इस प्रसंग का जिक्र केवल इसलिए कि महिलाएं जड़ता की शिकार हैं। कुछेक महिलाएं अपवाद जरूर हैं, लेकिन अधिकांश का संबंध फिल्म और साहित्य जगत से है। बोलनेवाली महिलाएं तो साहित्य जगत में ही मिलती हैं। सियासत के क्षेत्र में महिलाएं केवल कठपुतलियां होती हैं, यह बात मैं अपवादों के अलावा जो शेष हैं,उनके लिए कह रहा हूं।
द्रौपदी मुर्मू का मामला अब बन गया है। वह अब राष्ट्रपति का चुनाव जीत जाएंगीं। वजह यह कि भाजपा ने उनका रास्ता शिवसेना में बगावत कराकर साफ कर दिया है। वहां उनके गणेश एकनाथ शिंदे बने हैं। मात्र दसवीं पास एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग को समर्पित अपने हलफानामे में इसका उल्लेख किया है कि उनके उपर 18 मुकदमे हैं। कुछ मामलों में तो बेहद सामान्य धाराएं हैं तो कुछ में बेहद गंभीर। चूंकि सारे मामले अदालतों में विचाराधीन हैं तो कोई उन्हें गुंडा नहीं कह सकता। यह कहा भी नहीं जाना चाहिए।


नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।
मेरी नजर में राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवार (डायरी 22 जून, 2022)
क्या अंग्रेजों पर नैतिक दबाव बनाने के लिए अम्बेडकर ने प्लासी और कोरेगांव युद्ध को आधार बनाया?
you are sick. where this Brahmanism comes in Draupadi Murmu? you are ridiculous left green red thinker.