Saturday, July 27, 2024
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अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का पीटा जा रहा ढिंढोरा, प्रशासन कह रहा ऐसी कोई परियोजना है ही नहीं

किसान मजदूर 8 महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं। यह धरना तब शुरू हुआ जब 12-13 अक्टूबर को एसडीएम सगड़ी, कंधरापुर थानाध्यक्ष व अन्य राजस्वकर्मीयों द्वारा भारी पुलिस बल के साथ जबरन गांव में बिना किसी सूचना के सर्वे किया जाने लगा। गैरकानूनी कार्यवाई का ग्रामीणों ने विरोध किया तो महिलाओं, बुजुर्गों को बुरी तरह से मारा-पीटा गया और दलित महिलाओं को जाति सूचक गालियां दी गईं।

खिरिया बाग के किसानों और मजदूरों ने राष्ट्रपति, राज्यपाल, नागरिक उड्डयन मंत्री, प्रमुख सचिव को भेजा पत्र

खिरिया बाग (आजमगढ़)। खिरिया बाग के किसानों-मजदूरों ने राष्ट्रपति, राज्यपाल, नागरिक उड्डयन मंत्री, प्रमुख सचिव को आजमगढ़ में प्रस्तावित मंदुरी एयरपोर्ट के लिए किए जा रहे जमीन अधिग्रहण और जिला प्रशासन द्वारा हो रहे उत्पीड़न को लेकर पत्र भेजा। पत्र के माध्यम से किसानों-मजदूरों ने बताया कि विभिन्न कागजी दस्तावेजों में आजमगढ़ में हवाई पट्टी और हवाई अड्डा विस्तारीकरण, कहीं मंदुरी एयरपोर्ट विस्तारीकरण, कहीं आजमगढ़ में मंदुरी स्थित एयरपोर्ट को एयरबस A-321 के अनुकूल विकसित एवं विस्तारीकरण, ये जानकारियां मीडिया माध्यमों में प्रशासन और सांसद दिनेश लाल निरहुआ देते आ रहे हैं। दूसरी तरफ, जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से इस परियोजना को विभिन्न कागजों में कई नामों से उल्लेखित करना पूरी परियोजना की पारदर्शिता पर संदेह पैदा करता है। यह संदेह तब और बढ़ जाता है जब जिलाधिकारी वार्ता में कहा जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का कोई मास्टर प्लान है ही नहीं, जिसे रद्द किया जाए। दूसरी तरफ, शासन-प्रशासन की इन पेचीदगियों ने ग्रामीणों का नींद और सुकून छीन लिया है। जमीन जाने के सदमे से गाँव के कई किसानों की मौत हो चुकी है। ग्रामसभा जमीन और मकान नहीं देना चाहती है। जिस नाम से भी यह परियोजना हो, जिसके कारण जमीन और मकान को छीना जा सकता है उसे तत्काल रद्द किया जाए।

पत्र के कहा गया है कि 2 फरवरी, 2023 को जिलाधिकारी कार्यालय (आजमगढ़) में हुई वार्ता में किसानों-मजदूरों ने कहा कि अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की परियोजना को रद्द किया जाए, क्योंकि हमारी ग्राम सभाएं जमीन नहीं देंगी। साथ ही अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट हमारी आवश्यकता नहीं है। जिलाधिकारी से वार्ता में भी हमसे कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट परियोजना का कोई मास्टर प्लान नहीं है जिसे रद्द किया जाए।

