चों की ग्रोथ के लिए हानिकारक है
https://www.youtube.com/watch?v=Ofs8bBRFWcs&t=2sश्वेता गुप्ता ने अपने जीवन की पारी की शुरुआत शिक्षिका के रूप में की। शुरू में वे लखनऊ में पढ़ाती थीं लेकिन शादी के...
युवा अस्थायी नहीं बल्कि स्थायी समाधान चाहता है
छोटे-छोटे राजनीतिक दलों के नेताओं के सामने संकट अपने लोगों को एकजुट रखने का भी दिखाई देने लगा है, क्योंकि लोगों के सामने बेरोजगारी और महंगाई का संकट है, युवा स्थायी समाधान चाहता है, जिसकी मांग वह अपने नेताओं से कर रहा है!
उत्तर प्रदेश : आरक्षण अनियमितता पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग सख्त लेकिन योगी मस्त
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के संख्त होने के बाद भी योगी सरकार मस्त है, उसे किसी की कोई चिंता नहीं है। सरकार के ऐसे उदासीन रवैए से आक्रोशित छात्र अपने आन्दोलन को लगातार जारी रखा है।
अमित शाह को काला झंडा दिखाने वाली नेहा बनी समाजवादी छात्र-सभा की अध्यक्ष
इलाहाबाद में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को काला झंडा दिखाने वाली नेहा यादव को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने...
आधुनिक भारत में ब्राह्मणों और राजपूतों के बीच ऐसे हो रही लड़ाई (डायरी 14 अक्टूबर, 2021)
भारत के शासकों ने देश के अखबारों के जैसे अपनी परिभाषा बदल ली है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे इस देश के पुलिस...

