किसी जमाने में लमही एक गाँव था और प्रेमचंद ने बहुत सारे चरित्रों को इसी गाँव से उठाया। मसलन! गाँव में जो पोखरा दिखाई पड़ता है और रामलीला का जो मैदान है। हम समझते हैं कि उनकी प्रसिद्ध कहानी रामलीला में उसका जिक्र है। लमही के पास ही एक ऐसी बस्ती है, जहां से निकल कर ईदगाह का हामिद और उसके साथी नदेसर स्थित ईदगाह की तरफ रुख करते हैं।
हमारा राष्ट्र तभी खुशहाल होगा जब हर वर्ग के लोग तरक्की करेंगे। समाज में धन का समान वितरण बहुत आवश्यक है, इसके अभाव में राष्ट्र का विकास अधूरा ही रहेगा। बिना मुस्कुराए आप दूसरों के चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं ला सकते। जब समाज के हर तबके का पेट भरने लगेगा और देश का हर बच्चा पढ़ने लगेगा तब आप मुस्कुरा सकते हैं और कह सकते है कि हमारा देश तरक्की कर रहा है।
अफलातून दीवाल पर लगी एक नोटिस की तरफ इशारा करते बताते है कि एविक्शन का एक आर्डर 27 जून को आया था (जो सर्व सेवा संघ के प्रकाशान भवन के सामने चस्पा था) जिसमें 30 जून तक खाली करने का आदेश था। जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश एक बार आ गया तो उन्हें एविक्शन का एक फ्रेश आर्डर देना चाहिए था। क्या ऐसा कोई आर्डर अभी प्रशासन के पास है या प्रशासन ने सर्व सेवा संघ को ऐसी कोई नोटिस हाल-फ़िलहाल में जारी की है?
ऐसा ही आंदोलन सन दो हजार उन्नीस की पहली जनवरी से शुरू हुआ था, जब मांझी समुदाय ने पहली बार गंगा में क्रूज चलाने के विरोध में नावें किनारे से बांध दी और अस्सी से राजघाट तक अपील की कि कोई भी अपनी नाव नहीं चलाएगा। मांझी समुदाय की मांग थी कि क्रूज को पहले से तय किए गए रास्ते खिड़किया घाट से दशाश्वमेघ घाट तक ही चलाया जाए न कि अस्सी घाट तक। वैसे तो पूरा मांझी समुदाय क्रूज के संचालन से ही नाराज था लेकिन जब उद्घाटन हो गया तो उन लोगों ने क्रूज को तय रास्ते पर चलाए जाने की मांग रखी।
रायपुर और गोरखपुर के बाद प्रधानमंत्री पहुँचे वाराणसी, 12,000 करोड़ रूपये की योजनाओं की घोषणा की
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पक्ष-विपक्ष दोनों अपने-अपने तरीके...
मेरे गाँव में अनेक ऐसे परिवार थे जिनके पास अपने परिजनों की तेरहवीं करने की स्थिति नहीं थी। लेकिन पुरोहितों के दबाव के आगे वे इतने मजबूर हो जाते थे कि उन्हें तेरही करनी पड़ती थी। पुरोहित पूर्वजन्म और पुनर्जन्म का भय दिखाता कि अगर ठीक से तेरही नहीं करोगे तो मृतक प्रेत बनकर भटकता रहेगा। महाजन इस ताक में रहता कि पुरोहित के कहने पर ये किसान-मजदूर कर्ज़ लेने उसी के पास आएंगे।
स्वास्थ्य के अधिकार कानून बनाने के पक्ष मे हस्ताक्षर कराये गए
केंद्र एवं राज्य स्तर पर स्वास्थ्य आयोग का गठन हो
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजा जाएगा ज्ञापन
वाराणसी...
अपने हक की जानकारी न होने के कारण ही लोग तहसील में शिकायतों की अर्जियां लेकर भटकते नजर आते हैं। जनहित गारंटी अधिनियम के तहत हर काम का समय तय है। आप सात दिन में शैक्षणिक कार्य हेतु जाति आय निवास प्रमाण जारी करवा सकते हैं। इसमें देरी होती है तो आप अपील कर मुआवजा लेने के लिए क्लेम कर सकते हैं।
अभी तक मैं जितनी महिला कामगारों से मिली हूँ उनमें से कुछ को छोड़ लगभग सबने कम मजदूरी की बात की है। यह किसी एक जगह की बात नहीं है। इसका मतलब यह है कि नियोक्ताओं ने मजदूरी, दाम और मुनाफ़े की जो व्यवस्था बनाई है वह मजदूर की न्यूनतम मजदूरी का भी अधिकतम हिस्सा हड़प लेने वाली है।
प्रशासन और ट्रान्सपोर्ट नगर योजना से पीड़ित किसानो की विकास प्राधिकरण कार्यालय स्थित सभागार मे हुई वार्ता
आज दिनांक 28/02/2023 विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की...
इस पदयात्रा में शामिल होने के लिए मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पाण्डेय और उनके साथियों को कैंट वाराणसी रेलवे स्टेशन पर सिगरा पुलिस ने लखनऊ छपरा एक्सप्रेस ट्रेन से उतरने के बाद सुबह छ: बजे हिरासत में लेकर पुलिस लाइन्स के गेस्ट हाउस में नज़र बंद कर दिया। कारण पूछने पर पुलिसवालों ने कहा कि ऊपर से आर्डर आया है, लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ जाएगा।
घरेलू महिला उत्पीड़न व लैंगिक भेदभाव के मुद्दों पर जागरुकता एवं संवेदनशीलता प्रसार हेतु बसंता महिला महाविद्यालय, राजघाट की छात्राओं के बीच दख़ल संगठन और...