2022 में भले ही देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं, मगर सबसे अधिक चर्चा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर देशभर में अधिक सुनाई दे रही है ! उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की चुनाव आयोग ने अभी औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन राजनीतिक दलों की रैलियां रोड शो जनसभाएं बता रही है कि मार्च 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव है !
देश के राजनीतिक दलों के लिए भी, उत्तर प्रदेश सरकार प्रेरणा का केंद्र है, जिन दलों की अन्य राज्यों में सरकारें हैं, उनके लिए भी उत्तर प्रदेश एक उदाहरण बन सकता है की जनता को सरकारी लाभ का एहसास कैसे कराया जाता है ? यदि भाजपा घर-घर जाकर लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने का एहसास कराती तो शायद भाजपा को उसकी इतनी क्रेडिट नहीं मिलती जितनी क्रेडिट लाभार्थियों को जनसभा में लाकर सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने का एहसास कराया जा रहा है !
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर खास चर्चा, ‘लाभ, लाभार्थी और चुनावी रैलियों को लेकर खासी है’
उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ताबड़तोड़ रैलियां, उद्घाटन और शिलान्यास उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की सुर्खियां बने हुए हैं! केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने वाली उत्तर प्रदेश की जनता को लाभार्थी शब्द के रूप में नवाज कर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों में ले जाकर, भाजपा के नेता जनता को एहसास करा रहे हैं कि भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में जनता को कितना लाभान्वित किया है ! जहां एक तरफ भाजपा के नेता उत्तर प्रदेश की जनता को सरकारी लाभ मिलने का एहसास करा रहे हैं तो वही विपक्ष के नेता भाजपा सरकार पर, सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहे हैं !
लेकिन, सत्ताधारी राजनीतिक दल की पारदर्शिता इससे बड़ी और क्या होगी की, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की जन सभाओं में सरकार की योजनाओं का लाभ पाने वाली जनता को लाभार्थी जैसे शब्द से नवाज कर पूरी ईमानदारी के साथ जनसभा में लाया जाता है !
जनता भी यह बताने से परहेज नहीं करती की वह सरकारी योजनाओं के लाभार्थी हैं !
देश के राजनीतिक दलों के लिए भी, उत्तर प्रदेश सरकार प्रेरणा का केंद्र है, जिन दलों की अन्य राज्यों में सरकारें हैं, उनके लिए भी उत्तर प्रदेश एक उदाहरण बन सकता है की जनता को सरकारी लाभ का एहसास कैसे कराया जाता है ?
यदि भाजपा घर-घर जाकर लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने का एहसास कराती तो शायद भाजपा को उसकी इतनी क्रेडिट नहीं मिलती जितनी क्रेडिट लाभार्थियों को जनसभा में लाकर सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने का एहसास कराया जा रहा है !
और वह भी मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के द्वारा लाभ मिलने का एहसास कराया जा रहा है !
यह सच्चाई है कि अभी भी विपक्ष भाजपा के रणनीतिकारों से कोसों दूर हैं !
देवेंद्र यादव कोटा स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं।
[…] लाभ, लाभार्थी और चुनावी रैलियां! […]