Friday, November 22, 2024
Friday, November 22, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमविविधरात में काम करने से भूख और खानपान की आदतें जैविक घड़ी...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

रात में काम करने से भूख और खानपान की आदतें जैविक घड़ी को बाधित करती हैं

नई दिल्ली (भाषा)।  शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में कहा है कि कैसे रात की पाली में काम करने से भूख, खान-पान की आदतें बिगड़ती हैं, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी वजन बढ़ जाता है। ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि रात की पाली में काम करने से शरीर की जैविक […]

नई दिल्ली (भाषा)।  शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में कहा है कि कैसे रात की पाली में काम करने से भूख, खान-पान की आदतें बिगड़ती हैं, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी वजन बढ़ जाता है।

ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि रात की पाली में काम करने से शरीर की जैविक घड़ी में व्यवधान पड़ता है। इससे भूख को नियंत्रित करने वाला हार्मोन भी प्रभावित होता है।.

टीम ने यकृत के पास स्थित अधिवृक्क ग्रंथि पर ध्यान केंद्रित किया, जो हार्मोन का उत्पादन करती है जो चयापचय एवं भूख सहित कई शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करती है, जिन्हें ग्लुकोकोर्टिकोइड हार्मोन कहा जाता है।.

‘कम्युनिकेशंस बायोलॉजी’ शोध पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रकाश और अंधेरे के बीच तालमेल नहीं बन पाने से इन हार्मोन के कामकाज में गड़बड़ी होने से भूख प्रभावित होती है। इस वजह से दिन में निष्क्रिय रहने के दौरान काफी अधिक खाने की इच्छा बढ़ जाती है।.

शोधकर्ताओं ने कहा कि उनके निष्कर्षों से पता चलता है कि कैसे शरीर की आंतरिक घड़ी में व्यवधान चयापचय स्वास्थ्य नुकसान के संदर्भ में भोजन की आदतों को गहराई से बदल सकता है। उन्होंने कहा कि इस अध्ययन से उन लाखों लोगों की मदद हो सकती है जो रात भर काम करते हैं और वजन बढ़ने की समस्या से प्रभावित हैं।.

अधिवृक्क ग्रंथियों में ग्लुकोकोर्टिकोइड हार्मोन सीधे मस्तिष्क पेप्टाइड्स के एक समूह को नियंत्रित करते हैं जो कुछ बढ़ती भूख (ऑरेक्सजेनिक) और कुछ कम भूख (एनोरेक्सजेनिक) के साथ भूख व्यवहार को नियंत्रित करते हैं।.

टीम ने अध्ययन में पाया कि जहां नियंत्रण वाले चूहों ने अपने सक्रिय चरण के दौरान दैनिक सेवन का लगभग 90 प्रतिशत और निष्क्रिय चरण के दौरान केवल 11 प्रतिशत खाया, वहीं थके हुए चूहों ने अपने निष्क्रिय चरण के दौरान अपने दैनिक कैलोरी का लगभग 54 प्रतिशत खाया।.

ब्रिस्टल में रिसर्च फेलो एवं शोध की वरिष्ठ लेखिका बेकी कॉनवे-कैंपबेल ने कहा, ‘‘जो लोग लंबे समय से रात की पाली में काम कर रहे हैं, हम अनुशंसा करते हैं कि वे दिन के उजाले का आनंद लें, हृदय संबंधी व्यायाम करें और भोजन के समय को नियमित समय पर बनाए रखने का प्रयास करें।’’

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here