जाहिर तौर पर आरएसएस के लिए खालिस्तान का मुद्दा अप्रिय मुद्दा नहीं है। इसलिए भी आरएसएस खालिस्तान के एजेंडे को समर्थन देता रहा है। आगे भी वह इसे अपना समर्थन देता रहेगा। स्वयं आरएसएस भी भारत को धर्म निरपेक्ष के बजाय एक हिंदू राष्ट्र बना देना चाहता है। इसलिए दोनों के विचारों में समानताएं हैं। वैसे भी अब्राह्मणी धर्म 'सिक्ख धर्म' का ब्राह्मणीकरण लगभग किया जा चुका है।


नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।
[…] जहर फैलाते हिंदी अखबार (डायरी 7 जून, 2022) […]