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विधानसभा उपचुनाव : क्या बूढ़े नेताओं को नकार रही है जनता

7 राज्यों में 13 सीटों पर हुए उपचुनाव में इंडिया गठबंधन ने 10 सीटों पर चुनाव जीत लिया। भाजपा को कुल 2 सीटों पर जीत हासिल हुई। इससे एक बात स्पष्ट हो गई कि जनता भी अब जायज़ मुद्दे पर ही चुनाव में प्रतिनिधि का चुनाव करेगी। जनता हिंदुतव और धर्म के मुद्दे से ऊब चुकी है। लोकसभा चुनाव में भी जनता की मंशा सामने आई थी और विधानसभा उपचुनाव के ये नतीजे भी संकेत कर रहे हैं कि राजनैतिक दल यदि ऐसे ही रहे तो उनका चुनाव जीतना मुश्किल होगा।

Lok Sabha Election : संविधान को खत्म करने का प्रयास करने वालों को सबक सिखाना होगा, छपरा में बोले लालू प्रसाद यादव

लालू प्रसाद ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए कहा, ‘बाबा साहेब आंबेडकर के बनाए संविधान को मिटाने और खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर संविधान नहीं होता तो न आरक्षण होता और न ही लोकतंत्र।

लोकसभा चुनाव : चंपारण का मीट तो लज़ीज़ पका लेकिन गठबंधन पॉलिटिक्स कच्ची रह गई

पप्पू सर्राफ का बनाया मीट तो उसके ग्राहकों के लिए सुपाच्य है लेकिन राजनीति में पप्पू के तौर पर मशहूर राहुल गांधी का बनाया मीट और उससे निकली पॉलिटिकल संधि बिहार में ‘अपच’ का शिकार हो गई।

अमित शाह के बिहार दौरे के सियासी निहितार्थ, क्या यूँ ही खुल गए नीतीश के लिए भाजपा के दरवाजे?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बीते 17 महीने में बिहार का नौवां दौरा है। आने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए  भाजपा हमेशा की तरह ही सीरियस और पेशेवर रवैया रखती दिखाई दे रही है। 

बिहार : जनता का भरोसा जीतने के लिए तेजस्वी ‘जन विश्वास यात्रा’ पर रवाना हुये

यात्रा पर निकलने से पहले तेजस्वी यादव ने कहा 'मैं जनता का भरोसा जीतने के लिए उनके बीच जा रहा हूं । नीतीश कुमार का अपना कोई दृष्टिकोण नहीं है और न ही उनके पास गठबंधन बदलने का कोई कारण।'

बिहार की राजनीति में बढ़ रही है बेचैनी

पटना (भाषा)। बिहार में जारी राजनीतिक गहमागहमी के बीच विधानसभा अध्यक्ष व विधायक अवध बिहारी चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू...

क्या भूमिहीन जातियों के लिए जमीन का बंदोबस्त कर पायेगी जाति जनगणना

  उत्तर भारत की राजनीति में जाति जनगणना की बात लंबे समय से चल रही थी। कभी लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, गोपीनाथ मुंडे और...

बिहार में हुई जाति जनगणना अब सामने है भागीदारी की चुनौती

लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा सियासी दाँव खेलते हुए जातीय  जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दिया। सरकार...

‘चक दे इंडिया’ के जोश में खड़ा विपक्ष और संकट में पड़ा भगवा राष्ट्रवाद

भाजपा जिस तरह अब से पूर्व अपनी विपक्षी पार्टियों का मज़ाक उड़ाती रही है पर इस बार मज़ाक उड़ाने की सोच पर भी उसे अनचाहे अंकुश लगाना पड़ेगा। इंडिया पर हमला करना भाजपा के लिए कठिन काम होगा। संगठन के रूप में इंडिया भले ही भारत का प्रतीक नहीं हो पर उसका ध्वन्यात्मक भाव देश से ज्यादा देश की जनता का प्रतीक बनता दिख रहा है।

