हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर अपने दल के कार्यकर्ताओं को किसान आंदोलन के खिलाफ अराजक बनने के लिए आह्वान कर रहे हैं। वे तो यह कह रहे हैं कि अराजकता फैलाने के बाद यदि कोई मामला होगा तो उन्हें अधिक से अधिक तीन से छह महीने की जेल होगी। लेकिन जब वे जेल से बाहर निकलेंगे तो बड़ा नेता बन जाएंगे।

दरअसल, अराजकता फैलती नहीं है, फैलाई जाती है। ठीक वैसे ही जैसे कोई गाड़ी खुद-ब-खुद लोगों को रौंदती नहीं है, बल्कि गाड़ी का चालक रौंदता है। मैं तो अब भी हैरान होता हूं कि इस देश के किसान इतने संवेदनशील हैं और अनुशासित हैं। वे पिछले साढ़े दस महीने से आंदोलनरत हैं। वे दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। इस बीच उनके आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से हर तरह का नुस्खा आजमा लिया जा चुका है।
फिलहाल केवल इतना ही कि राजनीति की परिभाषा क्या है? नंदा जी के मुताबिक, लेनिन ने कहा था– उत्पादन के संसाधनों पर अधिकारों के लिए वर्गों के बीच का संघर्ष ही राजनीति है।