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करसड़ा से उजाड़े गये बाशिंदो ने सामाजिक संगठनों को सुनाया अपना दुःख

31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीते शुक्रवार को करसड़ा मुसहर बस्ती से उजाड़े गये बाशिंदो से विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने रविवार को उनकी बस्ती पहुंचकर मुलाकात की और उनका दुःख सुना। पीड़ितों ने सामाजिक और राजनीति कार्यकर्ताओं से कहा कि तहसीलदार मीनाक्षी पांडेय ने […]

31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीते शुक्रवार को करसड़ा मुसहर बस्ती से उजाड़े गये बाशिंदो से विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने रविवार को उनकी बस्ती पहुंचकर मुलाकात की और उनका दुःख सुना। पीड़ितों ने सामाजिक और राजनीति कार्यकर्ताओं से कहा कि तहसीलदार मीनाक्षी पांडेय ने पुलिस को साथ लेकर बिना पुनर्वासन व्यवस्थापन किया, हमारा घर बस्ती से उजाड़ दिया। बताइए यह कहां का न्याय है। क्या गरीबों को ऐसे ही सताया जाता रहेगा। साहब! आप सब हमें इंसाफ दिलावाइये।

सामाजिक संगठनों के लोग घटना स्थल पर

करसड़ा की मुसहर बस्ती से उजाड़े गये लोगों के साथ दलित फ़ाउंडेशन के प्रतिनिधि अनिल कुमार और सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बैठक कर पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए फ़ाउंडेशन के माध्यम से वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा, राष्ट्रीय मानवाधिकार, एससी-एसटी आयोग को ज्ञापन देने की बात कही। उपर्युक्तद्वय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमारा यह फर्ज बनता है, हम इंसान होने का धर्म निभाएं और आला-अधिकारियों से मिलकर इनके लिए इंसाफ की गुहार लगाएं।

सपा का प्रतिनिधिमंडल भी पीड़ित परिवारों से मिला, किया न्याय दिलाने का वादा

पीड़ित परिवारों से बात करते हुए अनूप श्रमिक

करसड़ा मुसहर बस्ती में घर गिराये जाने की सूचना पर समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल भी पीड़ितों की बस्ती जा पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल ने सपा के कद्दावर नेता और पूर्व राज्यमंत्री मनोज राय धूपचण्डी, जिलाध्यक्ष सुजीत यादव उर्फ लक्कड़, युवजनसभा प्रदेश सचिव वरुण सिंह के नेतृत्व में पीड़ित मुसहरों से मिला और पूरे घटनाक्रम की जानकारी लिया। साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने शीर्ष नेतृत्व को बिगत घटना से अवगत कराया। सपा नेताओं के पहुंचने पर मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि हम सब वर्षों से तहसील राजातालाब के ग्राम करसड़ा गांव में रहते थे। हम सबका घर जिस जमीन पर बना था, उसका बकायदा सट्‌टा इकरारनामा हुआ है। हम यहां बहुत लंबे समय से रह रहे हैं। सामाजिक संस्थाओं और नेताओं की पहल पर हमें बिजली का कनेक्शन दिया गया और अन्य सुविधाएं भी मिली। करसड़ा गांव के प्रधान, स्थानीय लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और भूमाफिया हम वनवासियों को कमजोर समझ कर बेघर कर दिये हैं। पीड़ित परिवारों का आरोप है कि सब ने मिलकर हमारे घरों पर बुल्डोज़र चलवाया और सारा सामान उठा कर फेंक दिया। हमें बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में जमीन आवंटन करके रहने को कहा जा रहा है। बताइए हम सब क्या करें और कैसे जियें? सपा के वाराणसी जिलामहासचिव आनन्द मौर्या और युवा नेता मुलायम यादव ने पीड़ित परिवारों के लिए भोजन व  अनाज सहित जरूरत की अन्य सामग्री का इंतजाम करवाया भी करवाया।

सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि पीड़ित परिवारों ने शनिवार को बस्ती में पहुँचे एसडीएम और एडीएम प्रशासन को पत्रक सौंपकर गुहार लगाई है कि दोषियों को सज्जा दी जाए और हमें न्याय दी जाए। अब देखिए प्रशासन के शीर्ष नेतृत्व क्या करता है? अपने दोषी अधिकारियों को बचाता है या पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाता है। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुजीत यादव उर्फ लक्कड़ और युवजनसभा प्रदेश सचिव वरुण सिंह ने कहा अगर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही नही हुई तो इन बनबासी समुदाय के लिए समाजवादी पार्टी घटना स्थल पर ही डेरा-तम्बू लगाकर आंदोलन करेगी

पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ताओं में अनिल कुमार, राजकुमार गुप्ता, अनूप श्रमिक, बीरभद्र सिंह, धीरेंद्र गिरी सहित स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।

गाँव के लोग
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