जो मण्डल कमीशन का विरोधी वही बन रहा हितैषी

सरकार द्वारा लैट्रल इंट्री पर संयुक्त सचिव स्तर पर आईएएस में सीधी साक्षात्कार करके की जाने वाली भर्ती के विज्ञापन में एससी, एसटी, ओबीसी आवेदन के पात्र नहीं लिखा गया है। ऐसा करके हमें संविधान में दिया गया अवसर की समानता के अधिकार से वंचित किया गया है। जो हमारे मूल अधिकारों का हनन है और हम मोदी के गुणगान कर रहे हैं।

पिछड़े समाज के सम्मान और उत्थान के सूत्रधार के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे शरद यादव

सामाजिक न्याय का परचम उठाकर, समानान्तर राजनीति की धुरी बने रहने वाले नेता शरद यादव नहीं रहे। शरद यादव प्रायोगिक राजनीति के पुरोधा थे...

जिन्होंने पिछड़ों के लिए कुर्सी गँवाई पिछड़े ही उन्हें कभी याद नहीं करते!

व्यक्तिगत तौर पर विश्वनाथ प्रताप सिंह बेहद निर्मल स्वभाव के थे और प्रधानमंत्री के रूप में उनकी छवि एक मजबूत और सामाजिक, राजनैतिक दूरदर्शी...

इतिहास के आइने में सपा तथा नई सपा के युवा सारथी अखिलेश यादव की चुनावी रणनीतियां

समाजवादी पार्टी की प्रासंगिकता और लोकप्रियता अब भी बरकरार है, जिसे अखिलेश यादव की जनसभाओं में उमड़ती हुई भीड़, युवा वर्ग और कार्यकर्ताओं को...

जीवन में ईमानदारी और सामाजिक न्याय की पहरेदारी के बेमिसाल नायक कर्पूरी ठाकुर

कर्पूरी ठाकुर भारतीय के एक बेमिसाल शख्सियत थे जिनकी राजनीति और सरोकार कभी मद्धिम नहीं पड़े बल्कि उनका महत्व लगातार बढ़ा है। सामाजिक न्याय...

देश के लिए जरूरी हैं शरद यादव, लालू यादव और मुलायम सिंह यादव का पराक्रम(डायरी, 27 नवंबर 2021) 

संविधान दिवस का फेसबुकिया सेलिब्रेशन कल देर रात चलता रहा। कल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संविधान को लेकर अपना ज्ञान बांटा। सुप्रीम...

पटना के एम्स में चाहिए इलाज तो देना होगा वीवीआईपी होने का प्रमाण (डायरी 3 नवंबर, 2021) 

यह एक मजदूर की दास्तान है और वह भी असंगठित क्षेत्र के मजदूर की जो रिश्ते में मेरा चचेरा भाई भी है। उम्र में...

‘अंतरात्मा’ की आवाज़ डायरी (23 सितंबर 2021)

आज बात बिहार की। बीते कई दिनों से बिहार की याद भी बहुत आ रही है। इसकी वजह शायद यह कि दिल्ली से बिहार...

अपनी हिस्सेदारी का मतलब समझती हैं औरतें, उनका स्वागत किया जाना चाहिए डायरी (8 सितंबर, 2021)

वैसे तो यह कोई असामान्य बात नहीं है। घर का मुखिया जो भी काम करे, उसके परिजन उसी हिसाब से सोचते-विचारते हैं। घर का...

लालू यादव के घर में ‘रगड़ा’ डायरी (22 अगस्त, 2021)

  पालिटिक्स के बारे में मेरा अपना एक फलसफा है। लेकिन इसे अभिव्यक्त करने के लिए आंचलिक शब्दों का उपयोग नहीं करूंगा। खड़ी हिंदी में...

ओम बिरला, वेंकयानायडू और हरिवंश की रीढ़  डायरी (13 अगस्त, 2021)

भारत में लोकतंत्र बड़ी तेजी से पतन की ओर अग्रसर है। जिस तरह से भारत में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार लोकतांत्रिम परंपराओं का अवमूल्यन...

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