दूसरी तरफ, 7 नवंबर, 2022 और 2 जनवरी, 2023 को जिला प्रशासन ने मीडिया में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए 2 फेज में ली जाने वाली 670 एकड़ भूमि का सर्वे करके रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। शासन के आदेश के बाद भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। 6 जनवरी, 2023 को विशेष सचिव (उत्तर प्रदेश शासन) कुमार हर्ष द्वारा जिलाधिकारी आजमगढ़ को भेजे पत्र में इस परियोजना को मंदुरी स्थित एयरपोर्ट को एयरबस A-321 के अनुकूल विकसित एवं विस्तारीकरण हेतु कहा गया है। वहीं 6 जनवरी, 2023 को ही जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत दिए गए जवाब में पता चला कि आजमगढ़ में हवाई पट्टी के विस्तार हेतु प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन है। इसी में आगे कहा गया है कि शासन द्वारा भूमि अधिग्रहण के संबंध में निर्णय प्राप्त होने पर आपको नियमानुसार सूचित कर दिया जाएगा। जो परियोजना शासन में विचाराधीन थी, बिना सूचना के 15 से 20 जनवरी, 2023 के बीच सहमति पत्र के नाम पर कागज पर दस्तखत कराए जाने लगे। जिसका विरोध ग्रामीणों ने किया तो जिलाधिकारी ने 24 जनवरी, 2023 को वार्ता और धरनास्थल पर आकर कहा कि सहमति पत्र पर दस्तखत नहीं कराए जाएंगे और यह परियोजना स्थगित की जाती है। इसी दौरान ग्रामीणों ने कहा था कि परियोजना रद्द करने का लिखित शासनादेश दिया जाए।

30 जनवरी, 2023 को संदीप कुमार उपाध्याय व अन्य के शिकायती प्रार्थनापत्र पर एसडीएम सगड़ी ने लिखा है कि तहसील सगड़ी की जांच आख्यानुसार शासन की मंशा के अनुसार मंदुरी हवाई पट्टी, हवाई अड्डा के विस्तारीकरण के हेतु राजस्व टीम द्वारा सर्वे किया जा रहा है। जब जिलाधिकारी ने परियोजना स्थगित कर दी थी तो किस तरह का सर्वे कार्य किया जा रहा है। इसी पत्र में यह भी लिखा है कि ग्रामवासियों द्वारा अवैध रूप से सर्वे कार्य का विरोध किया जा रहा है। 13 फरवरी, 2023 को एसडीएम सगड़ी द्वारा रामनयन व अन्य के शिकायती पत्र पर लिखा गया है कि तहसील सगड़ी की जांच आख्यानुसार मंदुरी एयरपोर्ट विस्तारीकरण हेतु शासन की मंशा के अनुरूप सर्वे का कार्य किया गया है।

आजमगढ़ में अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम पर हवाईपट्टी विस्तारीकरण के लिए ज़मीन-मकान छीने जाने के खिलाफ पिछले 13 अक्टूबर, 2022 से खिरिया बाग, जमुआ हरिराम, आजमगढ़ में बलदेव मंदुरी, गदनपुर हिच्छनपट्टी, जिगिना करमनपुर, जेहरा पिपरी, जमुआ हरिराम, कादीपुर हरिकेश, हसनपुर और आस पास के गांव के किसान मजदूर धरने पर बैठे हैं।

किसान मजदूर 8 महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं। यह धरना तब शुरू हुआ जब 12-13 अक्टूबर को एसडीएम सगड़ी, कंधरापुर थानाध्यक्ष व अन्य राजस्वकर्मीयों द्वारा भारी पुलिस बल के साथ जबरन गांव में बिना किसी सूचना के सर्वे किया जाने लगा। गैरकानूनी कार्यवाई का ग्रामीणों ने विरोध किया तो महिलाओं, बुजुर्गों को बुरी तरह से मारा-पीटा गया और दलित महिलाओं को जाति सूचक गालियां दी गईं।

पत्र भेजने वालों में किस्मती, सुशीला, नंदलाल, रामचंद्र, नीलम, लीलावती, सुशीला देवी, रामप्यारे यादव, राजबलीराम, विजेंद्र राम, रामदुलार, रामशृंगार, रामचरण, प्रमोद, शाह आलम, महेंद्र राय, सीताराम यादव, बलराम यादव, रामचंद्र यादव हैं।

 

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