उड़ीसा के बालासोर में हुए रेल दुर्घटना का मुख्य कारण रेलवे का अंधाधुंध तरीके से हो रहा निजीकरण और रेलवे में कुशल और प्रशिक्षित रेलवे कर्मचारियों की कमी है। वर्तमान केंद्र सरकार अमीरों का लाभ और गरीबों का विनाश करते हुए पैंसेंजर ट्रेन का किराया एक्सप्रेस के बराबर कर दी है, वही वंदे भारत समेत सभी ट्रेनों के एसी चेयर कार और एग्जीक्यूटिव श्रेणी के किराए में 25% तक कटौती कर रही है।
गौरतलब है कि 29 मार्च 2022 को हाईस्कूल की संस्कृत की परीक्षा थी। 28 मार्च की रात को ही बलिया में प्रश्नपत्र व मिलती-जुलती हल की हुई कॉपी वायरल हो गई। 29 मार्च की सुबह छह बजे पत्रकार अजीत ओझा ने इसे तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजकर जांच करने की बात कही। चार घंटे तक कोई जवाब नहीं आया। दस बजे डीएम इंद्रविक्रम सिंह ने फोन कर प्रश्नपत्र अपने व्हाट्सएप पर मांगा। पत्रकार ने वायरल पर्चा उन्हें भी भेज दिया। फिर भी वायरल प्रश्नपत्र से मिलते-जुलते पेपर से ही परीक्षा करवा ली गई।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र महमूरगंज स्थित मलिन बस्ती के लोग काट रहे अधिकारियों और नेताओं के चक्कर
आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला
वाराणसी। महमूरगंज स्थित...
जब गांधी की विचारधारा खत्म होगी, तभी गोडसे की विचारधारा स्थापित होगी। सर्व सेवा संघ सिर्फ एक जमीन नहीं है। यह विचारों का प्रतीक है। अगर आज वे इस जमीन पर कब्जा कर लेंगे, तो भविष्य में वे किसी भी संस्थान पर कब्जा कर लेंगे। उन्होंने देखा कि यह हांडी में चावल का एक दाना है, जिसे वे दबाना चाहते हैं।
एक सिपाही के पास ऐसे राष्ट्रीय स्तर के प्रकरण पर बोलने की इजाजत नहीं होती है। पुलिस व्यवस्था में सिपाही के पदक्रम को देखते हुये कहा जाय तो उसकी हैसियत नहीं होती है। जिस प्रकरण में प्रत्यक्ष रूप से जिला प्रशासन के आलाधिकारी सरकारी मंशा को अमलीजामा पहनाने में लगे हुये हों, वहां एक सिपाही ‘वर्कआउट’ का प्रसाद नहीं ले सकता। यह हो सकता है कि सिपाही द्वारा कही गई बातें सर्व सेवा संघ से जुड़े लोगों के लिए एक इशारा हो कि सर्व सेवा संघ सहित पूरे परिसर को लेकर सरकार और जिला प्रशासन का इरादा क्या है?
प्रशासन ने राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ साधना केंद्र को 30 जून को गिराने के लिए नोटिस दिया था। 27 सितंबर को डीएम के आदेश के 1 घंटे बाद ही यह नोटिस सर्व सेवा संघ के प्रांगण में सभी भवनों पर रेलवे विभाग द्वारा चस्पा कर दिया गया था। इसके विरोध में सर्व सेवा संघ ने 28 तारीख को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने यह कहा कि 30 जून को इस मामले की सुनवाई की जायेगी
[भव्यता के ख्वाब तले कुचले जा रहे स्वपन अब एक बड़े वर्ग की आँखों में चुभने लगे हैं। लोग दर्द में हैं और हक़ की आवाज पर सरकार की पहरेदारी है। धमकियाँ हैं। बावजूद इसके लोग अब भी लड़ रहे हैं। जब तक लोग लड़ रहे हैं तब तक उम्मीद जिंदा है। इस जिंदा उम्मीद के लिए न्याय की नियति क्या होगी, भविष्य क्या होगा, इस पर अभी तो प्रश्नवाचक का पेंडुलम वैसे ही झूल जा रहा है, जैसे समय के साथ चलने वाली घड़ी के बंद हो जाने पर उसका पेंडुलम खामोशी से झूलता रहता है और इंतजार करता रहता है कि कभी तो कोई उसकी चाभी भरकर उसे चला देगा।
समर्थकों के विशेष वर्ग को उन आलोचनाओं को सुन अपना पारा नहीं चढ़ाना चाहिए, जिन आलोचनाओं में भारत सरकार, केंद्र सरकार या एनडीए सरकार का संबोधन प्रयोग किया जाता है। ये तीनों अब कहीं हैं ही नहीं। यहां तक कि अब तो विदेश भी मोदी सरकार ही जाती है, भारत सरकार नहीं। जब भारत सरकार की जगह एक व्यक्ति विदेशी दौरों पर जाएगा, तो वो देश के कार्य से अधिक तवज्जो व्यक्तिगत कार्य को देगा।
वाराणसी। मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) द्वारा गाँवों की ज़मीन जबरन कब्जा करने और घेराबंदी करने के विरुद्ध इलाहाबाद उच्च...