TAG
indira gandhi
नरेन्द्र मोदी : तानाशाही से देवत्व की ओर
गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान से ही नरेन्द्र मोदी की छवि को एक करिश्माई नेता की बनाने का जो प्रयास शुरू हुआ, अब वह देवत्व तक आ चुका है।
कांग्रेस की नीतियों से दलित और आदिवासी समाज सर्वाधिक लाभान्वित हुए
भारतीय समाज विश्व का सर्वाधिक विषमतापूर्ण समाज है, जिसके लिए जिम्मेवार रही है वर्ण व्यवस्था। धर्म के आवरण में लिपटी वर्ण व्यवस्था सदियों से...
उचित नहीं है प्रधानमंत्री द्वारा संसद भवन का उद्घाटन
भोपाल। संपूर्ण देश में इस बात पर बहस छिड़ी हुई है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन संविधान के प्रावधानों...
गैंग्स ऑफ गोरखपुर – जातीय दंभ को दांव पर लगाकर यहाँ से शुरू होते हैं राजनीति और अपराध के साझी बिसात के खेल
उत्तर प्रदेश के बाहुबली -1
ऐलान होता था कि ‘घर से मत निकलना, आज गोली चलेगी और लोग डर से छुप जाते थे
उत्तर प्रदेश के...
भूलने के दौर में इन्दिरा गांधी की यादें
इकतीस अक्टूबर को देश ने आयरन मैन सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई। परंतु 31 अक्टूबर का एक और महत्व है। उस दिन...
क्या कांग्रेस भाजपा की विकल्प हो सकती है?
एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें पुलिसवालों से घिरे हुए राहुल गाँधी ज़मीन पर बैठे हैं। राहुल एक राष्ट्रीय स्तर...
द्रौपदी मुर्मू से पहले भारत में राष्ट्रपतियों की परम्परा को भी देखिए
आज द्रौपदी मुर्मू ने भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण कर लिया। इस अवसर पर उन्हें शुभकामनाएं। द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष...
राहुल गांधी के भाषण में दर्द, चिंता और कटाक्ष
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा 2 फरवरी बुधवार को संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दिया गया...
यह किसी यक्ष का प्रश्न नहीं है (डायरी, 22 दिसंबर 2021)
समय चक्र एक खूबसूरत शब्द है। समय को एक चक्र के रूप में देखने का विचार निश्चित तौर पर इस कारण से लोगों के...
नवउदारवादी युग में महिलाएं और सियासत (डायरी, 25 नवंबर 2021)
हिसाब से मानव समाज के दो ही आधार हैं। एक स्त्री और दूसरा पुरुष। बाकी तो जो है, वह रिश्ता है। रिश्ते के हिसाब...
आंख में रखो कुछ पानी, यह है इंदिरा की कहानी (डायरी 19 नवंबर, 2021)
आज 19 नवंबर है। आज के ही दिन 1917 में इंदिरा गांधी का जन्म हुआ था। इस नाते आज के दिन का महत्व है।...
सत्ता और जनसत्ता (डायरी, 13 अक्टूबर 2021)
जीवन को लेकर मेरी एक मान्यता है। यह मान्यता विज्ञान पर आधारित है। मेरी मान्यता है कि ब्रह्मांड में कुछ भी स्वतंत्र नहीं है।...
बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे
लोहिया और बाद में जे.पी. के समय जो ग़लती समाजवादियों से हुई उसके प्रायश्चित का समय नजदीक आता जा रहा है। पर क्या यह...
सियासत और समाज ( डायरी 6 अक्टूबर, 2021)
सियासत यानी राजनीति की कोई एक परिभाषा नहीं हो सकती है। साथ ही यह कि सत्ता पाने का मतलब केवल प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनना...
जातिवादी अन्याय के खिलाफ एक अग्निपुंज थे राजा ढाले
मुझे आज भी यह घटना नहीं भूलती जब मेरे घर पर शिवकुमार मिश्र और राममूर्ति त्रिपाठी आए थे। दोनों को यह पता चला कि राजा ढाले यहाँ रहते हैं तब दोनों ने उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की। बातचीत करते-करते खाने का समय हो गया। जैसे ही थाली लगने लगी ढाले जी चले गये। मेरी माँ ने कहा उनकी भी थाली लगी है। मेरे पिता जी उन्हें बुलाने गये और साथ में खाना खाया। तब ढाले जी ने कहा मैंने कभी नहीं सोचा था काशी के ब्राहमण हमारे साथ खाना खायेंगे।
कौन बनाता है मुख्यमंत्री?
तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने एक बार कहा था कि पंडित नेहरू के समय मुख्यमंत्री नामजद नहीं होते थे. उनकी इस टिप्पणी के...