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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़
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नवल किशोर कुमार
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नवल किशोर कुमार
विचार
दलित लेखकों-विचारकों की वैचारिक दरिद्रता डायरी (26 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 26, 2021
बचपन वाकई अलहदा था। अहसास ही नहीं होता था कि इंसान-इंसान के बीच कोई भेद होता है। भेद के नाम पर केवल इतना ही...
विचार
‘पाक्सो’ का ‘पास्को’ बन जाना डायरी (25 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 25, 2021
भाषा की परिभाषा क्या है अथवा क्या होनी चाहिए!? यह सवाल लंबे समय से जेहन में है। हालांकि भाषा की अनेक परिभाषाएं देखने और...
विचार
जातिगत जनगणना का सवाल और बदलते संदर्भ डायरी (24 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 24, 2021
मनुष्यों के बीच तुलना के लिए अनेकानेक क्राइटेरिया हैं और इनके आधार पर ही कुछ खास गुणों की पहचान होती है। मतलब यह कि...
विचार
पंचायतों से विधानसभा और लोकसभा, केवल मौजां ही मौजां नहीं, अनाथ होते बच्चे और विधवा होती महिलाएं भी हैं (डायरी- 23 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 23, 2021
बिहार में पंचायती राज निकायों के चुनावों को वहां की सरकार ने सहमति दे दी है। बीते दिनों राज्य मंत्रिपरिषद ने भी इस फैसले...
विचार
विमल, कंवल और उर्मिलेश (पांचवां और अंतिम भाग) डायरी (21 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 21, 2021
किसी भी संज्ञा के आकलन के लिए कुछ पारामीटर आवश्यक हैं और आकलन जरूरी होते हैं क्योंकि आकलन नहीं करने का मतलब यह होता...
विचार
ब्राह्मणवाद पर अदालती प्रहार डायरी (19 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 19, 2021
परिस्थितियां एक जैसी कभी नहीं रहतीं। बदलती रहती हैं। यह मनुष्य पर निर्भर करता है कि वह बदल रही परिस्थितियों के अनुरूप खुद को...
विचार
दुनिया में बेनजीर अफगानिस्तान की ये पांच-छह महिलाएं डायरी (18 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 18, 2021
मैं बेहद रोमांचित हूं और एक हद तक खुश भी। मुझे ये अहसास बहुत कम ही मिलते हैं। कई बार तो लंबे समय तक...
विचार
बात, जो पूंजीवाद और नवउदारवाद के विमर्श के परे भी है डायरी (17 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 17, 2021
पूंजीवाद मेरे जीवन में पहली बार तब आया जब मैं पत्रकार बना ही था। पटना से प्रकाशित दैनिक आज में मुझे जो बीट दिया...
विचार
पत्रकारिता, संसद, न्यायपालिका और बेपरवाह हुक्मरान (डायरी, 16 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 16, 2021
प्रधानमंत्री के पद पर बैठा व्यक्ति बेहद महत्वपूर्ण होता है। उसे अपना अपना महत्व बनाए रखना चाहिए। इसके लिए उसका उदार होना, सौम्य होना...
विचार
ओम बिरला, वेंकयानायडू और हरिवंश की रीढ़ डायरी (13 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 13, 2021
भारत में लोकतंत्र बड़ी तेजी से पतन की ओर अग्रसर है। जिस तरह से भारत में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार लोकतांत्रिम परंपराओं का अवमूल्यन...
विचार
विमल, कंवल और उर्मिलेश डायरी (11 अगस्त, 2021) (दूसरा भाग)
गाँव के लोग
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August 11, 2021
कल का दिन एक खास वजह से महत्वपूर्ण रहा। लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा लाया गया अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित 127वां संविधान...
विचार
‘शाश्वत सत्य’ और राज्य डायरी (9 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 9, 2021
भारतीय सामाजिक व्यवस्था का केंद्रीय चरित्र पूंजीवादी है और यह कोई नयी बात नहीं है। चार वर्णों की व्यवस्था इसलिए ही बनायी गयी है।...
विचार
हम हिन्दू नहीं, आदिवासी हैं…डायरी (8 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 8, 2021
धरती और अंतरिक्ष में अंतर है। वैज्ञानिक स्तर पर तो अंतर यही है कि धरती पर गुरुत्वाकर्षण शक्ति का मान अलग होता है और...
विचार
प्रभाष जोशी ब्राह्मण थे, इसलिए बकवास भी खूब लिखते थे डायरी (6 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 6, 2021
“तिलक, तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार” का नारा कांशीराम ने दिया था। उन्होंने यह नारा क्यों दिया था, यह मुझे तब समझ...
विचार
आरक्षण ओबीसी का अधिकार है, भीख नहीं डायरी (5 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 5, 2021
ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग। इन दिनों यह वर्ग राजनीति और खबरों के केंद्र में है। नरेंद्र मोदी सरकार इन दिनों ताबड़तोड़ फैसले कर...
विचार
खतरे में है देश की संप्रभुता डायरी (28 जुलाई, 2021)
गाँव के लोग
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July 28, 2021
समय बहुत मूल्यवान होता है। इसकी कीमत का कोई आकलन नहीं हो सकता। ऐसा मेरा मानना है। वहीं मैं यह भी मानता हूं कि...
विचार
नेपाल,भारत और मेरा पुत्र जगलाल दुर्गापति (15 जुलाई, 2021 की डायरी )
गाँव के लोग
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July 15, 2021
बात वर्ष 2015 की है। देश के प्रसिद्ध समाजवादी विचारक सच्चिदानंद सिन्हा से साक्षात्कार का अवसर मिला था। साक्षात्कार के दौरान भारत में लोकतंत्र...
विचार
आम और आदमी या आम आदमी या फिर कोई और? (11 जुलाई, 2021 की डायरी)
गाँव के लोग
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July 11, 2021
दो शब्द हैं - आम आदमी। दोनों शब्दों के बीच कोई मेल नहीं। मतलब यह कि आम एक फल है और आदमी आदमी। लेकिन...
विचार
बीज, बाजार और किसान (9 जुलाई, 2021 की डायरी)
गाँव के लोग
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July 9, 2021
समाज कैसे बदलता है? यह एक सवाल हो सकता है। खासकर उनके लिए जो समाज के बदलने की प्रक्रिया से परिचित नहीं हैं। वैसे...
विचार
अंतरिक्ष के बाशिंदे (8 जुलाई, 2021 की डायरी)
गाँव के लोग
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July 8, 2021
बचपन में अंतरिक्ष को लेकर मन में बड़ी दिलचस्पी रहती थी। आज भी है लेकिन आज मेरे सवालों के जवाब हैं। बचपन में जवाब...
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वाराणसी : मुसहर बस्ती के निवासियों ने भूमि अधिकार व पट्टे हेतु ज्ञापन सौंपा
July 5, 2025
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July 5, 2025
बिहार में ‘हर घर नल का जल’ की हकीकत : बरमा गांव की प्यास
July 5, 2025
बनारस में एक नई शुरुआत है ‘बिरहा में कबीर’
July 1, 2025
हिंदुत्व का अर्थशास्त्र और संघ का संविधान विरोध
June 30, 2025
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