देश में चल रहे लोकसभा चुनावों में स्थानीय मुद्दे ज्यादा उठ रहे हैं। ऐसा ही पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाथरस और फिरोजाबाद में आवारा पशुओं से छुटकारा चुनावी मुद्दा बना हुआ है।
विगत कई जनसभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र के खिलाफ तथ्यहीन बातें की हैं क्या वह उनकी संभावित हार और अपने विकास कार्यों के प्रति जनता के अविश्वास का नतीजा है। आखिर वह क्यों इतनी अनर्गल और सांप्रदायिक बातें कर रहे हैं?
बरसों तक सामंती तुर्रे में जी रहे राजपूतों को यह समझ में आ गया कि राजनैतिक रूप से उनकी कोई सामाजिक हैसियत नहीं रह गई है। राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश तक राजपूत संगठनों ने सम्मेलन किए और वर्तमान भाजपा सरकार के प्रति अपने असंतोष को जाहिर किया। उन्होंने इस चुनाव में वर्तमान भाजपा सरकार को सत्ता से दूर करने की कसम खा ली। यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि उनकी कसम का क्या राजनैतिक प्रभाव पड़ता है? लेकिन उन्होंने जिस तरह से बहुजन समाज के प्रति जिस तरह से अपनी पक्षधरता जाहिर की है, उसके संकेत सकारात्मक है
पूरे देश में खेती करने वाले किसानों का खस्ताहाल है। सरकारी सुविधा से न तो उन्हें बीज उपलब्ध हो पाता है न खाद और न ही बाजार। ऐसे में किसान उत्पादित फसल को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हो जाता है या फिर अपना पुश्तैनी काम छोडकर किसी दूसरे काम को करते हुए बामुश्किल अपनी जीविका चला पाता है। बिहार के किशनगंज से रेशम की खेती करने वाले किसानों की जमीनी हकीकत की पड़ताल करती यह रिपोर्ट
भाजपा ने किसान विरोधी नीतियों को ही तरजीह दी, इस वजह से किसान अच्छे-खासे नाराज हैं और अब जब लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी गाँव पहुँच रहे हैं, तब ग्रामीण उनका विरोध कर उन्हें गाँव से भगा रहे हैं। गुरुदासपुर में हुई यह घटना कोई पहली घटना नहीं है, ऐसे अनेक मामले पूरे देश में सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आ रहे हैं।
कांग्रेस ने मणिपुर की दो लोकसभा सीट के लिए शुक्रवार को हुए मतदान के दौरान चुनाव में धांधली और बूथ पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए कुल 47 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराए जाने की मांग की थी।
बहुजन डाइवर्सिटी मिशन ने लोगो से अपील करते हुए कहा है कि भारतीय लोकतंत्र और संविधान को बचाए रखने के लिए आप लोगों के पास यह आखिरी मौका है।अगर हिन्दुत्ववादी भाजपा सरकार फिर सत्ता में आती है तो संविधान का जनाजा निकलने के साथ आप दलित, आदिवासी, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों का विशुद्ध गुलामों की स्थिति में पहुंचना तय सा हो जायेगा।
झारखंड में खूंटी संसदीय क्षेत्र के जंगलों-पहाड़ों से घिरे इलाके में दूर-दूर तक आदिवासी परिवार पानी संकट से जूझ रहे हैं। रोजगार का सवाल उन्हें अलग सताता है। कई गांवों से युवा पलायन कर रहे हैं। गर्मी की वजह से पहाड़ी नदियां सूख रही हैं। लोकतत्र के इस महापर्व में इन इलाकों में चुनावी शोर कम है और जिंदगी की जद्दोजहद ज्यादा। पड़ताल करती एक ग्राउंड रिपोर्ट..
ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन ने पूर्वी नगालैंड में फ्रंटियर नगालैंड टेरिटरी' (एफएनटी) की मांग को लेकर छ जिले में पहले ही चुनाव के बहिष्कार की घोषणा कर दी गई थी। आज सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान केन्द्रों पर मतदान अधिकारी मतदाताओं का इंतज़ार करते रहे लेकिन एक भी मतदाता मत डालने नही पहुंचा।
वर्ष 2019 में बीजेपी के 303 सांसद लोकसभा में पहुंचे थे। अबकी बार 70 सीट अधिक लाने की बात कर रहे हैं, याने बीजेपी की कुल सीटें 370 होंगी। इस बार बीजेपी गठबंधन के साथ 400 पार की बात कर रही है। पिछले चुनाव में गठबंधन की 50 सीटें थीं लेकिन इस बार जो गणित बीजेपी ने तय किया, उसमें 30 सीटों पर आने की संभावना है। पढ़िए महेंद्र यादव का चुनाव पर विश्लेषणात्मक लेख
क्या ईवीएम मशीन में किसी भी दल का बटन दबाने पर वोट बीजेपी को जाता है ? चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में बताया इसका जवाब। आज EVM-VVPAT की विश्वसनीयता से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।
गांव में शाम 7:00 बजे अचानक 31 जीपों, एक बस व एक जे.सी.बी. मशीन के साथ पुलिस पहुंची। लोगों के विरोध करने के बावजूद रात को बारह बजे तक ग्राम प्रधान के पति राज बहादुर की मदद से मूर्ति हटवा दी गई और उसका चबूतरा तोड़ दिया गया।
लालू प्रसाद ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए कहा, ‘बाबा साहेब आंबेडकर के बनाए संविधान को मिटाने और खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर संविधान नहीं होता तो न आरक्षण होता और न ही लोकतंत्र।
विजयन ने मोदी और भाजपा पर राज्य के प्रति ‘पाखंडी दृष्टिकोण’ अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केरल में सोमवार को प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए दो भाषणों में यही दिखा है।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उम्मीदवारों की घोषणा जारी है। हैरान करने वाला तथ्य यह है कि भाजपा और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अभी तक मुस्लिम समुदाय की एक भी महिला को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है।
8 फरवरी 2014 को भाजपा के घोषित पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने इम्फाल में 'न्यू होप, न्यू मणिपुर' रैली को संबोधित किया था। उन्होंने अपने भाषण में मणिपुर के लोगों को एक नई उम्मीद और नए मणिपुर का भरोसा दिया था।